Hindi News / State / Uttar Pradesh / मुख्यमंत्री योगी ने मुख्तार की कब्जे वाली जमीन पर बने 72 फ्लैट लाभार्थियों को सौंपे, कहा-माफिया के संरक्षकों पर भी कार्रवाई होगी

मुख्यमंत्री योगी ने मुख्तार की कब्जे वाली जमीन पर बने 72 फ्लैट लाभार्थियों को सौंपे, कहा-माफिया के संरक्षकों पर भी कार्रवाई होगी

लखनऊ में ‘एकता वन’ में 72 परिवारों को आवास के चाबियाँ सौंपते हुए योगी ने कहा माफियाओं की जमीन अब गरीबों का घर बनी, मंच पर मिले शायर लाभार्थी की शायरी पर मुख्यमंत्री ने ली मंत्री की चुटकी

Yogi Adityanath handing over flats keys to beneficiaries at Ekta Van, Lucknow | UP News

लखनऊ के डालीबाग स्थित ‘एकता वन’ में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्तार अंसारी के कब्जे से मुक्त कराई गई जमीन पर बने 72 फ्लैटों की चाबियाँ लाभार्थी परिवारों को सौंपकर एक प्रतीकात्मक पल उत्पन्न कर दिया। मौजूद लोगों और अधिकारियों के अनुसार यह आवास सरदार वल्लभभाई पटेल आवासीय योजना के तहत बनाये गए तीन ब्लॉक के ग्राउंड+3 संरचना वाले फ्लैटों में हैं, जिनका क्षेत्रफल 36.65 वर्ग मीटर निर्धारित किया गया है और कीमत लगभग 10.70 लाख रुपये रखी गई है। एलडीए द्वारा आयोजित लॉटरी प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ संपन्न हुई थी, जिसमें ऑनलाइन पंजीकरण के दौरान करीब 8,000 लोगों ने आवेदन किया और पात्र आवेदकों का चयन 4 नवंबर को लॉटरी के जरिए किया गया। कार्यक्रम में मंच पर उपस्थित उन 72 परिवारों के चेहरों पर खुशी साफ देखी जा सकती थी-कई लाभार्थी भावुक हुए, कुछ ने मंच पर जाकर अपना हृदय व्यक्त किया। फ्लैट पाने वाले सोनू कुमार कनौजिया मंच पर शायरी पढ़कर सरकार के प्रति आभार प्रकट करते दिखे; उनकी शायरी पर मुख्यमंत्री मुस्कुराये और जोरदार तालियों से उनका उत्साह बढ़ाया। योगी ने स्वयं कई लाभार्थियों को चाबियाँ सौंपकर उनका अभिवादन किया और सरकार की ओर से गृहस्थी के सामान भी लाभार्थियों को दिए गये। कार्यक्रम में मेयर, स्थानीय विधायक, सांसद और कई अधिकारी मौजूद रहे, जिन्होंने इस योजना के महत्व और लाभार्थियों के जीवन पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभाव पर चर्चा की।

मुख्यमंत्री के बयान: माफिया से मुक्त भूमि पर जनकल्याण का संदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मौके पर कहा कि यह वही भूमि है जो पहले माफियाओं के कब्जे में थी और आज गरीबों के आशियानों की नींव बन चुकी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार का इरादा स्पष्ट है-किसी भी सार्वजनिक या निजी भूमि पर अवैध कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जहां से भी कब्जे हटेंगे, वहां जनकल्याण के कामों को प्राथमिकता दी जाएगी। योगी ने सख्त लहजे में उन लोगों पर चेतावनी भी दी जो माफियाओं के संरक्षक बनते हैं या माफियाओं की कब्रों पर जाकर ‘फातिहा’ पढ़ने वालों के जरिये गरीबों का शोषण करवाते हैं; उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई होगी। अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री ने सोनू की शायरी का ज़िक्र करते हुए एक हल्की-फुल्की चुटकी भी ली और मंत्री सुरेश खन्ना की ओर इशारा कर हास्यप्रद टिप्पणी की, जिससे कार्यक्रम का माहौल गर्मजोशी और उत्साह दोनों से भर गया। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था, निवेश और धार्मिक पर्यटन के विकास का भी उल्लेख किया और कहा कि अब उत्तर प्रदेश में माफियाओं का राज नहीं चलेगा बल्कि गरीबों को उनका हक लौटेगा। मंच पर आये कई वक्ताओं ने भी पूर्व में माफियाओं के दबदबे के युग का जिक्र किया और वर्तमान सरकार द्वारा अतिक्रमण हटाने तथा जमीनें मुक्त कर गरीबों को आवास देने की नीति की सराहना की। आयोजन के दौरान अधिकारियों ने बताया कि इस परियोजना का इतिहास भी ध्यानयोग्य है-यह वही भूखंड है जिसे एलडीए ने पहले खंगाला और क्रमिक कार्रवाई के बाद कब्जा मुक्त कराकर आवास निर्माण की अनुमति मिली। निर्माण के दौरान कुछ भूभाग पर विवाद का सामना करना पड़ा था, पर बाद में सहमति मिलने पर पूरा काम पूरा हुआ और आज 72 फ्लैटों का हस्तांतरण संभव हुआ।

योजना का महत्व, लाभार्थियों की प्रतिक्रियाएँ और आगे की पहलें

कार्यक्रम में लाभार्थियों ने स्वयं अपनी परिस्थितियों का जिक्र किया; कई वर्षों तक किराये के मकानों में रहने वाले लोगों ने कहा कि उनका जीवन बदलने वाला है और अब वे अपने परिवार के लिए स्थिर निवास सुनिश्चित कर पाएंगे। एक लाभार्थी ने बताया कि डालीबाग जैसी प्राइम लोकैशन में मकान मिलने का सपना उन्हें कभी नहीं सूझा था, पर आज वह सपना साकार हुआ है। एलडीए अधिकारियों ने बताया कि योजना में स्वच्छ पेयजल, सीबीएसई, विद्युत आपूर्ति, सुरक्षा व्यवस्था और दोपहिया वाहन पार्किंग जैसी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित की गई हैं। मुख्यमंत्री ने साथ ही घोषणा की कि 75 जिलों में सरदार वल्लभभाई पटेल एम्प्लॉयमेंट सेंटरों के माध्यम से स्किल डेवलपमेंट और रोजगार संबंधी पहलें भी चलाई जाएंगी, ताकि आवास मिलने के बाद लाभार्थियों को आत्मनिर्भर बनाने के उपाय भी सुनिश्चित हों। कार्यक्रम के दौरान यह भी बताया गया कि लाभार्थियों का चयन पूरी पारदर्शिता के साथ किया गया और जिन परिवारों को आवास दिए गए, उनके समितियों को गृहस्थी का सामान भी प्रदान किया गया। प्रशासन ने यह आश्वासन भी दिया कि यदि कोई अनियमिता या लापरवाही पाई जाती है तो संबंधित पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी; वहीं सामाजिक संगठनों और स्थानीय प्रतिनिधियों ने अपील की कि आगे भी ऐसे आवासीय प्रोजेक्ट्स में पात्रता और पारदर्शिता के मानदंड कायम रहें। संयोजक और अधिकारी यह भी बता रहे हैं कि जिन जमीनों को मुक्त कराया गया उन पर जनहित के और भी कई प्रोजेक्ट आगे चलकर लक्ष्यित किए जायेंगे ताकि अपराध और अवैध कब्जों के स्थान पर समाज के कमजोर तबके को अधिक से अधिक लाभ मिले। इस कार्यक्रम ने संकेत दिया कि सरकारी नीतियाँ न केवल पैनल पर घोषणाओं तक सीमित हैं बल्कि ज़मीन पर क्रियान्वयन का स्वरूप भी बदला जा रहा है; अब सवाल यह रहेगा कि आवंटित आवासों का रख-रखाव, लाभार्थियों का पंजीकरण के बाद समुचित संबल और भविष्य में ऐसे अन्य स्थानों पर समान हस्तांतरण कितनी प्रभावी ढंग से लागू होंगे।

ये भी पढ़ें:  Uttar Pradesh News : कांग्रेस नेत्री पूनम पंडित का ऐलान-“दीपक से शादी होकर रहेगी”, सपा नेता पर लगे आरोपों को बताया साजिश
Share to...