गोरखपुर में सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर दो किलोमीटर लंबी ‘एकता यात्रा’ निकालकर देश की एकता और अखंडता का संदेश दिया। टाउन हॉल से गोलघर तक निकली इस पदयात्रा में हजारों लोग शामिल हुए। जगह-जगह लोगों ने सीएम योगी पर पुष्पवर्षा की और देशभक्ति के नारों से माहौल गूंज उठा। यात्रा की शुरुआत राष्ट्रगीत के सामूहिक गायन के साथ हुई, जिसमें “वंदे मातरम्” और “जन गण मन” की स्वर लहरियों ने वातावरण को देशभक्ति से सराबोर कर दिया। मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी और रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की और फिर गोलघर स्थित काली माता मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की। उन्होंने कहा कि आज की यात्रा सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि उस संकल्प का प्रतीक है जो सरदार पटेल ने भारत को अखंड और एकजुट बनाए रखने के लिए लिया था। योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश सरदार पटेल के आदर्शों पर चल रहा है। उन्होंने कहा कि जिस तरह गुजरात में नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर डैम और ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ बनाकर भारत की एकता का प्रतीक खड़ा किया गया, उसी भावना से पूरे उत्तर प्रदेश में एकता यात्रा आयोजित की जा रही है। इस यात्रा का उद्देश्य लोगों में राष्ट्रवाद की भावना को मजबूत करना और नई पीढ़ी को यह सिखाना है कि कोई भी व्यक्ति, संस्था या विचार राष्ट्र से ऊपर नहीं हो सकता। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि प्रदेश के सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों में 25 नवंबर तक 10 किलोमीटर लंबी एकता यात्रा निकाली जाएगी, ताकि हर नागरिक तक राष्ट्रीय एकता का संदेश पहुंच सके।
समाज को बांटने वालों को पहचानो, नया जिन्ना पैदा होने न दो
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि आज भी कुछ लोग देश की एकता और अखंडता को कमजोर करने की साजिश रच रहे हैं। ये वही ताकतें हैं जो कभी सरदार पटेल जैसे राष्ट्रनायकों के योगदान को नकारती हैं और जिन्ना जैसे विभाजनकारी व्यक्तित्वों को महिमामंडित करने का प्रयास करती हैं। उन्होंने कहा कि “हमें याद रखना होगा कि भारत की धरती पर कोई नया जिन्ना पैदा न होने पाए, और अगर कोई ऐसा साहस करता है तो उसे दफन कर देना चाहिए।” योगी ने अपने भाषण में स्पष्ट कहा कि देश की एकता को चुनौती देने वाले उग्रवाद, नक्सलवाद और आतंकवाद जैसे तत्व समाज के लिए विष समान हैं। उन्होंने समाज से अपील की कि जाति, धर्म या क्षेत्र के नाम पर बांटने वालों को पहचाने और उनसे सतर्क रहें। उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग वंदे मातरम् जैसे राष्ट्रगीत का विरोध करते हैं और तुष्टिकरण की राजनीति के चलते समाज में फूट डालने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि यही वह मानसिकता है जिसने 1947 में देश के विभाजन की नींव रखी थी। योगी ने कांग्रेस के इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि जब मोहम्मद अली जौहर ने 1923 के कांग्रेस अधिवेशन में वंदे मातरम् गाया, तब मोहम्मद अली जिन्ना ने अध्यक्षता की कुर्सी छोड़ दी थी। उन्होंने कहा कि आज भी वही सोच कुछ लोगों में जिंदा है, जो व्यक्तिगत आस्था को राष्ट्रहित से ऊपर रखती है। योगी ने कहा कि भारत का नागरिक होने के नाते हम सबका दायित्व है कि राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए हर स्तर पर संघर्ष करें।
यूपी के सभी स्कूलों में अनिवार्य होगा ‘वंदे मातरम्’, युवाओं में राष्ट्रभक्ति जगाने का आह्वान
अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अब उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में ‘वंदे मातरम्’ का नियमित और अनिवार्य गायन किया जाएगा। यह निर्णय विद्यार्थियों में राष्ट्रभक्ति की भावना को प्रबल करने और स्वतंत्रता संग्राम के मूल आदर्शों को जीवित रखने के उद्देश्य से लिया गया है। योगी ने कहा कि “वंदे मातरम्” वह मंत्र है जिसने भारतीयों को विदेशी शासन की गुलामी से मुक्त होने का साहस दिया था। इसे सिर्फ एक गीत नहीं, बल्कि राष्ट्रीय गौरव और स्वतंत्रता की पहचान के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने वंदे मातरम् के ऐतिहासिक महत्व को याद दिलाते हुए कहा कि 1875 में बंकिमचंद्र चटर्जी द्वारा रचित इस गीत ने 1905 के बंगाल विभाजन के दौरान ब्रिटिश शासन के खिलाफ जनआंदोलन की नींव रखी थी। योगी ने कहा कि संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने वंदे मातरम् को राष्ट्रगीत घोषित करते हुए इसे जन गण मन के समान दर्जा दिया था। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब नई पीढ़ी को यह समझना होगा कि राष्ट्र से बड़ा कुछ नहीं। उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे विद्यार्थियों को सिर्फ पढ़ाएं नहीं, बल्कि उनमें देश के प्रति गर्व और जिम्मेदारी की भावना भी जगाएं। योगी ने कहा कि “हर बच्चे के हृदय में वंदे मातरम् की गूंज होनी चाहिए, क्योंकि यही गीत हमारे स्वतंत्रता संग्राम का प्राण था।” अंत में उन्होंने कहा कि भारत की शक्ति उसकी विविधता में है और यह विविधता तभी सार्थक होगी जब हम सब एक धागे में बंधे रहेंगे। मुख्यमंत्री के इस भाषण के बाद उपस्थित भीड़ ने ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम्’ के नारों से पूरा माहौल गूंजा दिया।




