गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विजयदशमी के अवसर पर प्रदेशवासियों से स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने का संकल्प लेने की अपील की है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि दीपावली जैसे त्योहार पर उपहारों और सजावटी सामान की खरीदारी में विदेशी उत्पादों को प्राथमिकता देने की बजाय स्थानीय स्तर पर तैयार सामानों को बढ़ावा देना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे शिल्पकारों और कारीगरों ने मेहनत से विविध उत्पाद तैयार किए हैं और हमें उन्हीं का समर्थन करना होगा। योगी ने बताया कि सरकार इन शिल्पकारों को प्रशिक्षण देने, ग्लोबल मार्केट की जानकारी उपलब्ध कराने और पैकेजिंग की गुणवत्ता सुधारने पर काम कर रही है ताकि उनके उत्पाद देश और विदेश दोनों बाजारों में लोकप्रिय हो सकें। उन्होंने प्रदेश के हर परिवार से आग्रह किया कि दीपावली पर खरीदे जाने वाले सभी उपहार स्थानीय स्तर पर निर्मित हों, जिससे आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा सके।
स्वदेशी उत्पादों की बढ़ती संभावनाएं
पारंपरिक रूप से दीपावली के अवसर पर विदेशी सजावटी सामान और उपहारों की बिक्री अधिक होती रही है, लेकिन इस बार तस्वीर बदलने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘पंच प्रण’ में स्वदेशी अपनाने पर जोर दिए जाने के बाद मुख्यमंत्री की यह अपील स्थानीय शिल्पकारों के लिए बड़ा अवसर लेकर आई है। मिट्टी के दीये, लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां और टेराकोटा की कलाकृतियां अब लोगों की पहली पसंद बन सकती हैं। प्रदेश के कई जिलों में ओडीओपी (वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट) के तहत शामिल टेराकोटा उत्पाद और रेडीमेड गारमेंट्स की मांग में पहले से ही इजाफा देखा जा रहा है। टेराकोटा से जुड़े कारीगर बताते हैं कि इस कला से अब केवल शोपीस ही नहीं बल्कि आभूषण और अन्य सजावटी वस्तुएं भी बनाई जा रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि लोग सीएम की अपील को गंभीरता से अपनाते हैं तो न केवल स्थानीय बाजार को मजबूती मिलेगी बल्कि विदेशी सामान पर निर्भरता भी घटेगी।
हर जिले में लगेगा स्वदेशी मेला
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीपावली से पहले हर जिले में स्वदेशी मेले के आयोजन की भी घोषणा की है। इन मेलों में स्थानीय शिल्पकारों और कारीगरों के उत्पाद प्रदर्शित और बेचे जाएंगे। इससे उन्हें सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचने का अवसर मिलेगा और उनकी आय में भी बढ़ोतरी होगी। इसके साथ ही उन्होंने रामलीला समितियों और अन्य सांस्कृतिक आयोजनों से भी अपील की है कि वे अपने कार्यक्रमों के दौरान स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दें। जानकारों का कहना है कि इन पहलों से प्रदेश के शिल्पकारों का आत्मविश्वास बढ़ेगा और उनके उत्पादों की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत होगी। आने वाले दिनों में मिट्टी के दीये, हस्तनिर्मित मूर्तियां, टेराकोटा आभूषण और अन्य स्वदेशी वस्तुएं बाजार में अपनी मजबूत जगह बना सकती हैं। विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि इस कदम से न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे बल्कि प्रदेश की परंपरागत कला और संस्कृति को भी नई पहचान मिलेगी। इस तरह योगी सरकार की पहल इस दीपावली को स्थानीय कारीगरों और शिल्पकारों के लिए सुनहरा अवसर साबित कर सकती है।