वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सोमवार शाम उस वक्त हड़कंप मच गया जब मुंबई के लिए उड़ान भरने से पहले आकासा एयरलाइंस की एक फ्लाइट में बैठे यात्री ने अचानक इमरजेंसी एग्जिट खोलने की कोशिश की। यह घटना उस समय हुई जब विमान एप्रन से रनवे की ओर बढ़ रहा था और टेकऑफ की तैयारी चल रही थी। विमान के क्रू मेंबर्स ने जब यात्री की संदिग्ध हरकत देखी तो तुरंत ही पायलट को सूचित किया। पायलट ने तत्काल एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से संपर्क कर विमान को रोकने और उसे वापस एप्रन पर लाने का निर्णय लिया। कुछ ही मिनटों में एयरपोर्ट पर सुरक्षा अलर्ट जारी कर दिया गया और सीआईएसएफ के जवानों ने विमान को चारों तरफ से घेर लिया। इसके बाद सभी यात्रियों को सुरक्षा की दृष्टि से नीचे उतार लिया गया और विमान की गहन जांच शुरू हुई। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि आरोपी यात्री जौनपुर जिले के मुंगराबादशाहपुर इलाके का रहने वाला सुजीत सिंह है, जो मुंबई जाने के लिए विमान में सवार हुआ था।
जांच एजेंसियों की पूछताछ जारी, सुरक्षा में कोई चूक नहीं
विमान में हुई इस घटना के बाद एयरपोर्ट अथॉरिटी, पुलिस और खुफिया विभाग की टीमों ने तुरंत जांच शुरू कर दी। हिरासत में लिए गए सुजीत सिंह से पूछताछ की जा रही है कि उसने यह हरकत क्यों की। शुरुआती रिपोर्ट में पता चला कि युवक ने उड़ान से पहले इमरजेंसी डोर की हैंडल को खींचने की कोशिश की थी, जिसे क्रू मेंबर्स ने देख लिया और तुरंत कार्रवाई की। यदि समय रहते क्रू ने प्रतिक्रिया न दी होती तो यह हरकत गंभीर खतरा बन सकती थी। एयरपोर्ट अधिकारियों ने बताया कि सभी यात्रियों को सुरक्षित उतारने के बाद विमान की जांच की गई और किसी भी तरह की तकनीकी या सुरक्षा संबंधी गड़बड़ी नहीं पाई गई। जांच पूरी होने और औपचारिक अनुमति मिलने के बाद शाम 7 बजकर 45 मिनट पर विमान को मुंबई के लिए रवाना किया गया। आकासा एयरलाइंस के स्थानीय प्रबंधक राजेश राय ने बताया कि क्रू ने पूरी पेशेवरता से स्थिति को संभाला और सभी सुरक्षा मानकों का पालन किया गया। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी भी परिस्थिति में उससे समझौता नहीं किया जाएगा। एयरलाइन ने यात्रियों से देरी के लिए माफी मांगते हुए कहा कि जांच और सुरक्षा प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद ही विमान को रवाना किया गया।
सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर, आरोपी पर दर्ज होगा केस
घटना के बाद आकासा एयरलाइंस, एयरपोर्ट प्राधिकरण और स्थानीय पुलिस ने संयुक्त रूप से रिपोर्ट तैयार कर ली है। सुरक्षा एजेंसियां अब आरोपी के बैकग्राउंड, यात्रा के उद्देश्य और संभावित मंशा की गहराई से जांच कर रही हैं। यदि जांच में यह साबित होता है कि यात्री ने जानबूझकर इमरजेंसी गेट खोलने की कोशिश की थी, तो उस पर भारतीय दंड संहिता और नागरिक उड्डयन सुरक्षा अधिनियम (Aviation Act) के तहत गंभीर धाराएं लगाई जा सकती हैं। विमान के इमरजेंसी डोर को उड़ान या टेकऑफ से पहले खोलने की कोशिश को अत्यंत खतरनाक अपराध माना जाता है क्योंकि इससे विमान के प्रेशर सिस्टम और संतुलन पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। एविएशन विशेषज्ञों के अनुसार, यदि विमान हवा में होता और इस तरह की कोशिश की जाती तो परिणाम विनाशकारी हो सकते थे। हाल के महीनों में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ने विमानन सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। इससे पहले भी वाराणसी एयरपोर्ट पर एक यात्री ने गलती से पायलट के केबिन का गेट खोलने की कोशिश की थी, जिसे बाद में तकनीकी भूल माना गया था। इस बार, हालांकि, शुरुआती संकेत यह बता रहे हैं कि यह जानबूझकर की गई हरकत हो सकती है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद सुजीत सिंह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में कोई यात्री इस तरह की गैर-जिम्मेदाराना हरकत करने की हिम्मत न कर सके। फिलहाल, एयरपोर्ट और एयरलाइन दोनों ने कहा है कि उन्होंने सभी सुरक्षा मानकों का पालन किया और यात्रियों की सुरक्षा में किसी भी तरह की चूक नहीं हुई। यह घटना फिर एक बार याद दिलाती है कि हवाई यात्रा में अनुशासन और सतर्कता कितनी आवश्यक है, क्योंकि एक क्षण की लापरवाही सैकड़ों जिंदगियों को खतरे में डाल सकती है।




