कानपुर की कचहरी बुधवार दोपहर अचानक उस समय तनाव का केंद्र बन गई जब पुलिस ने लॉ स्टूडेंट पर हुए जानलेवा हमले के मुख्य आरोपी डिबार अधिवक्ता प्रिंस राज श्रीवास्तव को गिरफ्तार करने की कोशिश की। गिरफ्तारी के दौरान वकीलों ने न केवल पुलिस का विरोध किया बल्कि झड़प की स्थिति भी पैदा हो गई। पुलिस आरोपी को वैन तक ले जाने में जैसे-तैसे सफल हुई, लेकिन तभी भीड़ से एक अधिवक्ता ने आगे बढ़कर तैनात दरोगा को थप्पड़ जड़ दिया। इसके बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। कई वकील पुलिस पर गाली-गलौज करने लगे और उन्हें दौड़ाने लगे। पुलिसकर्मियों ने स्थिति बिगड़ते देख आरोपी को तेजी से वैन में बैठाया और किसी तरह जान बचाकर परिसर से बाहर निकले। घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि पुलिस और अधिवक्ताओं के बीच जबरदस्त धक्का-मुक्की हुई। सूत्रों के अनुसार, पुलिस अधिकारी इस पूरे प्रकरण पर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दे रहे हैं। वहीं, घटना के बाद पूरे कानपुर पुलिस प्रशासन में हलचल मच गई है। पुलिस ने गुरुवार को भारी सुरक्षा के बीच आरोपी को कोर्ट में पेश करने की तैयारी की है। इस घटना ने न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं बल्कि वकीलों और पुलिस के रिश्तों में आई खटास को भी उजागर किया है।
लॉ स्टूडेंट पर हमला, 6 दिन बाद भी हालत नाजुक
जानकारी के मुताबिक, 25 अक्टूबर को कानपुर के रावतपुर केशवपुरम निवासी 22 वर्षीय लॉ स्टूडेंट अभिजीत सिंह पर चापड़ से जानलेवा हमला किया गया था। हमलावरों ने उन्हें बेरहमी से पीटा और गंभीर चोटें पहुंचाईं। रिपोर्ट्स के अनुसार, हमले में उनकी दो उंगलियां कट गईं, सिर पर गहरा जख्म लगा और पेट में वार से आंतें तक बाहर आ गईं। परिजन तुरंत उन्हें सर्वोदय नगर स्थित एक निजी अस्पताल ले गए, जहां उनका इलाज ICU में चल रहा है। डॉक्टरों ने बताया कि छात्र की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है और अगले कुछ दिन उनके लिए बेहद नाजुक हैं। पुलिस ने अब तक इस मामले में तीन आरोपियों-मेडिकल स्टोर संचालक अमर सिंह, विजय सिंह और निखिल तिवारी-को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वहीं चौथा आरोपी, अधिवक्ता प्रिंस राज श्रीवास्तव, घटना के बाद से फरार चल रहा था। पुलिस की कई टीमों ने उसे पकड़ने के लिए लगातार दबिशें दीं लेकिन वह बचता रहा। इसी बीच, मंगलवार को प्रिंस ने अपने साथी वकीलों के चैंबर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और खुद पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस के अगले ही दिन पुलिस ने उसे कचहरी परिसर से गिरफ्तार कर लिया। इस गिरफ्तारी के दौरान हुए हंगामे का वीडियो सामने आने के बाद पूरे शहर में चर्चा है कि कैसे कानून के रखवाले ही कानून तोड़ने पर उतर आए। फिलहाल पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है और गुरुवार को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेजने की तैयारी में है। डीसीपी वेस्ट दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और मामले में कानूनन कार्रवाई की जाएगी।
आरोपी का बचाव, पुलिस पर सवाल और बढ़ता विवाद
आरोपी अधिवक्ता प्रिंस राज श्रीवास्तव ने गिरफ्तारी से पहले मीडिया के सामने अपने बचाव में कहा था कि उनका इस हमले से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने बताया कि रावतपुर थाने का हिस्ट्रीशीटर सौरभ ठाकुर वर्ष 2021 से उनसे रंजिश रखता है और कई बार उन पर हमला भी कर चुका है। उनके मुताबिक, घायल अभिजीत सिंह उसी सौरभ के साथ रहता है और उनके खिलाफ दर्ज मामलों में गवाह भी रहा है। प्रिंस ने दावा किया कि घटना वाले दिन वे मौके पर मौजूद नहीं थे और बाद में मेडिकल स्टोर संचालक ने उन्हें बुलाकर सिर्फ एक तहरीर लिखवाने को कहा था। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने अभिजीत की मां को गुमराह करके उनका नाम केस में दर्ज करा दिया। हालांकि पुलिस का कहना है कि जांच के दौरान प्रिंस की संलिप्तता के पुख्ता सबूत मिले हैं और इसी के आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया गया है। कानपुर के कानूनी समुदाय में इस घटना को लेकर दो राय बन गई हैं-कुछ वकील पुलिस की कार्रवाई को अनुचित बता रहे हैं, जबकि कुछ का कहना है कि आरोपी चाहे अधिवक्ता ही क्यों न हो, अगर वह अपराध में शामिल है तो कानून उसे बख्श नहीं सकता। कचहरी में हुई इस झड़प ने न्याय व्यवस्था की साख पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। जिस स्थान पर कानून की रक्षा होती है, वहीं कानून तोड़ने की यह तस्वीर पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गई है। फिलहाल प्रशासन ने कचहरी परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी है और किसी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। मामले की जांच उच्चाधिकारियों की निगरानी में जारी है और उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इस हमले और गिरफ्तारी से जुड़े सभी पहलुओं का खुलासा हो जाएगा।




