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Uttar Pradesh News : भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे खनन अधिकारी शैलेंद्र सिंह पटेल को मलाईदार पोस्टिंग, यूपी के 4 जिलों में मामले और लोकायुक्त-विश्वलेंस जांच

UP news in hindi : लोकायुक्त और विजिलेंस जांच के बावजूद सोनभद्र से झांसी में पोस्टिंग, खनन माफिया से सांठगांठ और आय से अधिक संपत्ति के आरोप

Shailendra Singh Patel corruption allegations and transfer | UP News

उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ खनन अधिकारी शैलेंद्र सिंह पटेल पर अवैध खनन, अवैध परिवहन और आय से अधिक संपत्ति के कई गंभीर आरोप हैं। लोकायुक्त और विजिलेंस दोनों में उनके खिलाफ जांच चल रही है। इसके बावजूद शासन ने 21 अक्टूबर को उनका तबादला झांसी के वरिष्ठ जिला खनन अधिकारी के पद पर कर दिया, जो खनन के लिहाज से यूपी के टॉप 5 जिलों में गिना जाता है। यह तबादला भ्रष्टाचार के प्रति विभाग की जीरो टॉलरेंस नीति पर सवाल खड़े करता है।

आरोपों का इतिहास

शैलेंद्र सिंह पटेल की तैनाती के दौरान विभिन्न जिलों में गंभीर मामले सामने आए। बांदा में विधायक पर मारपीट, महोबा में अवैध खनन से श्रमिकों की मौत और मिर्जापुर में 16 लाख घनमीटर इमारती पत्थर का अवैध खनन उनके कार्यकाल में हुआ। जांच में पाया गया कि पटेल ने खनन माफिया के साथ सांठगांठ कर अवैध खनन और परिवहन कराकर सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचाया।

सोनभद्र में कारनामे और फर्जी ईएमएम-11

सोनभद्र में ड्यूटी के दौरान शैलेंद्र सिंह पर कई मामलों में अवैध खनन और ईएमएम-11 का दुरुपयोग करने का आरोप है। उदाहरण के लिए, बभनी ब्लॉक में 142880 घनमीटर ग्रेनाइट के पट्टे में केवल 5 हजार घनमीटर का खनन हुआ, लेकिन फर्जी ईएमएम-11 जारी की गई। इसी तरह अन्य खदानों में भी अवैध खनन और परिवहन के मामले सामने आए।

आय से अधिक संपत्ति और परिवार का दबदबा

शैलेंद्र सिंह पटेल पर मई 2021 से लोकायुक्त ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच शुरू की थी। लखनऊ, मध्यप्रदेश समेत अन्य जगहों पर उनके और परिवार के नाम पर अकूत संपत्ति होने के आरोप हैं। खनन महकमे में उनके परिवार का दबदबा और राजनीतिक संरक्षण उन्हें लगातार मलाईदार पोस्टिंग दिलाने में मदद करता है।

अधिकारी का बयान

खनन अधिकारी शैलेंद्र सिंह पटेल का कहना है कि उन्होंने अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई की और जिन पट्टाधारकों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए, उनमें से कई को हाईकोर्ट से स्टे मिल गया। उनके खिलाफ लोकायुक्त और विजिलेंस शिकायत उनके जमीन विवाद के चलते की गई है। उनका कहना है कि पोस्टिंग सरकार का अधिकार है और उन्हें उनके काम के आधार पर झांसी में भेजा गया।

शैलेंद्र सिंह पटेल का मामला उत्तर प्रदेश में खनन विभाग में भ्रष्टाचार और राजनीतिक संरक्षण के मुद्दों को उजागर करता है। जबकि लोकायुक्त और विजिलेंस जांच जारी है, अधिकारी को महत्वपूर्ण जिले में तबादला देकर प्रशासन की जीरो टॉलरेंस नीति पर सवाल खड़ा किया गया है

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