उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में शनिवार सुबह हुई पुलिस की बड़ी कार्रवाई ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। मुंदीपुर मानिकपुर के कुख्यात गांजा तस्कर राजेश मिश्रा के घर छापेमारी में पुलिस ने दो करोड़ रुपए नकद बरामद किए। यह रकम पूरी तरह से 100, 50 और 20 रुपए के नोटों में थी, जिन्हें झोले, बोरों और प्लास्टिक की थैलियों में भरकर घर के अलग-अलग कोनों में छिपाया गया था। राजेश मिश्रा के खिलाफ पहले से ही गांजा और स्मैक तस्करी के 14 मामले दर्ज हैं और उस पर गैंगस्टर एक्ट भी लगाया जा चुका है। फिलहाल वह जेल में बंद है, मगर उसके परिवार के लोग बाहर से यह अवैध धंधा चला रहे थे। शनिवार सुबह करीब 9 बजे सीओ की अगुवाई में चार पुलिस टीमों ने जब राजेश मिश्रा के घर दबिश दी, तो भीतर से दरवाजा बंद मिला। काफी देर तक दस्तक देने के बाद जब पुलिस ने जबरन दरवाजा तोड़ा, तो सामने नकदी का ऐसा अंबार दिखाई दिया जिसने अफसरों तक को हैरान कर दिया। घर की अलमारियों, बेड के नीचे और बक्सों से नोटों की गड्डियां बरामद हुईं। कुछ नोट प्लास्टिक की थैलियों में भरे हुए थे। पुलिसकर्मी जब इन नोटों को गिनने लगे तो जल्द ही थकान से चूर हो गए। कई महिला पुलिसकर्मी तो पसीना पोंछते नजर आईं। आखिरकार पुलिस ने चार नोट गिनने की मशीनें मंगवाईं और पूरी रकम की गिनती मशीनों से कराई। एसपी दीपक भूकर ने पूरी कार्रवाई की मॉनिटरिंग खुद की और बताया कि लगभग 24 घंटे चली तलाशी में न केवल नकदी, बल्कि 6 किलो गांजा और 577 ग्राम स्मैक भी बरामद की गई। बाजार में इनकी कुल कीमत करीब 15 लाख रुपए आंकी गई है।
नशे के कारोबार में लिप्त पूरा परिवार, जेल से चला रहा था गिरोह
छापेमारी के दौरान पुलिस को पता चला कि राजेश मिश्रा जेल से ही अपने नशे के कारोबार का संचालन कर रहा था। उसके निर्देश पर उसकी पत्नी रीना मिश्रा इस पूरे नेटवर्क को चला रही थी। रीना अपने बेटे विनायक मिश्रा (19) और बेटी कोमल मिश्रा (20) की मदद से गांजा और स्मैक की सप्लाई कराती थी। इसके अलावा उसके दो भतीजे यश (19) और अजीत मिश्रा (32) भी इस अवैध कारोबार में शामिल थे। शनिवार को जब पुलिस टीम उनके घर पहुंची, तो रीना मिश्रा ने खुद को कमरे में बंद कर लिया और दरवाजा तोड़ने से रोकने की कोशिश की, मगर टीम ने दरवाजा तोड़कर उसे हिरासत में ले लिया। रीना पहले भी जेल जा चुकी है और 15 दिन पहले ही जमानत पर रिहा हुई थी। उसके खिलाफ छह अलग-अलग मुकदमे चल रहे हैं। पुलिस ने पूरे परिवार को गिरफ्तार कर लिया और रविवार को एसपी दीपक भूकर ने सभी पांचों आरोपियों को मीडिया के सामने पेश कर खुलासा किया। एसपी ने बताया कि राजेश मिश्रा ने 15 दिन पहले जिला न्यायालय में आत्मसमर्पण किया था। उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट, गैंगस्टर एक्ट और अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस ने बताया कि राजेश मिश्रा का नेटवर्क न केवल प्रतापगढ़ बल्कि आसपास के जिलों तक फैला हुआ है। वह छोटे स्तर के तस्करों को नशा सप्लाई करता था और अपने परिवार के जरिए पैसे की हेराफेरी करता था। छापेमारी में पकड़े गए कैश के अलावा पुलिस ने उसके तीन मकानों और कई बैंकों के खातों की भी जांच शुरू कर दी है।
पुलिस करेगी तीन करोड़ की संपत्ति कुर्क, तस्करी के नेटवर्क पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी
प्रतापगढ़ पुलिस ने अब राजेश मिश्रा और उसके परिवार की अवैध संपत्तियों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। पुलिस के मुताबिक, आरोपी परिवार की चल-अचल संपत्ति की अनुमानित कीमत लगभग तीन करोड़ छह लाख रुपए से अधिक है। इनमें मकान, भूखंड और महंगी गाड़ियां शामिल हैं। एसपी दीपक भूकर ने बताया कि संपत्ति कुर्की की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है ताकि नशे के अवैध धंधे में अर्जित धन को जब्त किया जा सके। पुलिस सूत्रों के अनुसार, राजेश मिश्रा ने मानिकपुर थाना क्षेत्र में तीन मकान बनवा रखे हैं, जिनमें से एक दो मंजिला और दो तीन मंजिला हैं। शनिवार को जिस मकान पर छापा मारा गया, वही उसका मुख्य ठिकाना बताया जा रहा है। पुलिस को शक है कि वहीं से पूरे जिले में नशे की आपूर्ति की जाती थी। इस मामले में पुलिस अब वित्तीय लेनदेन की भी जांच कर रही है और राजेश मिश्रा के बैंक खातों व कॉल रिकॉर्ड्स को खंगाला जा रहा है। एसपी ने बताया कि यह छापेमारी सिर्फ शुरुआत है; जल्द ही पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए बड़े स्तर पर अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यूपी पुलिस नशे के कारोबार को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी। इस कार्रवाई ने जिले में अवैध तस्करी में शामिल लोगों में खलबली मचा दी है। प्रतापगढ़ जैसे छोटे जिले में करोड़ों रुपए की नकदी और भारी मात्रा में मादक पदार्थों की बरामदगी ने यह साफ कर दिया है कि नशे का यह नेटवर्क कितना गहरा और संगठित था। पुलिस ने जनता से भी अपील की है कि यदि कहीं इस तरह की अवैध गतिविधियों की जानकारी हो, तो तुरंत प्रशासन को सूचित करें ताकि समाज से इस जहर को पूरी तरह खत्म किया जा सके।




