पीलीभीत टाइगर रिजर्व में शनिवार को उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक बाघ ने सफारी पर निकले पर्यटकों की जिप्सी का पीछा कर लिया और झपट्टा मार दिया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है, जिसमें देखा जा सकता है कि बाघ झाड़ियों से निकलते ही सीधे जिप्सी की ओर दौड़ता है और करीब 20 मीटर तक पीछा करता है। बताया गया कि पूरनपुर निवासी नितिन अग्रवाल अपने परिवार के 10 अन्य सदस्यों के साथ सफारी पर निकले थे। परिवार के बच्चे पहली बार टाइगर रिजर्व देखने पहुंचे थे और बाघ को देखकर वीडियो शूट करने लगे। तभी अचानक बाघ की नजर कैमरे की चमक पर पड़ी और उसने झपट्टा मार दिया। ड्राइवर ने तुरंत जिप्सी की रफ्तार बढ़ाई, वरना हादसा बड़ा हो सकता था। जिप्सी की बॉडी पर बाघ का पंजा पड़ने से एक हिस्सा उखड़ गया। उस पल परिवार के सभी 11 लोग सहम गए और बच्चों ने चीखते हुए “भागो-भागो” चिल्लाना शुरू कर दिया। घटना के दौरान ड्राइवर की फुर्ती से सभी की जान बची। परिवार के मुखिया नितिन अग्रवाल ने बताया कि वे बाइक शोरूम चलाते हैं और बच्चों की जिद पर पहली बार जंगल सफारी करने आए थे। उन्होंने कहा, “हमने सोचा था रोमांचक अनुभव होगा, लेकिन ये तो डरावना पल बन गया। कुछ सेकंड के लिए लगा कि अब कुछ नहीं बचेगा, लेकिन ड्राइवर की सूझबूझ ने जान बचा ली।” यह घटना पीलीभीत टाइगर रिजर्व के नए पर्यटन सत्र के पहले ही दिन हुई, जब वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने सफारी सीजन का शुभारंभ किया था।
ड्राइवर की फुर्ती और गाइड की सतर्कता से बची बड़ी दुर्घटना
इस हादसे के बाद वन विभाग ने तुरंत जांच शुरू की और सफारी गाइड्स व ड्राइवरों को और अधिक सतर्क रहने के निर्देश दिए। रिजर्व के रेंजर सहेंद्र यादव ने बताया कि सौभाग्य से किसी को चोट नहीं आई। उन्होंने कहा, “ड्राइवर ने बेहद तेजी से वाहन को नियंत्रित किया, वरना बाघ का पंजा सीधे वाहन में बैठे लोगों तक पहुंच जाता। सफारी के दौरान पर्यटकों को बार-बार निर्देश दिए जाते हैं कि वे आवाज न करें और बाघ को उकसाने जैसा कोई व्यवहार न दिखाएं।” अधिकारियों ने बताया कि बाघ के झपट्टा मारने का कारण पर्यटकों का कैमरे से लगातार वीडियो बनाना हो सकता है, जिससे बाघ विचलित हो गया। इस घटना के बाद विभाग ने सभी गाइड्स और ड्राइवरों को नए सिरे से ट्रेनिंग देने और पर्यटकों के लिए दिशा-निर्देशों को और सख्त करने का निर्णय लिया है। वन मंत्री डॉ. सक्सेना ने कहा कि पर्यटकों की सुरक्षा सर्वोपरि है और ऐसे हादसों से बचाव के लिए रिजर्व में तकनीकी निगरानी को मजबूत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस सीजन में पहली बार स्कूली बच्चों को निःशुल्क सफारी की सुविधा दी गई थी ताकि वे वन्यजीवों को नजदीक से समझ सकें, लेकिन अब सुरक्षा व्यवस्था को और चाक-चौबंद किया जाएगा।
पर्यटन सीजन में बढ़ी भीड़: ‘मिनी गोवा’ बन रहा आकर्षण, लेकिन सावधानी जरूरी
इस बार टाइगर रिजर्व 15 दिन पहले ही खोला गया है, क्योंकि एडवांस बुकिंग रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी। खासकर ‘चूका बीच’, जिसे लोग ‘मिनी गोवा’ के नाम से जानते हैं, पर्यटकों के बीच सबसे लोकप्रिय स्थान बन गया है। यहां के बैंबू हट्स, ट्री हट्स और बोट सफारी अनुभव को खास बनाते हैं। वन विभाग के अनुसार, 9 नवंबर तक की सभी बुकिंग फुल हैं। पर्यटक यहां न केवल बाघों को देखने आते हैं बल्कि 326 से अधिक पक्षी प्रजातियों, हिरण, तेंदुआ और अन्य वन्यजीवों को भी देखने का आनंद लेते हैं। रिजर्व करीब 72,689 हेक्टेयर में फैला है और इसमें 80 से अधिक बाघ मौजूद हैं। शारदा और खकरा नदियों के बीच फैले इन घने जंगलों में जंगल सफारी, बोट राइडिंग और वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी का अनुभव किसी स्वर्ग से कम नहीं। विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ती पर्यटक संख्या के साथ सुरक्षा जागरूकता भी उतनी ही जरूरी है। रेंजरों ने आगंतुकों से अपील की है कि वे जानवरों को कैमरे की फ्लैश या शोर से परेशान न करें। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार बाघों की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है, जिसके लिए पीलीभीत को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान भी मिल चुका है। हालांकि शनिवार की घटना ने यह साफ कर दिया कि रोमांच और जोखिम दोनों जंगल सफारी का हिस्सा हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यदि ड्राइवर ने तुरंत वाहन नहीं भगाया होता, तो यह सफारी एक त्रासदी में बदल सकती थी। वन विभाग ने चेतावनी दी है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।




