उत्तर प्रदेश में शिक्षक दिवस इस बार खास बन गया जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ स्थित लोक भवन में आयोजित भव्य समारोह के दौरान प्रदेश के सभी शिक्षकों के लिए कैशलेस चिकित्सा सुविधा की घोषणा की। इस योजना का लाभ केवल स्थायी शिक्षकों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को भी इसके दायरे में शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि यह कदम प्रदेश के उन लाखों परिवारों को सीधा लाभ देगा जो शिक्षा से जुड़े हुए हैं। अनुमान है कि इस घोषणा से लगभग नौ लाख परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी। राज्य के प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और वित्त पोषित विद्यालयों के शिक्षक अब स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का सामना करने में और अधिक सक्षम होंगे। इसके अलावा, विद्यालयों में कार्यरत रसोइयों को भी इस सुविधा से जोड़ा गया है, जिससे शिक्षा व्यवस्था से जुड़े हर वर्ग का ध्यान रखा जा सके। शिक्षक दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने महान शिक्षाविद और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को नमन करते हुए कहा कि शिक्षक समाज के विकास की धुरी होते हैं और उन्हें सम्मान और सुरक्षा प्रदान करना सरकार की प्राथमिकता है।
मानदेय बढ़ाने पर कार्य और नई शैक्षिक पहलें
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर यह भी ऐलान किया कि शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के मानदेय में बढ़ोतरी को लेकर जल्द ही ठोस कदम उठाए जाएंगे। इसके लिए पहले ही एक उच्च स्तरीय समिति गठित की जा चुकी है, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद निर्णय लागू होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता में सुधार और शिक्षकों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाना सरकार का लक्ष्य है। मानदेय वृद्धि की इस योजना से हजारों शिक्षामित्र और अनुदेशक लाभान्वित होंगे, जो लंबे समय से अपने मानदेय में सुधार की मांग कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि शिक्षा के डिजिटलीकरण और आधुनिक तकनीक को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। इसी क्रम में 2,204 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को टैबलेट वितरित किए गए और 1,236 विद्यालयों में स्मार्ट क्लास का उद्घाटन किया गया। इसके अलावा बच्चों के लिए “गुल्लक” नामक कहानी संग्रह, शैक्षिक नवाचारों का संकलन “उद्गम” तथा “बाल वाटिका हस्तपुस्तिका” का विमोचन किया गया। डिजिटल प्लेटफॉर्म “उद्गम” की शुरुआत से प्रदेश की शिक्षा प्रणाली में नवाचारों को बढ़ावा मिलेगा और शिक्षकों को नए संसाधनों तक पहुंच आसान होगी।
शिक्षक सम्मान और शिक्षा जगत की भागीदारी
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए चुने गए 81 शिक्षकों को सम्मानित किया, जिनमें 66 शिक्षक बेसिक शिक्षा विभाग और 15 शिक्षक माध्यमिक शिक्षा विभाग से चयनित किए गए थे। यह सम्मान समारोह न केवल शिक्षकों की मेहनत और समर्पण को मान्यता देने का अवसर बना, बल्कि शिक्षा जगत को नई ऊर्जा देने का भी माध्यम बना। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षक केवल ज्ञान के संचारक नहीं हैं, बल्कि वे समाज को दिशा देने वाले मार्गदर्शक भी हैं। इस अवसर पर माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी, बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह, प्रभारी मुख्य सचिव दीपक कुमार और महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा सहित प्रदेशभर से आए हजारों शिक्षक मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सरकार शिक्षा की मजबूती और शिक्षकों के सम्मान के लिए निरंतर काम कर रही है और आने वाले समय में भी शिक्षा क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए ठोस योजनाएं लागू की जाएंगी। इस समारोह ने स्पष्ट संदेश दिया कि प्रदेश की सरकार शिक्षकों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है और शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए हर संभव प्रयास जारी रखेगी।