मथुरा के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज की तबीयत मंगलवार को एक बार फिर बिगड़ गई। पेट में सूजन की शिकायत पर चिकित्सकों ने उन्हें सीटी स्कैन कराने की सलाह दी। शिष्य उन्हें बिरला मंदिर क्षेत्र की एक पैथोलॉजी लैब ले गए, जहां वरिष्ठ चिकित्सक की मौजूदगी में उनका परीक्षण किया गया। जांच के दौरान सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लैब में किसी अन्य व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगाई गई थी। हालांकि, जांच रिपोर्ट की विस्तृत जानकारी अभी सार्वजनिक नहीं हुई है। संत के स्वास्थ्य पर शिष्यों और भक्तों की गहरी चिंता है, जो उनकी शीघ्र स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं।
बांके बिहारी मंदिर में विशेष पूजा और भजन-कीर्तन
संत प्रेमानंद महाराज की सेहत को ध्यान में रखते हुए, उनके शिष्यों ने बांके बिहारी मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन किया। इस अवसर पर संत महामाधुरी दास, नवल नागरी दास सहित करीब 30 शिष्यों ने भजन-कीर्तन किया और राधा नाम का जाप किया। पूजा का संचालन मंदिर के पुजारी दिनेश गोस्वामी ने किया।
मंदिर के गर्भगृह में आधे घंटे तक देहरी पूजन आयोजित किया गया, जिसमें मंत्रोच्चार के साथ इत्र का छिड़काव और स्वस्तिक का निर्माण किया गया। शिष्यों और पदाधिकारियों ने बांके बिहारी जी से महाराज के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की। इस आयोजन का उद्देश्य संत की सेहत में सुधार और उनकी परिक्रमा को निरंतर बनाए रखना था।
संत प्रेमानंद की भूमिका और भक्तों की चिंता
बांके बिहारी मंदिर के पुजारी दिनेश गोस्वामी ने बताया कि संत प्रेमानंद महाराज ब्रज की प्रमुख विभूति हैं, जिन्होंने लाखों भक्तों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है। हाल ही में अस्वस्थ रहने के कारण उनकी रात्रिकालीन पदयात्रा अस्थायी रूप से स्थगित की गई थी। इसके बावजूद, कुछ सुधार के बाद संत ने भक्तों को दर्शन देने के लिए परिक्रमा मार्ग में लगभग पांच सौ मीटर की दूरी तय की।
शिष्यों और ब्रजवासियों ने संत के स्वास्थ्य की चिंता जताई और उनके शीघ्र ठीक होने की कामना की। इस विशेष पूजा और भजन-कीर्तन के माध्यम से समाज और भक्त समुदाय ने संत प्रेमानंद महाराज के लिए आशीर्वाद और समर्थन व्यक्त किया, ताकि उनका स्वास्थ्य जल्द सुधरे और वे अपने आध्यात्मिक कार्यों को जारी रख सकें।