प्रयागराज के फाफामऊ क्षेत्र में एक निजी फाइनेंस कंपनी की महिला ब्रांच मैनेजर ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए सुसाइड की कोशिश की। मूल रूप से गोरखपुर की रहने वाली अभ्या पांडेय ने एक साथ 29 नींद की गोलियां खा लीं, जिससे उनकी हालत गंभीर हो गई। वर्तमान में वह प्रयागराज के फाफामऊ स्थित एक निजी अस्पताल के ICU में भर्ती हैं, जहां डॉक्टरों की टीम उनकी निगरानी कर रही है। बताया गया कि सुसाइड की कोशिश से पहले अभ्या ने एक वीडियो संदेश रिकॉर्ड किया और एक पेज का सुसाइड नोट भी छोड़ा है। वीडियो में उन्होंने फाफामऊ थाने के इंचार्ज अश्विनी सिंह और सब इंस्पेक्टर प्रमोद पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया। अभ्या का कहना था कि उनकी 12 लाख रुपये की ज्वेलरी चोरी हो गई थी, लेकिन पुलिस ने सात दिन तक FIR दर्ज नहीं की और बाद में भी कोई कार्रवाई नहीं की। वीडियो में उन्होंने कहा कि “पूरा फाफामऊ थाना जानता है कि मेरी ज्वेलरी किसने चुराई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही। पुलिस सिर्फ टालमटोल कर रही है, जिससे परेशान होकर मैं यह कदम उठा रही हूं।”
सुसाइड नोट में लिखा – ‘मम्मी-पापा मेरे लिए परेशान मत होना’
अभ्या पांडेय ने अपने सुसाइड नोट में दर्द और निराशा जाहिर की है। उन्होंने लिखा, “मैं जानती हूं कि मैं जो कर रही हूं, वह गलत है, लेकिन अब मेरे पास कोई रास्ता नहीं बचा। मेरी 12 लाख की ज्वेलरी चोरी हो गई, FIR कराने में सात दिन लग गए और फिर भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। अगर पुलिस जनता की मदद नहीं करेगी तो लोग न्याय के लिए कहां जाएंगे?” उन्होंने आगे लिखा कि “मैं पुलिस प्रशासन से बस यही चाहती हूं कि मेरे ना रहने पर उस चोर को पकड़ा जाए और मेरे भाई के सामने लाया जाए। मम्मी-पापा मेरे लिए परेशान मत होना, मुस्कान और ज्योति में मुझे ढूंढ लेना। लल्ला से कहना कि उसकी मां कायर नहीं थी।” अभ्या ने यह भी कहा कि पुलिस ने उन्हें डेढ़ महीने तक परेशान किया और बार-बार थाने के चक्कर लगवाए, जिससे वे मानसिक रूप से टूट गईं। परिवार वालों के अनुसार, अभ्या पेशे से एक मेहनती और आत्मनिर्भर महिला थीं। वे पिछले दो वर्षों से प्रयागराज के फाफामऊ में अरोहन फाइनेंस कंपनी में सीनियर ब्रांच मैनेजर के पद पर कार्यरत थीं। उनके पति एक निजी कंपनी में नौकरी करते हैं। गोरखपुर निवासी होने के कारण परिवार और रिश्तेदार घटना की जानकारी मिलते ही प्रयागराज पहुंचे। उनके भाई शिवम पांडेय ने बताया कि अभ्या ने जो भी कमाया, वह सब गहनों में निवेश किया था और चोरी के बाद लगातार पुलिस से न्याय मांगती रहीं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई।
पुलिस जांच शुरू, अधिकारी बोले – महिला डिप्रेशन में थी
घटना के बाद प्रयागराज पुलिस हरकत में आ गई है। डीसीपी गंगानगर कुलदीप सिंह गुनावत ने बताया कि ज्वेलरी चोरी के मामले की जांच पहले से चल रही थी और अब महिला के सुसाइड अटेम्प्ट की भी स्वतंत्र जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि एसीपी को मामले की जांच सौंपी गई है और रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। फाफामऊ थाना इंचार्ज अश्वनी सिंह ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि “महिला डिप्रेशन में थी और इसी कारण उसने नींद की गोलियां खा लीं। चोरी के मामले की विवेचना जारी है और जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार किया जाएगा।” हालांकि, स्थानीय लोगों और महिला के परिजनों का कहना है कि अगर समय रहते पुलिस ने कार्रवाई की होती, तो यह घटना टल सकती थी। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने न केवल लापरवाही दिखाई बल्कि अभ्या के बार-बार संपर्क करने पर उसका फोन नंबर तक ब्लॉक कर दिया। सूत्रों के अनुसार, अभ्या ने जिस किरायेदार पर ज्वेलरी चोरी का शक जताया था, उससे पुलिस ने अब तक कोई पूछताछ नहीं की है। यह मामला एक बार फिर पुलिस व्यवस्था और महिला सुरक्षा पर सवाल खड़े करता है। प्रयागराज पुलिस ने कहा है कि जांच पारदर्शी ढंग से होगी और दोषी पाए जाने पर किसी को बख्शा नहीं जाएगा। फिलहाल महिला का इलाज जारी है और डॉक्टरों ने बताया कि उनकी स्थिति नाजुक लेकिन नियंत्रण में है। परिवार न्याय की मांग कर रहा है, जबकि प्रशासन इस घटना को महिला की मानसिक स्थिति से जोड़कर देख रहा है। पूरा मामला अब जांच के घेरे में है और उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में सच्चाई सामने आएगी।




