प्रयागराज में 21 अक्टूबर की सुबह रोडवेज बस चालक रावेंद्र की निर्मम हत्या ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी। उनके छोटे भाई राजन उर्फ वीरेंद्र का कहना है कि हत्या के पीछे माफिया अतीक के गुर्गों का हाथ था। राजन ने बताया कि आरोपी अपने इलाके में हिंदू परिवारों को पैसे उधार देकर उनकी जमीन और मकान कब्जा कर लेते थे। जो लोग ब्याज चुकाने में देरी करते थे, उनके साथ मारपीट और धमकियां की जाती थीं। रावेंद्र इस शोषण के विरोध में खड़ा था, यही वजह थी कि उन लोगों ने उसकी हत्या की योजना बनाई। हत्या से पहले उसे पेट्रोल पंप पर पटक-पटककर मारा गया और उसका शव सिर पर लगी चोट के कारण बेहोश होकर गिर गया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यह पुष्टि हुई कि सिर पर ईंट लगने से ब्रेन हेमरेज हो गया था, जो मौत का कारण बना।
परिवार की प्रतिक्रिया और सुरक्षा की मांग
रावेंद्र के घर पर परिवार और ग्रामीणों का गुस्सा और शोक देखने को मिला। राजन ने बताया कि उनके भाई की किसी से व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं थी, बल्कि आरोपी माफिया उनके विरोध के कारण हिंसा कर रहे थे। परिवार ने पुलिस कार्रवाई को लेकर अपनी संतुष्टि जताई, साथ ही सुरक्षा के लिए शस्त्र लाइसेंस और मृतक के परिवार को रोजगार व मुआवजा देने की मांग की। पिता केशव लाल ने कहा कि जब तक आरोपियों को सजा नहीं मिलेगी, उन्हें चैन नहीं मिलेगा। हत्याकांड के बाद 3 घंटे तक हाईवे जाम रहा और PAC की फोर्स तैनात करनी पड़ी। स्थानीय लोगों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की और प्रदर्शन करते हुए हंगामा किया।
पुलिस कार्रवाई और कानूनी प्रक्रिया
इस घटना के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 7 नामजद और 6-7 अज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया। घटना स्थल और आसपास के गांवों में दबिश दी गई, लेकिन आरोपियों को पकड़ने में समय लगा। लापरवाही के आरोप में ट्रांसपोर्ट नगर चौकी प्रभारी राजेश चौबे और धूमनगंज इंस्पेक्टर अमरनाथ राय को सस्पेंड कर दिया गया। पुलिस ने नामजद आरोपियों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। पुलिस कमिश्नर जोगेंद्र कुमार ने कहा कि आरोपियों की पहचान CCTV फुटेज के आधार पर की गई है और जल्द ही सभी को गिरफ्तार कर गैंगस्टर कानून के तहत उनकी संपत्ति कुर्क की जाएगी। इस पूरे घटनाक्रम ने प्रयागराज में सुरक्षा और कानून व्यवस्था की संवेदनशीलता पर गंभीर सवाल उठाए हैं।




