वाराणसी में 8 नवंबर को आयोजित वंदे भारत एक्सप्रेस के शुभारंभ कार्यक्रम में एक भावनात्मक दृश्य देखने को मिला, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बच्चों से संवाद करते हुए एक छात्र की कविता बड़े ध्यान से सुनी। सेंट्रल हिंदू स्कूल, बीएचयू के कक्षा 6 के छात्र श्रीवत्स ने जब अपनी रचना सुनानी शुरू की, तो माहौल में देशभक्ति और आत्मगौरव का भाव उमड़ पड़ा। मंच पर उपस्थित सभी लोग उस पल के साक्षी बने जब प्रधानमंत्री ने बच्चे के कंधे पर हाथ रखकर उसकी हौसला अफजाई की। श्रीवत्स की आवाज़ में जब बनारस के परिवर्तन की गूंज उठी, पीएम मोदी ने मुस्कुराते हुए चुटकी बजाई और कविता के हर भाव को महसूस किया। बच्चे ने अपनी कविता “मेरा बनारस बदल रहा है” में शहर के आधुनिकीकरण, बाबा विश्वनाथ धाम कॉरिडोर और बनारस की सनातन संस्कृति को अपनी छोटी उम्र में बेहद गहराई से पिरो दिया। श्रीवत्स ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि कविता सुनाते वक्त वे बहुत नर्वस थे, लेकिन जैसे ही प्रधानमंत्री मोदी ने उनके कंधे पर हाथ रखा, उन्हें ऐसा लगा मानो बाबा विश्वनाथ ने स्वयं आशीर्वाद दिया हो। उस क्षण ने उनके भीतर आत्मविश्वास भर दिया और उन्होंने पूरी कविता पूरे जोश और गर्व के साथ सुनाई।
24 घंटे में तैयार हुई कविता, पिता ने दी रचनात्मक दिशा
श्रीवत्स बताते हैं कि उन्होंने यह कविता महज 24 घंटे में तैयार की थी। उनके पिता अमित श्रीवास्तव, जो पेशे से वकील हैं, ने कविता के भावों को रूप देने में मदद की। पिता-पुत्र ने मिलकर बनारस के विकास की झलक कविता के माध्यम से प्रस्तुत करने का प्रयास किया। श्रीवत्स ने कहा कि उन्हें कविता याद करने में लगभग पांच घंटे लगे, और वे लगातार प्रैक्टिस करते रहे ताकि प्रस्तुति में कोई कमी न रह जाए। स्कूल में आयोजित चयन प्रक्रिया में 27 छात्रों में से कुछ को पेंटिंग, कुछ को कहानी और कुछ को कविता लिखने के लिए चुना गया था। श्रीवत्स को कविता श्रेणी में चयन मिला और स्कूल में कविता सुनाने के बाद उन्हें वंदे भारत ट्रेन में पीएम मोदी से मिलने का अवसर दिया गया। जब उन्होंने कविता प्रस्तुत की, तो प्रधानमंत्री मोदी लगातार मुस्कुराते रहे और समय-समय पर ताली बजाकर बच्चे की प्रतिभा की सराहना की। कार्यक्रम के बाद जब प्रधानमंत्री ने उनका वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया, तो श्रीवत्स के घर पर खुशी का माहौल बन गया। सबसे पहले उनके शिक्षकों ने यह वीडियो दिखाया, जिसके बाद परिवार और मोहल्ले के लोगों ने बच्चे को बधाई दी। लोगों ने श्रीवत्स को अंगवस्त्र पहनाकर सम्मानित किया। मां आरती श्रीवास्तव, जो एक शिक्षिका हैं, ने बताया कि बेटे की उपलब्धि ने पूरे परिवार को गर्व से भर दिया। उन्होंने कहा कि यह पल उनके लिए अविस्मरणीय है क्योंकि बेटा अपने दम पर कुछ ऐसा कर गया जिसकी उम्मीद नहीं थी।
श्रीवत्स का सपना – IAS बनकर देश की सेवा करना
श्रीवत्स ने बातचीत में बताया कि अब उनका एक ही सपना है – बड़े होकर भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल होकर देश की सेवा करना। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को देखकर वे प्रेरित हुए हैं कि मेहनत और अनुशासन से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि उन्हें दोबारा पीएम मोदी से मिलने का मौका मिला, तो वे उनसे पूछना चाहेंगे कि वे इतनी व्यस्तता के बावजूद हमेशा ऊर्जावान और सकारात्मक कैसे रहते हैं। पिता अमित श्रीवास्तव ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के आने से बनारस में सचमुच अभूतपूर्व परिवर्तन हुए हैं – सड़कों से लेकर बिजली व्यवस्था तक सब कुछ आधुनिक रूप में विकसित हुआ है। इन्हीं बदलावों को देखते हुए उन्होंने बेटे के साथ मिलकर कविता की रचना की ताकि यह संदेश दिया जा सके कि “बनारस सदा सनातन है, पर अब नए युग के साथ कदम मिला रहा है।” श्रीवत्स की मां आरती ने कहा कि जब उन्हें पता चला कि बेटे ने पीएम मोदी के सामने कविता सुनाई और प्रधानमंत्री ने उसका वीडियो साझा किया, तो उनकी आंखों में गर्व के आंसू आ गए। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ उनके परिवार के लिए नहीं बल्कि पूरे स्कूल और शहर के लिए गौरव का क्षण है। श्रीवत्स का यह अनुभव अब उनकी प्रेरणा बन गया है, जिससे वे और भी मेहनत कर देश के लिए कुछ बड़ा करने की इच्छा रखते हैं। प्रधानमंत्री मोदी की एक मुस्कान और एक प्रोत्साहन भरा स्पर्श इस छोटे से कवि के जीवन में आत्मविश्वास का ऐसा दीपक जलाकर गया है जो शायद जीवनभर बुझ नहीं पाएगा।




