वाराणसी में शनिवार का दिन ऐतिहासिक बन गया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनारस रेलवे स्टेशन से चार नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर पीएम मोदी का अंदाज पूरी तरह से काशीवासी और भोजपुरी रंग में डूबा नजर आया। उन्होंने मंच पर पहुंचते ही सबसे पहले “नम: पार्वती पतये हर-हर महादेव” के जयकारे से अपने संबोधन की शुरुआत की और फिर भोजपुरी में कहा, “बाबा विश्वनाथ के ई पावन नगरी में आप सब लोगन के हमार प्रणाम। देव दीपावली देखनी, केतना अद्भुत आयोजन भइल। हम ई विकास पर्व के आप सब लोगन के शुभकामना देत हई।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जो नई वंदे भारत, नमो भारत और अमृत भारत ट्रेनें शुरू की जा रही हैं, वे भारत की रेलवे प्रणाली में एक नया अध्याय जोड़ रही हैं। उन्होंने इस मौके पर कहा कि भारत अब विदेशी तकनीक पर निर्भर नहीं है, बल्कि अपने नवाचारों और स्वदेशी इंजीनियरिंग से नई दिशा तय कर रहा है। वंदे भारत ट्रेनें “Indians, by Indians, for Indians” की अवधारणा का जीवंत उदाहरण हैं।
मोदी ने बताया कि बनारस समेत उत्तर प्रदेश के रेलवे नेटवर्क में जिस तरह तेजी से विकास हो रहा है, वह आने वाले समय में पूरे पूर्वी भारत को नई आर्थिक शक्ति प्रदान करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, “आज काशी केवल तीर्थ की नगरी नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी और टूरिज्म का केंद्र बन रही है। रेलवे स्टेशन से लेकर घाटों तक, सब जगह विकास की नई गाथा लिखी जा रही है।”
वंदे भारत ट्रेनों से जुड़ेगा पूर्वांचल, तीर्थाटन और व्यापार को मिलेगा नया बल
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि बीते 11 वर्षों में उत्तर प्रदेश में विकास कार्यों ने अभूतपूर्व रफ्तार पकड़ी है। सड़क, रेल और हवाई संपर्क के विस्तार से तीर्थाटन को नई पहचान मिली है। उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि पिछले वर्ष लगभग 11 करोड़ श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए काशी आए, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। वहीं राम मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या में भी 6 करोड़ से अधिक श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए पहुंचे।
मोदी ने कहा कि इन यात्राओं ने न केवल धार्मिक भावनाओं को बल दिया है, बल्कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को हजारों करोड़ रुपये का लाभ भी पहुंचाया है। पर्यटन, होटल व्यवसाय, परिवहन, नौकायन, बनारसी साड़ी उद्योग और छोटे व्यापारियों को इसका सीधा फायदा हुआ है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “आज बनारस का नौजवान अपने पैतृक व्यवसाय को नए तरीके से आगे बढ़ा रहा है। कोई साड़ी एक्सपोर्ट कर रहा है, कोई पर्यटकों को घाटों की यात्रा करवा रहा है, तो कोई नई ट्रैवल कंपनियां चला रहा है। यह बदलाव इस बात का प्रतीक है कि जब सरकार का फोकस इन्फ्रास्ट्रक्चर और अवसर दोनों पर होता है, तो आम नागरिक की जिंदगी बदलती है।”
उन्होंने कहा कि वंदे भारत ट्रेनें न केवल यात्रियों की सुविधा बढ़ाएंगी बल्कि पूर्वांचल के व्यापारिक मार्गों को भी गति देंगी। नई ट्रेनों से वाराणसी, लखनऊ, गोरखपुर, प्रयागराज और दिल्ली के बीच आवागमन आसान होगा, जिससे व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आएगी।
पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि “काशी का विकास केवल बनारस तक सीमित नहीं है, यह पूरे देश के लिए एक प्रेरणा बन गया है। जिस प्रकार से यहां के घाट, गलियां और रेलवे स्टेशन बदले हैं, वह भारत के परिवर्तन की तस्वीर दिखाते हैं।”
देव दीपावली पर काशी में जगमगाई श्रद्धा और प्रगति की ज्योति
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि काशी में देव दीपावली केवल दीपों का त्योहार नहीं, बल्कि आस्था, ऊर्जा और एकता का महोत्सव है। उन्होंने कहा, “जब मैं गंगा किनारे देव दीपावली देखत हई, त मन में गर्व के साथ भावुकता भी जागत ह। जे शहर हजारों साल से ज्ञान और संस्कृति के प्रकाश से दुनिया के कोना-कोना तक रौशनी फैलावत आ रहल बा, उ आज नए भारत के प्रतीक बन गइल बा।”
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में स्थानीय संस्कृति के प्रति सम्मान जताते हुए कहा कि काशी की गलियों में “गंगा जल, गीता और तकनीक” का संगम दिखता है। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य केवल इमारतें खड़ी करना नहीं, बल्कि संस्कृति के साथ विकास का संतुलन बनाना है।
मोदी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर, गंगा घाटों का पुनरुद्धार, और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट जैसे कार्यों ने शहर की तस्वीर पूरी तरह बदल दी है। उन्होंने कहा कि अब काशी आने वाला हर यात्री न केवल आध्यात्मिक अनुभव लेकर लौटता है, बल्कि भारत के विकास की झलक भी देखता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “आज उत्तर प्रदेश में जो विकास हो रहा है, वह न केवल राज्य बल्कि पूरे देश की दिशा तय कर रहा है। पर्यटन, परिवहन, और पारंपरिक उद्योगों में क्रांति आ रही है। यही बदलाव वोकल फॉर लोकल के मंत्र को मजबूत कर रहा है।”
उन्होंने लोगों से अपील की कि वे बनारसी साड़ी, लकड़ी के खिलौने, और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दें ताकि कारीगरों को सीधा लाभ मिल सके।
प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान पूरा परिसर “हर-हर महादेव” और “जय श्रीराम” के नारों से गूंज उठा। देव दीपावली की रौशनी में काशी इस मौके पर स्वर्णिम दिख रही थी। घाटों से लेकर सड़कों तक रोशनी की झिलमिलाहट और गंगा आरती का दृश्य प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत में एक भावनात्मक माहौल बना गया।
कार्यक्रम के अंत में पीएम मोदी ने कहा कि काशी ने हमेशा दुनिया को आध्यात्मिकता और प्रगति का संदेश दिया है। “आज बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद से हम नए भारत के निर्माण की राह पर हैं, और काशी इस परिवर्तन का केंद्र बन चुकी है।”




