नकली आलू की बाजार में हो रही बिक्री और जब्ती
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, लखनऊ और बलिया की मंडियों में हाल ही में नए आलू के नाम पर पुराने आलू को केमिकल में डालकर लाल रंग किया गया और बेचा गया। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने गोरखपुर की महेवा मंडी में दो ट्रक आलू जब्त किए, जिनमें 500 क्विंटल से अधिक लाल आलू लदे थे। जांच के दौरान पता चला कि ये आलू तमिलनाडु और यूपी के फर्रुखाबाद से लाए गए थे और केमिकल के जरिए नया दिखाया गया। लखनऊ की दुबग्गा मंडी में भी 2300 किलो और बलिया में 10 क्विंटल नकली आलू जब्त किए गए।
कैसे तैयार किया जाता है नकली आलू
जानकारी के अनुसार पुराने आलू को अमोनिया घोले में 12 घंटे भिगोकर छिलका पतला किया जाता है। इसके बाद आलू को लाल मिट्टी से रगड़ा जाता है, जिससे उसका छिलका अलग होकर मिट्टी चिपक जाती है। इस प्रक्रिया से आलू नया दिखाई देता है और लोग महंगे दाम पर इसे खरीद लेते हैं। खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त डॉ. सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि इस तरह के आलू स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं। इनमें इस्तेमाल होने वाला केमिकल किडनी और लीवर को नुकसान पहुंचा सकता है।
खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्रवाई और चेतावनी
आलू मंडी में छापा मारते ही व्यापारियों में अफरा-तफरी मच गई, कुछ ड्राइवर ट्रक छोड़कर भाग गए। विभाग ने कहा कि इस तरह के केमिकल वाले आलू से दूर रहें। ट्रक से सैंपल लैब भेजे गए हैं और रिपोर्ट आने तक आलू सीज रहेगा। विभाग ने जनता को चेताया है कि बाजार में बिकने वाला लाल और छिलके से नया दिखने वाला आलू अक्सर धोखा हो सकता है। ऑनलाइन मंगाए जाने वाले आलू में भी यही धोखाधड़ी पाई जा रही है।