लखनऊ की सहारा सिटी एक बार फिर चर्चा के केंद्र में है। राजधानी के गोमती नगर इलाके की इस प्रीमियम लोकेशन पर अब नया विधानसभा भवन बनाए जाने की संभावना जताई जा रही है। सूत्रों के अनुसार, उत्तर प्रदेश शासन ने लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) को इस स्थान का सर्वे और नपाई करने का निर्देश दिया था, जिसके बाद एलडीए ने अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी है। यह पूरी प्रक्रिया पिछले महीने नगर निगम द्वारा सहारा सिटी की लीज निरस्त किए जाने के बाद तेज हुई। शासन के सूत्र बताते हैं कि सरकार नई विधानसभा के लिए लगभग 200 एकड़ भूमि चाहती है और सहारा सिटी के पास करीब 245 एकड़ जमीन उपलब्ध है। इसी कारण यह क्षेत्र नई विधानसभा के लिए सबसे उपयुक्त माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि सहारा सिटी की जमीन पर फिलहाल एलडीए का नाम दर्ज है और नगर निगम के साथ हुए पुराने हस्तांतरण समझौते के आधार पर यह जमीन पहले सहारा समूह को लीज पर दी गई थी।
एलडीए और नगर निगम की रिपोर्ट में खुलासा, 245 एकड़ जमीन में से अधिकांश सरकारी
एलडीए के अधिकारियों के मुताबिक कुल 245 एकड़ में से करीब 130 एकड़ जमीन नगर निगम के हिस्से में थी, जिसे बाद में सहारा समूह को लीज पर दिया गया था। वहीं शेष 75 एकड़ जमीन एलडीए की ओर से ग्रीन बेल्ट के लिए लीज पर दी गई थी। दोनों ही लीज समझौतों में शर्तों के उल्लंघन का मामला सामने आने के बाद पहले एलडीए ने पिछले वर्ष अपनी लीज निरस्त की और उसके बाद नगर निगम ने भी अपनी लीज को समाप्त कर दिया। इससे सहारा समूह का इस भूमि पर स्वामित्व समाप्त हो गया। इसके बाद शासन ने एलडीए को निर्देश दिया कि वह पूरे क्षेत्र की सीमांकन और नपाई पूरी कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करे। नपाई रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया कि सहारा सिटी के भीतर लगभग 170 एकड़ क्षेत्र को नगर निगम ने पहले ही सील कर दिया है। शेष भूमि भी अब प्रशासनिक नियंत्रण में है। रिपोर्ट शासन को भेजे जाने के बाद नई विधानसभा के निर्माण पर विचार तेज हो गया है।
कोर्ट में मामला लंबित, लेकिन शासन गंभीर, नई विधानसभा का खाका तैयार होने की तैयारी
हालांकि सहारा समूह ने लीज निरस्तीकरण के खिलाफ अदालत में वाद दाखिल किया है, लेकिन अब तक किसी प्रकार की राहत नहीं मिली है। एलडीए और नगर निगम के अधिकारियों ने इस मुद्दे पर आधिकारिक बयान देने से परहेज किया है, परंतु सूत्रों का कहना है कि शासन स्तर पर इस परियोजना को लेकर गंभीर चर्चा चल रही है। नई विधानसभा भवन के लिए राजधानी के केंद्र में स्थित सहारा सिटी को सबसे उपयुक्त विकल्प माना जा रहा है क्योंकि यह क्षेत्र न केवल विस्तृत है बल्कि यहां सड़क संपर्क और बुनियादी ढांचा पहले से मौजूद है। प्रशासनिक हलकों में यह चर्चा भी है कि यदि न्यायालय से कोई बड़ी बाधा नहीं आई, तो अगले चरण में शासन औपचारिक रूप से परियोजना की स्वीकृति दे सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा विधानसभा भवन अब स्थान की कमी और बढ़ते प्रशासनिक कार्यभार को देखते हुए पर्याप्त नहीं रह गया है, इसलिए एक आधुनिक और विस्तृत भवन की आवश्यकता महसूस की जा रही है। एलडीए की रिपोर्ट शासन को सौंपे जाने के साथ ही इस दिशा में पहला ठोस कदम उठ चुका है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले महीनों में इस परियोजना को लेकर सरकार क्या निर्णय लेती है और क्या वास्तव में लखनऊ की सहारा सिटी में उत्तर प्रदेश की नई विधानसभा का शिलान्यास होता है या नहीं।




