उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में सोमवार देर शाम पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने एक बड़ी सफलता हासिल की जब दो कुख्यात अपराधियों को एनकाउंटर में मार गिराया गया। भोजपुर थाना क्षेत्र के गोट रेलवे स्टेशन के पास हुई इस मुठभेड़ में पुलिस ने मेरठ के रहने वाले एक लाख के इनामी आसिफ उर्फ टिड्डा और 50 हजार के इनामी दीनू उर्फ इलियास को ढेर कर दिया। जानकारी के अनुसार दोनों अपराधी बिना नंबर प्लेट की कार में सवार होकर किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की योजना बना रहे थे। पुलिस को पहले से दोनों की लोकेशन की जानकारी मिल चुकी थी और उनकी गतिविधियों पर निगरानी रखी जा रही थी। जैसे ही पुलिस ने उन्हें घेराबंदी में लिया, बदमाशों ने कार्बाइन और अत्याधुनिक हथियारों से फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए और अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई। मुठभेड़ के दौरान SSP सतपाल अंतिल और मेरठ STF यूनिट के ASP की बुलेटप्रूफ जैकेट में गोलियां धंस गईं, जिससे दोनों अधिकारी बाल-बाल बचे। घटना के बाद मौके से कार, 30 बोर की कार्बाइन, तीन पिस्टल, और बड़ी मात्रा में जिंदा कारतूस बरामद किए गए। पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और पूरे क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। SSP सतपाल अंतिल ने देर रात मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि दोनों बदमाशों के खिलाफ हत्या, लूट और रंगदारी जैसे 100 से अधिक संगीन मामले दर्ज थे और दोनों लंबे समय से फरार चल रहे थे।
अपराध जगत के दो पुराने खिलाड़ी: आसिफ और दीनू की लंबी आपराधिक पृष्ठभूमि
मारे गए अपराधियों में आसिफ उर्फ टिड्डा पश्चिमी यूपी का एक कुख्यात नाम था। मूल रूप से गाजियाबाद के भोजपुर थाना क्षेत्र के कलछीना गांव का निवासी आसिफ मेरठ के रसीद नगर में रहता था और उसके खिलाफ प्रदेश के कई जिलों में 65 से अधिक मुकदमे दर्ज थे। उसे 2013 में मेरठ पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर घोषित किया था। आसिफ पर हरियाणा के पानीपत में 40 लाख की डकैती, 2020 में मुजफ्फरनगर में एक दूल्हे की हत्या, और अलीगढ़ में एक परिवार को बंधक बनाकर 10 लाख की डकैती जैसे कई संगीन मामले दर्ज थे। हाल ही में उसने मुरादाबाद के एक कारोबारी से एक करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी। पुलिस के अनुसार, वह अपराध जगत में लंबे समय से सक्रिय था और NCR सहित कई राज्यों में अपने गैंग के साथ आतंक फैलाए हुए था। वहीं उसका साथी दीनू उर्फ इलियास मेरठ जिले के खिवाई गांव का रहने वाला था और उसके खिलाफ हत्या, लूट, डकैती, आर्म्स एक्ट और गैंगस्टर एक्ट के तहत 35 से अधिक मामले दर्ज थे। दीनू को पुलिस ने 2009 में हिस्ट्रीशीटर घोषित किया था। 2020 में मुजफ्फरनगर के एक अपहरण और हत्या मामले में भी उसका नाम सामने आया था। दोनों अपराधी हाल के महीनों में पश्चिमी यूपी में कई वारदातों को अंजाम दे चुके थे और इनके मारे जाने से पुलिस ने राहत की सांस ली है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इन दोनों के एनकाउंटर से इनके गिरोह की गतिविधियों पर बड़ा असर पड़ेगा और आने वाले समय में क्षेत्र में अपराध दर में गिरावट आने की संभावना है।
यूपी में बढ़े एनकाउंटर, 24 घंटे में तीन अपराधियों का अंत, कानून-व्यवस्था पर सरकार का फोकस
पिछले 24 घंटों में उत्तर प्रदेश में पुलिस ने लगातार तीसरा एनकाउंटर किया है। रविवार देर रात हापुड़ में पुलिस ने 50 हजार के इनामी गो-तस्कर हसीन को भी मुठभेड़ में मार गिराया था। संभल निवासी हसीन पर 24 से अधिक आपराधिक मुकदमे दर्ज थे, और वह हाल ही में मुजफ्फरनगर में पुलिस टीम पर फायरिंग कर फरार हुआ था। लगातार हो रहे इन एनकाउंटरों से प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर सरकार का सख्त रुख साफ झलकता है। योगी सरकार के कार्यकाल में पुलिस ने अपराध पर अंकुश लगाने के लिए अब तक हजारों एनकाउंटर किए हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार मार्च 2017 से जुलाई 2025 तक प्रदेश में करीब 14,000 पुलिस मुठभेड़ें हुईं, जिनमें 238 अपराधी मारे गए, 9,000 से अधिक घायल हुए और 30,000 से ज्यादा गिरफ्तार किए गए। अधिकारियों का कहना है कि हाल के अभियानों का उद्देश्य अपराधियों को यह संदेश देना है कि अपराध कर के कोई बच नहीं सकता। मुरादाबाद एनकाउंटर की सफलता ने न केवल पुलिस की कार्यकुशलता को साबित किया है बल्कि यह भी दिखाया है कि अपराधियों के लिए प्रदेश की जमीन अब सुरक्षित नहीं रही। SSP सतपाल अंतिल ने कहा कि पुलिस की प्राथमिकता अपराधमुक्त समाज स्थापित करना है, और इस दिशा में हर मुठभेड़ अपराध के खिलाफ एक संदेश के रूप में देखी जा रही है। मुरादाबाद, हापुड़ और पश्चिमी यूपी में लगातार हो रही ये कार्रवाइयाँ प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा हैं। पुलिस के उच्च अधिकारी अब इन गिरोहों के बाकी सदस्यों पर भी कार्रवाई की तैयारी में जुटे हैं ताकि प्रदेश में कानून-व्यवस्था और मजबूत की जा सके।




