उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद शहर के चंदन नगर सिविल लाइंस इलाके में शनिवार सुबह एक दर्दनाक हादसा सामने आया, जिसने पूरे क्षेत्र को दहला दिया। यहां 65 वर्षीय दुकानदार खजान सिंह की मौत आवारा सांड के हमले में हो गई। यह पूरी घटना नजदीकी CCTV कैमरे में कैद हो गई, जिसमें साफ दिखा कि कैसे एक मामूली प्रयास ने भयावह रूप ले लिया। जानकारी के अनुसार, खजान सिंह रोज की तरह सुबह अपने घर से दुकान के लिए निकले थे। वह पैरालिसिस के मरीज थे और छड़ी के सहारे धीरे-धीरे चलते थे। जैसे ही वे अपने घर की गली से मुख्य सड़क पर पहुंचे, एक सांड रास्ते में खड़ा था। खजान सिंह ने अपनी छड़ी से उसे हटाने की कोशिश की, पर सांड हिला तक नहीं। तभी पास की एक महिला मदद के लिए आई और सांड पर पानी फेंका, ताकि वह हट जाए। लेकिन पानी पड़ते ही सांड भड़क गया। बुजुर्ग जैसे ही गली की ओर लौटने लगे, सांड ने पीछे से उन पर हमला कर दिया और उन्हें सींगों पर उठाकर करीब पांच फीट ऊपर उछाल दिया। बुजुर्ग ज़मीन पर बुरी तरह गिर पड़े और वहीं बेहोश हो गए।
अस्पताल में तोड़ा दम, CCTV वीडियो ने खड़ा किया बड़ा सवाल
हमले के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने दौड़कर बुजुर्ग को उठाया और निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां रविवार सुबह इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। डॉक्टरों के अनुसार, खजान सिंह के सिर और रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोटें आई थीं, जिसके कारण उनकी स्थिति नाजुक बनी रही। घटना का CCTV फुटेज अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें पूरा घटनाक्रम क्रमवार तरीके से दिखाई दे रहा है-पहले बुजुर्ग का सांड को भगाने का प्रयास, फिर महिला और युवक का पानी डालना, और अंत में सांड का अचानक पलटकर हमला करना। इस दृश्य ने इलाके में दहशत फैला दी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि खजान सिंह एक शांत स्वभाव के व्यक्ति थे और वर्षों से मोहल्ले में दुकान चला रहे थे। हादसे के बाद पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। लोग नगर निगम की लापरवाही पर नाराज हैं और मांग कर रहे हैं कि शहर में आवारा पशुओं के खिलाफ तत्काल अभियान चलाया जाए। स्थानीय पार्षदों और दुकानदारों ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब मुरादाबाद में सांड के हमले से किसी की जान गई हो, लेकिन प्रशासन हर बार केवल औपचारिक कार्रवाई कर मामला रफा-दफा कर देता है।
नगर निगम की कार्रवाई पर सवाल, आवारा पशुओं की बढ़ती समस्या बनी जानलेवा
घटना की सूचना मिलते ही नगर निगम की पशु पकड़ टीम मौके पर पहुंची और संबंधित सांड को पकड़कर गौशाला भेज दिया। हालांकि लोगों का कहना है कि घटना के बाद की यह कार्रवाई केवल दिखावा है। इलाके के लोगों ने कहा कि मुरादाबाद शहर के कई इलाकों-जैसे मंडी समिति क्षेत्र, कांठ रोड और काशीपुर रोड-पर आवारा सांड खुलेआम घूमते हैं। ये न केवल ट्रैफिक बाधित करते हैं बल्कि कई बार जानलेवा हादसे भी करा चुके हैं। पिछले कुछ महीनों में सांडों के कारण कई लोग घायल हुए हैं, परंतु प्रशासन ने कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला। स्थानीय निवासी राजेश अग्रवाल ने कहा, “नगर निगम तब हरकत में आता है जब कोई बड़ा हादसा हो जाता है। रोजाना बाजार और गलियों में दर्जनों आवारा पशु घूमते रहते हैं, लेकिन कोई जिम्मेदार अधिकारी इन पर ध्यान नहीं देता।” वहीं, व्यापार मंडल ने भी इसे प्रशासनिक लापरवाही बताते हुए कहा कि सड़कों पर घूमते सांडों और गायों से दुकानदार व राहगीर हमेशा खतरे में रहते हैं। इस हादसे के बाद नागरिकों ने मांग की है कि नगर निगम शहरभर में विशेष अभियान चलाए, आवारा सांडों को चिन्हित कर स्थायी रूप से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो। चंदन नगर का यह मामला एक बार फिर इस गंभीर समस्या की ओर ध्यान दिलाता है कि शहरों में आवारा पशुओं का प्रबंधन अब केवल सफाई या पशुपालन विभाग का मुद्दा नहीं, बल्कि आम लोगों की जान से जुड़ा सवाल बन चुका है।




