मेरठ के तेजगढ़ी इलाके में 19 अक्टूबर की रात एक व्यापारी के साथ सड़क पर अभद्र व्यवहार का मामला सामने आया। भाजपा किसान मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष विकुल चपराणा ने अपने साथियों के साथ एक पार्किंग विवाद को लेकर व्यापारी सत्यम रस्तोगी और सिद्धार्थ पॉल को घेरा और धमकाते हुए सड़क पर नाक रगड़वाने पर मजबूर किया। इस दौरान उन्होंने राज्य मंत्री सोमेंद्र तोमर का नाम लेकर धमकी दी कि “मंत्री सबका बाप है।” घटना का वीडियो वायरल हो गया, जिसमें युवक हाथ जोड़कर माफी मांगते और सिर झुकाकर नाक रगड़ते नजर आए। वीडियो में यह भी दिखा कि पास में मौजूद पुलिसकर्मी – कीर्ति पैलेस चौकी प्रभारी गौरव सिंह, हेड कॉन्स्टेबल चेतन और कॉन्स्टेबल बृजेश – कार्रवाई नहीं कर रहे थे।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
वीडियो के सामने आने के बाद मेरठ पुलिस ने तत्काल जांच शुरू की। एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने तीनों पुलिसकर्मियों को लाइनहाजिर कर दिया और मुख्य आरोपी विकुल चपराणा को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के अनुसार आरोपी का फिलहाल कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। व्यापारी सत्यम रस्तोगी ने बताया कि उनका कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं थी और विवाद केवल पार्किंग को लेकर हुआ था। पुलिस-प्रशासन ने घटना की गंभीरता को देखते हुए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। साथ ही कांग्रेस और व्यापारी संगठन के नेता भी पीड़ित से मिलने और शिकायत दर्ज कराने के लिए अधिकारियों से मुलाकात करेंगे।
भाजपा की प्रतिक्रिया और राजनीतिक पहलू
बीजेपी ने मामले में तेजी से कदम उठाते हुए विकुल चपराणा को किसान मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष के पद से हटा दिया। भाजपा जिलाध्यक्ष शिवकुमार राणा ने कहा कि पार्टी में सम्मान और मान मर्यादा का उल्लंघन किसी भी प्रकार स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तरह के अपशब्द और अभद्र व्यवहार पार्टी की विचारधारा के खिलाफ हैं। राज्यमंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर ने मामले में किसी भी तरह की जानकारी से इंकार किया और कहा कि उनका नाम केवल सार्वजनिक क्षेत्र में लिया गया। सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. संदीप पहल ने भी सवाल उठाया कि मंत्री के नाम का प्रयोग कर धमकाने वाले के खिलाफ अभी तक मुकदमा क्यों नहीं दर्ज हुआ। वकील रामकुमार शर्मा ने यूपी डीजीपी को लिखित शिकायत भेजकर आरोपी पर सख्त कार्रवाई की मांग की। इस मामले ने मेरठ में कानून व्यवस्था, प्रशासनिक जवाबदेही और राजनीतिक दबंगई पर नया विवाद खड़ा कर दिया है।