मेरठ के तेजगढ़ी चौराहे पर 19 अक्टूबर की रात कपड़ा व्यापारी सत्यम रस्तोगी के साथ हुई घटना ने पूरे प्रदेश में राजनीतिक और सामाजिक हलचल पैदा कर दी है। सत्यम रस्तोगी अपने दोस्त के साथ मेहता होटल में डिनर के लिए गए थे। खाने के बाद जब वह बाहर आए और अपनी कार निकालने लगे, तो पीछे खड़ी कुछ गाड़ियों के कारण रास्ता अवरुद्ध था। उन्होंने पीछे खड़े युवकों से कहा कि “भइया, कार हटा लो।” बस इतना कहना ही झगड़े की वजह बन गया। आरोप है कि उन युवकों ने विवाद बढ़ाया और थोड़ी ही देर में वहां 20 से 30 लोग इकट्ठा हो गए। देखते ही देखते माहौल तनावपूर्ण हो गया और सत्यम पर दबाव डाला गया कि वह सबके सामने माफी मांगे। वायरल वीडियो में भाजपा किसान मोर्चा के तत्कालीन जिला उपाध्यक्ष विकुल चपराणा सत्यम से नाक रगड़वाकर माफी मंगवाते नजर आए। भीड़ के बीच अपमानित होने की यह घटना न केवल मेरठ बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में चर्चा का विषय बन गई। पीड़ित ने बताया कि “मैंने केवल अपनी और अपने दोस्त की जान बचाने के लिए हाथ जोड़कर और पैर पकड़कर माफी मांगी, क्योंकि अगर ऐसा नहीं करता तो शायद मुझे जान से मार देते।”
पुलिस कार्रवाई और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस मामले में पुलिस ने अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सबसे पहले मुख्य आरोपी विकुल चपराणा को पकड़ा गया, जिसे बाद में जमानत मिल गई। इसके बाद बुधवार रात तीन अन्य आरोपी – हैप्पी भड़ाना, आयुष शर्मा और सुबोध यादव – गिरफ्तार किए गए। पुलिस के अनुसार, सभी से पूछताछ जारी है और सीसीटीवी फुटेज की मदद से घटना की जांच आगे बढ़ाई जा रही है। इस घटना के बाद भाजपा ने तत्काल प्रभाव से विकुल चपराणा को पार्टी से निलंबित कर दिया और उसकी प्राथमिक सदस्यता रद्द कर दी। भाजपा जिलाध्यक्ष शिवकुमार राणा और महानगर अध्यक्ष विवेक रस्तोगी खुद पीड़ित के घर पहुंचे और भरोसा दिलाया कि उसे हर संभव न्याय दिलाया जाएगा। जिलाध्यक्ष ने कहा, “पार्टी किसी भी प्रकार की गुंडागर्दी या अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं करती। दोषी को सख्त सजा मिलनी चाहिए।” दूसरी ओर, कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने भी सत्यम रस्तोगी के घर जाकर घटना की निंदा की और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। वहीं, सोशल मीडिया पर इस प्रकरण को लेकर जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। लोग वीडियो शेयर कर आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
वैश्य समाज में आक्रोश और न्याय की मांग
इस घटना ने न केवल राजनीतिक हलकों में बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों में भी आक्रोश फैला दिया है। अंतरराष्ट्रीय वैश्य संगठन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर पूरे मामले की शिकायत की है और पीड़ित को न्याय दिलाने की मांग की है। संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने मेरठ एसएसपी आवास पर पहुंचकर पुलिस पर लापरवाही और आरोपियों के प्रति नरमी बरतने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि इतने गंभीर मामले में केवल हल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज करना और आरोपी को जल्द जमानत दिलाना न्याय की प्रक्रिया के साथ खिलवाड़ है। प्रतिनिधियों ने कहा कि अगर जल्द सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो वैश्य समाज प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगा। बताया जा रहा है कि पीड़ित सत्यम रस्तोगी भाजपा महानगर अध्यक्ष विवेक रस्तोगी के परिवार से संबंध रखते हैं, जिससे मामला और अधिक संवेदनशील हो गया है। वहीं, व्यापार संघ और स्थानीय सांसदों की चुप्पी पर भी सवाल उठ रहे हैं। वैश्य समुदाय के लोगों ने कहा कि “जब एक व्यापारी का अपमान खुलेआम किया जाता है और कोई जनप्रतिनिधि आवाज नहीं उठाता, तो यह समाज के आत्मसम्मान पर आघात है।” फिलहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है और अधिकारियों का कहना है कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। लेकिन यह घटना मेरठ की सामाजिक और राजनीतिक स्थिति पर एक गहरा सवाल छोड़ गई है – क्या सत्ता के नाम पर किसी आम नागरिक को इस तरह अपमानित किया जा सकता है?




