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मेरठ सौरभ हत्याकांड का असर: मुस्कान के परिवार की टूटी कमर, बिजनेस बंद, नौकरी गई, अब मकान बेचकर शहर छोड़ने की तैयारी

सौरभ हत्याकांड के आठ महीने बाद मुस्कान का परिवार समाज और रिश्तेदारों से हुआ अलग-थलग, घर पर लगाया ‘मकान बिकाऊ है’ का पोस्टर

Muskan family selling house after Saurabh murder case in Meerut | UP News

मेरठ के चर्चित सौरभ हत्याकांड को बीते आठ महीने हो चुके हैं, लेकिन इस घटना की गूंज अब भी शहर में महसूस की जा रही है। इस केस में मुख्य आरोपी मुस्कान और उसका बॉयफ्रेंड साहिल फिलहाल जेल में बंद हैं। वहीं, मुस्कान का मायका ब्रह्मपुरी के इंद्रानगर इलाके में है, जहां अब उसके परिवार ने ‘मकान बिकाऊ है’ का पोस्टर लगाकर शहर छोड़ने का फैसला किया है। मुस्कान के पिता प्रमोद रस्तोगी अपनी पत्नी कविता, बेटे और छोटी बेटी के साथ इसी घर में रहते हैं। लेकिन अब वह कहते हैं कि मेरठ में रहना उनके लिए असंभव हो गया है क्योंकि यह शहर अब उन्हें केवल बुरी यादें दिलाता है। हालांकि उन्होंने मकान बेचने के पीछे की वजह पर कुछ नहीं कहा, लेकिन स्थानीय लोगों और सौरभ के परिवार के अनुसार, इस निर्णय के पीछे सामाजिक बहिष्कार और आर्थिक तबाही की गहरी कहानी छिपी है। घटना के बाद से ही प्रमोद रस्तोगी का सर्राफा व्यवसाय ठप हो गया है। बाजार में उनकी साख गिर गई और ग्राहक दुकान पर आना बंद कर चुके हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने जिन लोगों को उधार दिया था, उनमें से कई ने पैसा लौटाने से भी इनकार कर दिया। दूसरी ओर, मुस्कान के भाई की नोएडा की नौकरी भी घटना के बाद चली गई। इस तरह से परिवार की आय के सारे स्त्रोत खत्म हो गए हैं। वहीं, मुस्कान की छोटी बहन जो घर पर बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती थी, उसकी क्लास भी बंद हो गई क्योंकि लोगों ने अपने बच्चों को उस घर में भेजना बंद कर दिया।

रिश्तेदारों ने भी तोड़ा नाता, समाज से अलग-थलग हुआ परिवार

मुस्कान के पिता प्रमोद रस्तोगी को हाल ही में एक और गहरी चोट तब लगी जब उनके ही रिश्तेदारों ने उन्हें पारिवारिक कार्यक्रम से बाहर कर दिया। शादी के निमंत्रण पत्र से उनका नाम हटा दिया गया और समारोह में शामिल होने से साफ मना कर दिया गया। रिश्तेदारों का कहना था कि अगर प्रमोद समारोह में आएंगे तो बदनामी बढ़ेगी। इस अपमान के बाद रस्तोगी परिवार ने तय कर लिया कि अब वे मेरठ में नहीं रहेंगे। वहीं, सौरभ के परिवार का कहना है कि मुस्कान के माता-पिता का घर वास्तव में उनके बेटे सौरभ के पैसों से बना है। सौरभ लंदन में काम करता था और वहां से मुस्कान के परिवार को पैसे भेजता था। सौरभ के बड़े भाई राहुल का आरोप है कि सौरभ ने कभी अपने घर वालों को आर्थिक सहायता नहीं दी, बल्कि अपनी सारी कमाई मुस्कान और उसके परिजनों को भेजी। उसी पैसों से यह मकान बना, जिसे अब मुस्कान का परिवार बेचने जा रहा है। राहुल और उनकी मां रेनू देवी का कहना है कि मुस्कान का परिवार इस अपराध की जानकारी पहले से रखता था, लेकिन उन्होंने कभी सौरभ के परिवार को आगाह नहीं किया। यह आरोप समाज में पहले से ही विवाद का विषय बना हुआ है और अब मकान बिकने की खबर ने इस विवाद को और गहरा दिया है।

जेल में गर्भवती मुस्कान, अदालत में जारी है सुनवाई

3 मार्च को हुई इस जघन्य हत्या की याद आज भी लोगों के जेहन में ताजा है। मुस्कान ने अपने बॉयफ्रेंड साहिल के साथ मिलकर अपने पति सौरभ की हत्या की थी। साजिश के तहत उसने पहले खाने में नींद की गोलियां मिलाईं, और जब सौरभ गहरी नींद में चला गया तो उसके सीने में चाकू घोंप दिया गया। इसके बाद साहिल ने शव को चार टुकड़ों में काटकर एक नीले प्लास्टिक ड्रम में सीमेंट के घोल के साथ बंद कर दिया था। हत्या के बाद दोनों आरोपी हिमाचल और उत्तराखंड घूमने चले गए और लौटने पर 18 मार्च को पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया। तब से दोनों मेरठ की जिला जेल में बंद हैं। मुस्कान फिलहाल गर्भवती है और जेल के अस्पताल में भर्ती है। सौरभ के परिवार ने स्पष्ट किया है कि बच्चे के जन्म के बाद डीएनए टेस्ट कराया जाएगा, और रिपोर्ट से साबित होने पर ही उस बच्चे को स्वीकार किया जाएगा। वहीं साहिल भी जेल में मजदूरी और खेती का काम कर रहा है। बताया गया कि अब तक केवल उसकी नानी और भाई ही उससे मिलने आए हैं, जबकि मुस्कान से मिलने उसका परिवार तक नहीं पहुंचा। इस पूरे मामले में मुकदमे की सुनवाई जिला जज की अदालत में चल रही है। सौरभ के परिवार को अब भी न्याय की उम्मीद है, जबकि मुस्कान के परिवार ने इस घटना के दाग से बचने के लिए मेरठ छोड़कर नई जिंदगी शुरू करने का फैसला कर लिया है। यह घटना न केवल एक परिवार की त्रासदी है बल्कि समाज में फैले अविश्वास और सामाजिक बहिष्कार की एक दर्दनाक मिसाल भी बन गई है।

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