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मेरठ पुलिस लाइन में हादसा: जर्जर मकान की छत गिरी, आठ लोग दबे, दो की हालत गंभीर

अचानक गिरी छत से मचा हड़कंप, परिवार का दर्दनाक अनुभव, अस्पताल में चल रहा इलाज

Meerut Police Line roof collapse rescue operation

जर्जर मकान बना खतरा, परिवार भोजन के दौरान दबा

मेरठ पुलिस लाइन में रविवार रात बड़ा हादसा हो गया, जब एक जर्जर सरकारी क्वार्टर की छत अचानक भरभराकर गिर पड़ी। इस मकान में पुलिस लाइन के टेलर ओमकार अपने पूरे परिवार के साथ रहते थे। रात करीब नौ बजे परिवार के सदस्य एक साथ भोजन कर रहे थे, तभी अचानक तेज आवाज के साथ छत नीचे आ गिरी और घर में मौजूद सभी आठ लोग मलबे के नीचे दब गए। घटना इतनी अचानक हुई कि किसी को संभलने का मौका तक नहीं मिला। घर के अंदर अफरा-तफरी मच गई और चारों तरफ मलबा फैल गया। आसपास रहने वाले लोग मदद के लिए तुरंत पहुंचे और पुलिस व फायर ब्रिगेड की टीमों ने मिलकर करीब तीस मिनट की मशक्कत के बाद सभी को बाहर निकाला। घायलों को तुरंत नजदीकी सुशीला जसवंत राय अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि परिवार पिछले बाईस साल से इसी सरकारी क्वार्टर में रह रहा था।

परिवार के सदस्य घायल, दो की हालत नाजुक

हादसे में घायल ओमकार, उनकी पत्नी सुमन, बेटे विशाल और आकाश के साथ विशाल की पत्नी पूनम व उनके तीन छोटे बच्चे मलबे में दबे। हादसे के बाद विशाल और बच्चों को हल्की चोटें आईं, लेकिन ओमकार और उनकी पत्नी की हालत गंभीर बताई जा रही है। ओमकार को आईसीयू में भर्ती किया गया है, जहां उन्हें किसी से मिलने की अनुमति नहीं है। सुमन के कूल्हे और पीठ में गहरी चोटें आई हैं और उन्हें आपातकालीन वार्ड में रखा गया है। छोटे बेटे आकाश के पैर में चोट लगी है, जिसका इलाज किया जा रहा है। परिवार की बड़ी बेटी कीर्ति, जो शादी के बाद मुजफ्फरनगर में रहती हैं, घटना की सूचना मिलते ही अस्पताल पहुंचीं। वह अपने माता-पिता की हालत देखकर भावुक हो गईं और उनका रो-रोकर बुरा हाल हो गया। इस दुर्घटना के बाद पुलिस लाइन परिसर में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया और सुरक्षा के लिए बैरिकेडिंग भी कर दी गई है।

प्रशासन ने दिए जांच और कार्रवाई के आदेश

इस हादसे के बाद आलाधिकारी मौके पर पहुंचे। एडीजी जोन भानु भास्कर, डीआईजी कलानिधि नैथानी, एसएसपी डॉ. विपिन ताडा और एसपी ट्रैफिक राघवेंद्र ने मौके का निरीक्षण किया और सभी मकानों की स्थिति की समीक्षा के आदेश दिए। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि पुलिस लाइन क्षेत्र में मौजूद पुराने और जर्जर भवनों की सूची तैयार की जाएगी ताकि समय रहते कार्रवाई हो सके और भविष्य में किसी बड़े हादसे की पुनरावृत्ति न हो। स्थानीय लोगों ने भी प्रशासन से गुहार लगाई है कि ऐसे खतरनाक मकानों की तुरंत पहचान कर मरम्मत या वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़ा किया है कि सरकारी क्वार्टर्स में रहने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या पर्याप्त कदम उठाए जा रहे हैं। हादसे ने पूरे पुलिस विभाग और स्थानीय समाज को झकझोर दिया है और अब सभी की नजरें प्रशासनिक कदमों पर टिकी हैं।

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