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Uttar Pradesh News : मायावती ने समझाया सत्ता में लौटने का फॉर्मूला, 2027 चुनाव से पहले बसपा का दलित-मुस्लिम समीकरण फिर सक्रिय

UP news in hindi : बसपा प्रमुख मायावती ने 2027 विधानसभा चुनाव की तैयारी तेज करते हुए दलित-मुस्लिम गठजोड़ को फिर से मजबूत करने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि 20% दलित और 19% मुस्लिम वोट अगर एकजुट हो जाएं, तो सत्ता में वापसी तय है।


Mayawati addressing BSP Muslim brotherhood committee meeting | UP News

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने आगामी 2027 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपनी राजनीतिक रणनीति का खुलासा करते हुए कहा कि दलित और मुस्लिम समाज का एकजुट होना ही सत्ता में वापसी का सबसे प्रभावी रास्ता है। लखनऊ में हुई मुस्लिम भाईचारा कमेटी की बैठक में उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि 20 प्रतिशत दलित और 19 प्रतिशत मुस्लिम समाज मिलकर मतदान करें, तो बसपा को जीत से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) का मूल वोटबैंक यादव वर्ग है, जिसकी संख्या लगभग 8 प्रतिशत है, और मुस्लिम समर्थन के बावजूद यह समीकरण 27 प्रतिशत से आगे नहीं बढ़ता। मायावती ने 2022 के चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि सपा गठबंधन को मुस्लिमों का लगभग पूरा समर्थन मिलने के बावजूद वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ता से बाहर नहीं कर पाई, जबकि 2007 में बसपा ने सीमित मुस्लिम समर्थन के बावजूद पूर्ण बहुमत हासिल किया था। मायावती ने आरोप लगाया कि सपा सिर्फ मुस्लिमों को भाजपा के डर का हवाला देकर वोट हासिल करती है, जबकि बसपा उन्हें संगठन और सत्ता में सम्मानजनक भागीदारी देने के साथ अपने शासनकाल के विकास कार्यों के आधार पर समर्थन चाहती है। उन्होंने कहा कि बसपा के शासन में कानून-व्यवस्था मजबूत रही और हर समाज के हित में काम हुआ, जिससे प्रदेश में स्थिरता और विकास दोनों आए। बैठक में मायावती के साथ बसपा के वरिष्ठ पदाधिकारी, मुस्लिम भाईचारा कमेटी के संयोजक और प्रदेश के 18 मंडलों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इस बैठक को मायावती ने बसपा के पुराने सामाजिक समीकरण को पुनर्जीवित करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया।

मुस्लिम भाईचारा कमेटी को दी नई जिम्मेदारी: सम्मान और भागीदारी का संदेश

मायावती ने मुस्लिम भाईचारा कमेटी को दोबारा सक्रिय करते हुए उसे संगठन का अहम हिस्सा घोषित किया। उन्होंने कहा कि बसपा की ताकत उसकी जमीनी संरचना और विभिन्न वर्गों की समान भागीदारी में निहित है। बैठक में पहली बार मुस्लिम प्रतिनिधियों को आगे की दो पंक्तियों में बैठाने का निर्देश दिया गया, ताकि यह स्पष्ट संदेश जाए कि बसपा में मुस्लिमों को समान सम्मान और अवसर मिलेगा। मायावती ने कहा कि हर विधानसभा क्षेत्र में 100-100 प्रभावशाली मुस्लिम चेहरों को पार्टी से जोड़ा जाएगा, और इसके लिए बूथ स्तर तक पहुंचने की रणनीति बनाई गई है। उन्होंने बताया कि मुस्लिम भाईचारा कमेटी अब हर महीने की 20 तारीख को समीक्षा बैठक करेगी, जिसमें संगठनात्मक प्रगति और नए जुड़ाव की रिपोर्ट सीधे प्रदेश कार्यालय और खुद मायावती तक पहुंचाई जाएगी। पार्टी के मेरठ मंडल प्रभारी आनंद सिंह चंद्रेश ने कहा कि इस बार बसपा नेतृत्व ने पूरी गंभीरता से दलित-मुस्लिम एकता को चुनावी धरातल पर मजबूत करने का लक्ष्य रखा है। बसपा प्रमुख ने अपने चार कार्यकालों में मुस्लिम समाज के हित में लिए गए 100 से अधिक फैसलों और विकास परियोजनाओं की सूची भी जारी की, जिसे कार्यकर्ता अब गांव-गांव ले जाकर जनता को बताएंगे। मायावती ने कहा कि सपा ने हमेशा मुस्लिमों को भ्रमित किया और भाजपा का डर दिखाकर वोट लिए, जबकि बसपा ने उन्हें शासन, संगठन और नीतिगत निर्णयों में भागीदारी दी। बैठक में बिहार चुनाव में व्यस्त आकाश आनंद को भी बुलाया गया, जिन्होंने मुस्लिम समुदाय को बसपा के साथ फिर से जोड़ने के अभियान को गति देने की बात कही। मायावती ने स्पष्ट किया कि बिहार चुनाव के बाद आकाश आनंद उत्तर प्रदेश में सक्रिय भूमिका निभाएंगे और पार्टी की तैयारियों की सीधी निगरानी करेंगे।

अनुशासन, संगठन और जमीनी रणनीति पर जोर

बैठक में मायावती ने संगठन में अनुशासन और समर्पण की अहमियत पर जोर देते हुए चेतावनी दी कि पार्टी में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने समसुद्दीन को पार्टी से हटाए जाने के निर्णय पर स्पष्टता दी और कहा कि बार-बार चेतावनी देने के बावजूद उन्होंने सुधार नहीं किया। 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा से मिलीभगत के आरोपों और गुटबाजी के चलते उन्हें बाहर करना पड़ा। मायावती ने कहा कि पार्टी में ऐसे लोगों की कोई जगह नहीं जो बसपा के सिद्धांतों से समझौता करें या संगठन को कमजोर करें। उन्होंने सभी पदाधिकारियों से अपील की कि यदि कोई इस तरह की गतिविधियों में शामिल दिखे तो सीधे उन्हें सूचित किया जाए ताकि कड़ी कार्रवाई की जा सके। विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर भी मायावती ने कहा कि अन्य दल भले विरोध करें, बसपा को इसका लाभ उठाते हुए अपने वोटरों को जोड़ने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि हर बूथ पर बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) नियुक्त किए जाएं और मतदाता सूची के पुनरीक्षण में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए। लखनऊ मंडल के संयोजक फैजान खान ने कहा कि मायावती का स्पष्ट संदेश है कि बहस या विरोध में समय बर्बाद करने के बजाय ग्राउंड पर जाकर लोगों से जुड़ना है। बैठक में यह भी तय हुआ कि बसपा के कार्यकर्ता मुस्लिम बस्तियों में जाकर यह बताएंगे कि बसपा ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसने शासन में स्थिरता दी और किसी भी सरकार में दंगा नहीं होने दिया। फैजान खान ने कहा कि 9 अक्टूबर के सफल कार्यक्रम के बाद से मायावती और पूरा संगठन जोश में है और आने वाले महीनों में पूरे प्रदेश में कार्यकर्ता अभियान के रूप में सक्रिय होंगे। बसपा अब एक बार फिर अपने पारंपरिक फॉर्मूले – “बहुजन और भाईचारा” – पर लौट आई है, जिसे मायावती 2027 में सत्ता की कुंजी मानती हैं।

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