मथुरा के वृंदावन क्षेत्र में शनिवार की रात एक दर्दनाक पारिवारिक घटना ने पूरे शहर को हिला दिया। गौरा नगर कॉलोनी में बीड़ी कारोबारी परिवार के भीतर हुए झगड़े ने दो जिंदगियां लील लीं। जानकारी के अनुसार, 50 वर्षीय कारोबारी नरेश अग्रवाल ने अपने पिता, 75 वर्षीय सुरेश चंद्र अग्रवाल की गोली मारकर हत्या कर दी और फिर खुद को भी गोली मार ली। परिजन दोनों को आनन-फानन में वृंदावन के रामकृष्ण मिशन अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि सुरेश चंद्र अग्रवाल वृंदावन के प्रसिद्ध उद्योगपति थे और ‘दिनेश बीड़ी’ ब्रांड के मालिक थे, जिनका कारोबार कई राज्यों में फैला हुआ था। परिवार का मुख्य व्यवसाय कोलकाता में स्थित बीड़ी फैक्ट्री से संचालित होता था। मृतक सुरेश चंद्र अपनी पत्नी आशा और तीन बेटों के साथ वृंदावन में रहते थे। बड़े बेटे दिनेश का परिवार कोलकाता में है, जबकि मंझला बेटा नरेश वृंदावन में ही अपनी पत्नी अंशु और दो बच्चों के साथ रहता था। सबसे छोटा बेटा महेश अपने परिवार सहित वृंदावन में ही रहता है।
गुस्से में बेटे ने पिता को मारी गोली, फिर खुद को भी किया खत्म
घटना शनिवार रात करीब 9 बजे की बताई जा रही है, जब नरेश शराब पीने की तैयारी कर रहा था। पिता सुरेश चंद्र ने बेटे को शराब पीने से रोक दिया, जिससे दोनों के बीच कहासुनी शुरू हो गई। विवाद इतना बढ़ गया कि नरेश गुस्से में कमरे से अपनी 32 बोर की लाइसेंसी पिस्टल लेकर आया और पिता की छाती पर गोली दाग दी। गोली लगते ही सुरेश चंद्र जमीन पर गिर पड़े और मौके पर ही उनकी मौत हो गई। यह देखकर नरेश घबरा गया और कुछ ही पलों बाद उसी पिस्टल से खुद की कनपटी पर भी गोली मार ली। दोनों के गिरने की आवाज सुनकर घर के अन्य सदस्य वहां पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। परिजन दोनों को लेकर अस्पताल दौड़े, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद मोहल्ले में अफरा-तफरी मच गई। सूचना पाकर कोतवाली वृंदावन पुलिस और वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। घर की तलाशी लेकर पुलिस ने हथियार को कब्जे में लिया और घटनास्थल की फोटोग्राफी कराई।
प्रतिष्ठित कारोबारी परिवार में आई दरार, पुलिस कर रही जांच
स्थानीय लोगों और रिश्तेदारों ने बताया कि सुरेश चंद्र अग्रवाल वृंदावन के प्रमुख उद्योगपतियों में गिने जाते थे और “दिनेश बीड़ी” ब्रांड के मालिक के रूप में उनकी पहचान पूरे उत्तर भारत में थी। उनका कारोबार लगभग 50 साल पुराना था। वे धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों में भी सक्रिय रहते थे। उनके करीबी व्यापारी नेता धनेंद्र अग्रवाल ने बताया कि सुरेश चंद्र और उनके बेटे नरेश के बीच पिछले कुछ महीनों से घरेलू तनाव चल रहा था। नरेश अक्सर शराब पीने की आदत को लेकर पिता से टकरा जाता था। घटना वाली रात भी यही विवाद उनकी जान का कारण बन गया। परिवार के सदस्य राकेश अग्रवाल ने बताया कि “मेरे चाचा सुरेश चंद्र की हत्या उनके बेटे ने की और फिर खुद को भी गोली मार ली।” पुलिस के अनुसार, हत्या में इस्तेमाल पिस्टल लाइसेंसी थी और नरेश के नाम पर दर्ज थी। सीओ सदर संदीप सिंह ने बताया कि “थाना वृंदावन के गौरा नगर इलाके में हुए इस दोहरे हत्याकांड की जांच जारी है। दोनों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है और वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।” फिलहाल पुलिस परिजनों और आसपास के लोगों से पूछताछ कर रही है ताकि घटना की वास्तविक वजह सामने लाई जा सके। वृंदावन के इस चर्चित कारोबारी परिवार की यह त्रासदी न केवल शहर में सनसनी फैलाने वाली है, बल्कि यह एक चेतावनी भी है कि पारिवारिक विवाद और नशे की आदत कभी-कभी किस हद तक विनाशकारी साबित हो सकती है।




