लखनऊ के ऐतिहासिक शहर में इस बार फैशन और परंपरा का ऐसा संगम देखने को मिला जिसने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। रिवायत फैशन वीक के मंच पर जब एक साथ 40 मॉडल्स रैंप पर उतरीं, तो हॉल तालियों की गूंज से भर उठा। अवधी संस्कृति और आधुनिक ग्लैमर का यह अनूठा संगम लखनऊ की तहजीब को नई पहचान देता नजर आया। बॉलीवुड अभिनेत्री और 2017 की मिस वर्ल्ड मानुषी छिल्लर ने जब रैंप पर कदम रखा, तो सभी निगाहें उन्हीं पर ठहर गईं। उन्होंने अपने शालीन अंदाज और आत्मविश्वास से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। मंच पर पेश किए गए परिधानों में रंग, बनावट और डिजाइन की ऐसी विविधता देखने को मिली जिसने इस आयोजन को खास बना दिया। इस फैशन वीक में कुल पांच प्रमुख डिजाइनरों ने अपने कलेक्शन पेश किए-विक्रम फडनीस, किंशुक भादुड़ी, गगन कुमार, बुशरा जमाल और शाहीन अफरीदी। हर डिजाइनर ने भारतीय परंपरा को आधुनिक ट्रेंड्स के साथ जोड़ने का प्रयास किया और अपनी रचनात्मकता से दर्शकों का दिल जीत लिया।
डिजाइनरों ने पेश किया परंपरा और आधुनिकता का मेल, हर कलेक्शन की अपनी अलग पहचान
फैशन वीक के पहले सत्र में प्रसिद्ध डिजाइनर विक्रम फडनीस ने अपनी बारीक कढ़ाई और रंग संयोजन से सबका ध्यान खींचा। उनके कलेक्शन में जरी, आरी और थ्रेडवर्क की महीन नक्काशी को ऑर्गेंजा, साटन और सिल्क के कपड़ों पर बड़े ही खूबसूरत अंदाज में उकेरा गया था। क्रीम, ब्लैक और मरून जैसे शेड्स ने नवाबी ठाठ को आधुनिक ग्लैमर के साथ जोड़ा। वहीं किंशुक भादुड़ी ने अपने इंडो-फ्यूजन थीम पर आधारित डिजाइन से भारतीय परंपरा और वेस्टर्न स्टाइल का बेजोड़ तालमेल दिखाया। उनके परिधानों में समकालीन फैशन की झलक के साथ भारतीयता का एहसास भी बना रहा। गगन कुमार ने बनारस की समृद्ध बुनाई और टेक्सटाइल कला को केंद्र में रखकर अपने कलेक्शन में साड़ियों और गाउन के माध्यम से भारत की विरासत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत किया। उनकी डिजाइनिंग में पारंपरिक बनारसी पैटर्न को मॉडर्न टच देने का प्रयास स्पष्ट नजर आया। बुशरा जमाल ने पंजाब की रिवायत को अपने अंदाज में प्रस्तुत करते हुए फुलकारी और पारंपरिक कढ़ाई को समकालीन आउटफिट्स में ढाला। वहीं शाहीन अफरीदी के “मॉडर्न वूमेन कलेक्शन” ने आज की आत्मनिर्भर, आत्मविश्वासी और स्टाइलिश महिला का चित्रण किया।
दर्शकों ने सराहा आयोजन, लखनऊ बना फैशन और संस्कृति का केंद्र
कार्यक्रम में दर्शकों की भीड़ ने यह साबित कर दिया कि लखनऊ अब सिर्फ नवाबी तहजीब का शहर नहीं बल्कि उभरता हुआ फैशन डेस्टिनेशन भी है। मानुषी छिल्लर के अलावा कई जानी-मानी मॉडल्स ने भी इस शो में भाग लिया और अपनी खूबसूरत प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। पुरुष मॉडल्स ने भी अपने परिधानों से रैंप पर नई ऊर्जा भरी। डार्क पिंक, सिल्वर, ब्लू और गोल्डन जैसे रंगों में सजे मॉडल्स पर डिम लाइट और पार्श्व संगीत ने आयोजन को और भी आकर्षक बना दिया। फैशन डिजाइनर्स ने बताया कि इस शो का उद्देश्य भारतीय परिधान कला को नए युग की जरूरतों के साथ जोड़ना और देश की विविधता को फैशन की भाषा में प्रस्तुत करना था। शो के अंत में जब सभी डिजाइनर और मानुषी छिल्लर मंच पर एक साथ आए तो दर्शकों ने खड़े होकर तालियां बजाईं। रिवायत फैशन वीक ने यह साबित कर दिया कि परंपरा, रचनात्मकता और आधुनिकता का मेल जब एक साथ होता है तो वह केवल फैशन नहीं, बल्कि संस्कृति का उत्सव बन जाता है। लखनऊ की इस शाम ने यह संदेश दिया कि भारतीय फैशन उद्योग अब वैश्विक मंच पर अपनी पहचान मजबूत कर रहा है और आने वाले समय में रिवायत फैशन वीक जैसे आयोजन इस दिशा में अहम भूमिका निभाएंगे।




