लखनऊ की रहने वाली काजल गुप्ता ने वो कर दिखाया जिसे कई लोग सपने में भी मुश्किल समझते हैं। शादी के दस साल बाद और दो बच्चों की जिम्मेदारियों के बीच उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंट की परीक्षा पास कर ली। यह उपलब्धि उन्होंने तब हासिल की जब उनके आसपास की परिस्थितियां लगातार चुनौतियाँ पेश कर रही थीं। काजल ने बताया कि उन्होंने शादी के बाद तीस वर्ष की उम्र में CA की तैयारी शुरू की थी। पति समीर गुप्ता ने उन्हें पढ़ाई के लिए पूरा सपोर्ट देने का वादा किया और उसी भरोसे ने काजल को हिम्मत दी। छह वर्षों तक निरंतर प्रयास करते हुए उन्होंने परिवार और करियर के बीच संतुलन बनाए रखा। इसी दौरान दो बच्चों का जन्म हुआ, जिससे पढ़ाई कई बार बाधित हुई, लेकिन उनका संकल्प कमजोर नहीं पड़ा। काजल ने अपनी सफलता का श्रेय अपने पति को दिया, जिन्होंने बच्चों की देखभाल के लिए ऑफिस से वर्क फ्रॉम होम लिया ताकि पत्नी को पढ़ाई के लिए समय मिल सके। उन्होंने कहा कि समीर के सहयोग के बिना तैयारी की कल्पना भी असंभव थी।
ससुराल वालों से छिपकर की तैयारी, 5वें प्रयास में मिली सफलता
काजल बताती हैं कि उनका परिवार एक संयुक्त परिवार है और जब उन्हें CA बनने की खबर ससुराल तक पहुंची तो सभी अचंभित रह गए। उन्हें विश्वास नहीं हुआ कि घर की जिम्मेदारियों के बीच कोई इतना कठिन एग्जाम पास कर सकता है। लेकिन काजल के लिए यह सिर्फ एक करियर नहीं बल्कि बचपन का सपना था। उन्होंने कहा कि शादी के बाद लगा था कि शायद अब ये सपना अधूरा रह जाएगा, लेकिन परिस्थितियों ने उन्हें और मजबूत बनाया। जब बच्चे छोटे थे, वे रात भर पढ़ाई करतीं और सुबह उनके पति बच्चों को संभालते ताकि उन्हें आराम मिल सके। उन्होंने दिल्ली में MBA की पढ़ाई के दौरान समीर से मुलाकात की थी, वहीं से दोनों के बीच समझदारी और विश्वास की नींव पड़ी। दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने और बेटी की तबीयत बिगड़ने पर उन्होंने लखनऊ शिफ्ट होने का फैसला किया। वहां पहुंचने के बाद उन्होंने लगातार पांच प्रयासों में CA फाइनल की परीक्षा दी। चार बार असफल होने के बाद आखिरकार सितंबर 2025 में पांचवें प्रयास में सफलता हासिल की। इस दौरान उन्होंने अधिकतर पढ़ाई ऑनलाइन माध्यम से की और आत्म-अध्ययन पर ध्यान दिया। काजल कहती हैं कि असफलता ने उन्हें मजबूत बनाया, हर असफल प्रयास ने उन्हें और मेहनती बनाया।
संघर्ष, आत्मविश्वास और परिवार का अटूट साथ
हरियाणा के यमुनानगर की रहने वाली काजल का बचपन कई शहरों में बीता क्योंकि उनके पिता पवन कुमार गोयल भारतीय सेना में थे। बीकॉम और MBA करने के बाद वे कॉर्पोरेट क्षेत्र में अच्छी नौकरी कर रही थीं। शादी के बाद करियर में ब्रेक आया, लेकिन उनकी मां ने उन्हें करियर और परिवार के बीच संतुलन बनाए रखने की सीख दी। इसी प्रेरणा ने उन्हें दोबारा अपने सपनों की ओर लौटने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने 2019 में दोबारा पढ़ाई शुरू की और 2021 में पहले प्रयास में CA इंटरमीडिएट परीक्षा पास की। हालांकि फाइनल पेपर में चार बार असफलता मिली, लेकिन वे डटी रहीं। काजल ने बताया कि अक्टूबर 2024 में बेटे के जन्म के बाद भी उन्होंने पढ़ाई नहीं छोड़ी। पति समीर ने बच्चों की जिम्मेदारी संभाल ली ताकि काजल अपना ध्यान पढ़ाई पर केंद्रित रख सकें। आखिरकार नवंबर 2025 में उनका नाम सफल उम्मीदवारों की सूची में था। ICAI लखनऊ चैप्टर के प्रमुख CA अनुराग पांडेय के अनुसार, किसी गृहिणी के लिए इस स्तर की परीक्षा पास करना असाधारण बात है और काजल ने यह साबित कर दिया कि समर्पण और परिवार के समर्थन से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं। काजल अब अन्य महिलाओं को संदेश देती हैं कि असफलता से डरने के बजाय उसे प्रेरणा बनाएं और अपने सपनों को कभी अधूरा न छोड़ें, क्योंकि निरंतर प्रयास ही सफलता की असली चाबी है।




