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AK-47 के साथ पकड़ी गई लखनऊ की डॉक्टर शाहीन शाहिद: आतंकी नेटवर्क से जुड़े कई राज्यों के तार, J&K पुलिस कर रही गहन पूछताछ

फरीदाबाद से अरेस्ट हुई लखनऊ की डॉक्टर शाहीन शाहिद की गिरफ्तारी के बाद कई राज्यों में फैले आतंकी मॉड्यूल का खुलासा, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हथियार, कारतूस और विस्फोटक सामग्री की बरामदगी के बाद शुरू की व्यापक जांच

Weapons recovered from Lucknow doctor Shaheen Shahid’s car

लखनऊ की डॉक्टर शाहीन शाहिद की गिरफ्तारी ने उत्तर भारत के कई हिस्सों में सक्रिय आतंकी नेटवर्क को लेकर नई चिंताएं खड़ी कर दी हैं। सोमवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने फरीदाबाद से शाहीन को हिरासत में लिया, जिसके पास से AK-47 राइफल, जिंदा कारतूस और संदिग्ध दस्तावेज बरामद हुए। शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि शाहीन का संपर्क फरीदाबाद में गिरफ्तार आतंकी संदिग्ध डॉक्टर मुजम्मिल शकील से था, जो कथित तौर पर जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसार गजवत-उल-हिंद (AGuH) जैसे पाकिस्तान आधारित संगठनों से जुड़ा हुआ था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, मुजम्मिल शाहीन की कार का इस्तेमाल करता था, जिसमें से हथियार बरामद किए गए। इससे यह संदेह और गहरा हो गया है कि दोनों एक ही मॉड्यूल का हिस्सा थे जो देश के अलग-अलग हिस्सों में आतंकी गतिविधियों की साजिश रच रहा था। जम्मू-कश्मीर पुलिस शाहीन को हिरासत में लेकर श्रीनगर ले गई है, जहां उससे पूछताछ की जा रही है। पुलिस अब उसके मोबाइल डेटा, बैंकिंग रिकॉर्ड और कॉल डिटेल्स की गहन जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि वह किन लोगों के संपर्क में थी और फंडिंग कहां से आ रही थी।

अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ाव और संदिग्ध यात्राओं से खुल रहे हैं नए तार

डॉ. शाहीन शाहिद का नाम फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी से भी जुड़ा बताया जा रहा है। पुलिस का मानना है कि शाहीन किसी शैक्षणिक प्रोजेक्ट या स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी भूमिका में वहां कार्यरत थी। जांच एजेंसियां अब यह जानने की कोशिश कर रही हैं कि क्या यूनिवर्सिटी के माध्यम से भी किसी प्रकार की फंडिंग या आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही थी। पुलिस सूत्रों का कहना है कि शाहीन पिछले कई महीनों से संदिग्ध लोगों के संपर्क में थी और वह बार-बार दिल्ली, लखनऊ और जम्मू-कश्मीर के बीच यात्रा करती थी। इस दौरान वह कथित तौर पर कुछ लोगों से मिलती थी जो सोशल मीडिया और एन्क्रिप्टेड चैनलों के जरिए आतंकियों से संपर्क में रहते थे। जम्मू-कश्मीर पुलिस के अनुसार, अब तक इस मॉड्यूल से जुड़े सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और उनके कब्जे से करीब 2900 किलो विस्फोटक सामग्री जब्त की गई है। फरीदाबाद में गिरफ्तार डॉक्टर मुजम्मिल के ठिकाने से भी करीब 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट, टाइमर, बैटरी और असॉल्ट राइफलें बरामद हुईं। जांच एजेंसियों को शक है कि यह गिरोह देश के प्रमुख शहरों में बड़े हमले की तैयारी कर रहा था। शाहीन की गिरफ्तारी के बाद अब एजेंसियां इस पूरे नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचने की कोशिश में जुटी हैं।

सहारनपुर से कश्मीर तक फैला आतंकी नेटवर्क, राजनीति में भी गरमाई बहस

इस मामले के तार सहारनपुर में गिरफ्तार डॉक्टर आदिल अहमद से भी जुड़ते नजर आ रहे हैं, जिसे जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कुछ दिन पहले श्रीनगर में जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर लगाने के आरोप में पकड़ा था। आदिल के पूछताछ में ही डॉक्टर मुजम्मिल और शाहीन के नाम सामने आए। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि यह नेटवर्क उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और कश्मीर तक फैला हुआ था और सोशल मीडिया के जरिए विदेशी हैंडलर्स के संपर्क में था। सूत्रों के मुताबिक, इस मॉड्यूल ने देश के कुछ संवेदनशील इलाकों की रेकी भी की थी। सुरक्षा एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि हथियार और विस्फोटक भारत के अंदर तक कैसे पहुंचे और इन्हें लाने में कौन-कौन शामिल था। दूसरी ओर, इस मामले ने राजनीतिक हलचल भी तेज कर दी है। भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वे आतंकियों के धर्म के आधार पर बयानबाजी कर रहे हैं और सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सुरक्षा तंत्र पहले से ज्यादा मजबूत हुआ है और अब एजेंसियां किसी भी आतंकी साजिश को समय रहते नाकाम कर रही हैं। फिलहाल, जम्मू-कश्मीर पुलिस के नेतृत्व में जांच जारी है और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस नेटवर्क से जुड़े कुछ और नाम सामने आ सकते हैं। एजेंसियां कई राज्यों में छापेमारी कर रही हैं ताकि इस साजिश की पूरी परतें खोली जा सकें और देश के भीतर छिपे आतंकी तंत्र का सफाया किया जा सके।

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