कानपुर की सड़कों पर रविवार को एक अनोखा और रंगीन नजारा देखने को मिला, जब उत्तर प्रदेश के 10 जिलों से आए सैकड़ों ट्रांसजेंडर्स ने समानता, सम्मान और पहचान की मांग को लेकर भव्य परेड निकाली। शहर के हृदयस्थल से शुरू हुई यह परेड करीब डेढ़ किलोमीटर लंबी थी, जिसमें ट्रांसजेंडर्स ने पारंपरिक और आधुनिक दोनों तरह के परिधानों में हिस्सा लिया। किसी ने दुल्हन की तरह लाल जोड़ा पहना था तो कोई भारी श्रृंगार में नजर आया। कई लोगों ने माथे पर बिंदी, गले में हार और हाथों में चूड़ियां पहनकर अपने अंदाज से सबका ध्यान खींचा। ढोल-नगाड़ों की थाप पर ट्रांसजेंडर्स ने नृत्य करते हुए सामाजिक स्वीकृति का संदेश दिया। भीड़ में कोई कैटवॉक करता नजर आया तो कोई नाचते हुए ‘समान अधिकार’ के नारे लगा रहा था। इस परेड में अलग-अलग जिलों से आए समूहों ने अपने-अपने बैनर और स्लोगन के जरिए समाज से अपील की कि उन्हें भी सम्मान और रोजगार के समान अवसर दिए जाएं। पूरे आयोजन का केंद्रबिंदु था आत्मविश्वास से भरा वह दृश्य, जब ट्रांसजेंडर्स अपने अधिकारों के लिए खुलकर मुस्कुरा रहे थे और कह रहे थे- “हम भी इस समाज का हिस्सा हैं।”
मंत्री डॉ. राजन सिंह ने थामा हाथ, सड़क पर उतरकर किया डांस
इस आयोजन में बिहार किन्नर कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष और दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री डॉ. राजन सिंह भी शामिल हुए, जिन्होंने ट्रांसजेंडर समुदाय के साथ मिलकर सड़क पर जमकर डांस किया। परेड के दौरान उन्होंने कई ट्रांसजेंडर्स के हाथ थामे और उनके साथ थिरके, जिससे वहां मौजूद लोगों में उत्साह की लहर दौड़ गई। यह पल न सिर्फ उपस्थित लोगों के लिए बल्कि पूरे समुदाय के लिए प्रेरणादायक बन गया। डॉ. सिंह ने कहा कि समाज तभी प्रगतिशील बन सकता है जब हर वर्ग को समान अधिकार और सम्मान मिले। उन्होंने बताया कि इस तरह के आयोजन सिर्फ जश्न नहीं हैं बल्कि यह सामाजिक जागरूकता का प्रतीक हैं, जिनका उद्देश्य है भेदभाव को खत्म करना और मुख्यधारा में ट्रांसजेंडर समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करना। मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार द्वारा ट्रांसजेंडर समुदाय के कल्याण के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं और आने वाले समय में इन्हें और मजबूत किया जाएगा ताकि शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य के क्षेत्र में उन्हें किसी प्रकार की कमी महसूस न हो। परेड के दौरान स्थानीय नागरिकों ने भी तालियां बजाकर ट्रांसजेंडर्स का स्वागत किया और उनके उत्साह को बढ़ाया।
समाज में स्वीकृति और समानता की दिशा में बड़ा कदम
ट्रांसजेंडर समुदाय की यह परेड केवल एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं बल्कि सामाजिक संदेश का प्रतीक बनी। आयोजनकर्ताओं ने बताया कि इस परेड का उद्देश्य समाज में व्याप्त भेदभाव और रूढ़ियों को तोड़ना है। उन्होंने कहा कि ट्रांसजेंडर समुदाय लंबे समय से पहचान, सम्मान और समान अवसर की मांग कर रहा है, जिसे अब समय आ गया है कि समाज खुले दिल से स्वीकार करे। परेड में “Respect Us, Accept Us” और “Equality for All” जैसे संदेश लिखे बैनर भी नजर आए। परेड के समापन पर आयोजित सभा में वक्ताओं ने कहा कि अब समय है कि ट्रांसजेंडर्स को शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में समान अवसर देकर उन्हें सशक्त बनाया जाए। शहर के नागरिकों ने भी इस पहल की सराहना की और कई लोग ट्रांसजेंडर्स के साथ सेल्फी लेते दिखे। आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि इस तरह की परेड्स को हर साल आयोजित किया जाएगा ताकि लोगों में संवेदनशीलता बढ़े और ट्रांसजेंडर्स को लेकर समाज में सकारात्मक सोच विकसित हो। कानपुर की यह परेड न सिर्फ उत्सव का प्रतीक थी बल्कि इसने यह संदेश भी दिया कि जब समाज विविधता को गले लगाता है, तभी सच्चे अर्थों में समानता संभव है।




