कानपुर में विष्णु शंकर गुप्ता ने युवतियों को ठगने के लिए खुद को फर्जी जज के रूप में पेश किया। उसने स्वीकार किया कि वह ‘स्पेशल-26’ और ‘ब्लफ मास्टर’ जैसी फिल्मों से प्रभावित होकर यह योजना बनाई थी। विष्णु ने बताया कि उसने महिलाओं को अपने फर्जी रुतबे और पैसों से प्रभावित किया, ताकि वे उसके झांसे में आकर शादी या पैसे देने के लिए राज़ी हो जाएं। उसने यह भी माना कि पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए वह कभी सार्वजनिक जगहों पर फोटो या वीडियो नहीं खिंचवाता था। पुलिस ने आरोपी और उसकी पत्नी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
ठगी का तरीका और शिकार महिलाएं
विष्णु शंकर का कहना था कि उसने महिलाओं को निशाना बनाने के लिए मैट्रिमोनियल साइट्स और अखबार के विज्ञापनों का इस्तेमाल किया। वह महिला और उनके परिवार से संपर्क करता, खुद को जज बताता और रुतबे का प्रभाव डालकर उन्हें फंसाता।
उसने लखनऊ की KGMU में नर्सिंग ऑफिसर और अन्य महिलाओं से इसी तरीके से लाखों रुपए ठगे। आरोपी के पास पहले से कार और ड्राइवर थे, जिनका इस्तेमाल दिखावा करने के लिए करता था। दिल्ली में भी उसने इसी तरकीब से विवाद को अपने पक्ष में मोड़ा था।
गिरफ्तारी और आगे की कार्रवाई
15 सितंबर को कानपुर पुलिस ने विष्णु शंकर को उसके नवाबगंज स्थित घर से गिरफ्तार किया। उसकी पत्नी आयुषी को भी साथ में अरेस्ट किया गया। घर और अन्य स्थानों से पुलिस ने 42.50 लाख रुपए बरामद किए। पुलिस ने बताया कि विष्णु शंकर ने 10 से ज्यादा महिलाओं को आईएएस, आईपीएस या जज बनकर ठगा, जबकि एक युवती ने सुसाइड भी किया।
आरोपी के खिलाफ फजलगंज और ग्वालटोली थाने में दर्ज मुकदमों के आधार पर गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जाएगी। कानपुर पुलिस ने अब चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी शुरू कर दी है, जिसमें सभी गवाह और साक्ष्य शामिल किए जाएंगे।