झांसी जिले के समथर थाना क्षेत्र में रविवार देर रात एक दर्दनाक हादसे ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया। रतनगढ़ माता मंदिर के दर्शन के लिए जा रहे श्रद्धालुओं से भरा ट्रैक्टर-ट्रॉली अचानक अनियंत्रित होकर खाई में पलट गया। हादसे में 28 वर्षीय महिला सीता की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन बच्चों समेत 14 श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे का कारण ट्रैक्टर का ब्रेक फेल होना बताया जा रहा है। यह दुर्घटना झांसी से करीब 25 किलोमीटर दूर बुढ़ेरा घाट के पास रात लगभग 10 बजे हुई। बताया गया कि पूंछ थाना क्षेत्र के धौरका गांव के करीब 100 ग्रामीण रविवार दोपहर करीब 3 बजे “जवारे” लेकर मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध रतनगढ़ माता मंदिर के लिए निकले थे। गांव से रवाना हुए इस जत्थे में महिलाएं और बच्चे ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार थे, जबकि बाकी श्रद्धालु भजन गाते हुए पैदल चल रहे थे। जैसे ही जत्था बुढ़ेरा घाट के मोड़ पर पहुंचा, ट्रैक्टर के ब्रेक अचानक फेल हो गए और वाहन करीब 15 फीट गहरी खाई में जा गिरा। दोनों ट्रॉलियां भी पलट गईं, जिससे सवार श्रद्धालु उनके नीचे दब गए। हादसे के बाद चारों तरफ चीख-पुकार मच गई। साथ चल रहे ग्रामीणों ने बिना देर किए हाथों से ट्रॉली उठाने की कोशिश की और घायल लोगों को एक-एक कर बाहर निकाला। स्थानीय पुलिस और एंबुलेंस की मदद से सभी को नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया।
मृतका की गोद में था चार साल का बेटा, बच गया बाल-बाल; विधायक पहुंचे अस्पताल
घटना में मृतका सीता अपने चार साल के बेटे डुग्गू को गोद में लेकर बैठी थी। हादसे के वक्त वह ट्रॉली के नीचे दब गईं, लेकिन उनका बेटा सुरक्षित बच गया। हादसे के बाद ग्रामीणों के साथ परिजन भी रोते-बिलखते अस्पताल पहुंचे। परिजनों के मुताबिक सीता अपने पति धर्मेंद्र राजपूत के साथ रहती थीं, जो एक निजी क्लिनिक में काम करते हैं। परिवार ने बताया कि हर साल गांव के लोग पारंपरिक रूप से जवारे लेकर रतनगढ़ माता मंदिर जाते हैं। यह यात्रा 13वीं बार निकाली गई थी, लेकिन इस बार खुशियों की जगह मातम छा गया। ग्रामीण दयावती ने बताया कि जब हादसा हुआ, तो वह भी उसी ट्रॉली में थीं और नीचे दब गई थीं। उन्होंने कहा, “हमारे साथ चल रहे लोगों ने हाथों से ट्रॉली उठाकर हम सबको बाहर निकाला, वरना कोई भी नहीं बच पाता।” हादसे की सूचना पर गरौठा विधायक जवाहरलाल राजपूत भी देर रात मेडिकल कॉलेज पहुंचे और घायलों का हाल जाना। उन्होंने डॉक्टरों को तत्काल इलाज के निर्देश दिए और कहा कि घायलों के इलाज में किसी तरह की लापरवाही न बरती जाए। फिलहाल आठ गंभीर घायलों को झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है, जबकि बाकी का इलाज समथर सीएचसी में चल रहा है।
श्रद्धालुओं में मातम, ग्रामीणों ने की जांच की मांग
इस हादसे ने पूरे इलाके में शोक की लहर फैला दी है। श्रद्धालुओं का कहना है कि यात्रा का माहौल बेहद धार्मिक और उत्साहपूर्ण था। हर कोई भजन गा रहा था और रामधुन बजा रहा था, लेकिन अचानक हुए हादसे ने पूरे माहौल को शोक में बदल दिया। ग्रामीणों ने कहा कि ट्रैक्टर में ज्यादा सवारियां नहीं थीं, लेकिन पुराना होने के कारण ब्रेक ने अचानक काम करना बंद कर दिया। दुर्घटना के बाद गांव के लोगों ने सामूहिक रूप से घायलों की मदद की और खुद अस्पताल तक पहुंचाने में सहयोग किया। घटना की जानकारी मिलते ही एसपी ग्रामीण डॉ. अरविंद कुमार ने भी मौके पर टीम भेजी और कहा कि यह हादसा पूरी तरह से वाहन के अनियंत्रित होने से हुआ। उन्होंने बताया कि “सभी घायलों का इलाज चल रहा है और फिलहाल कोई खतरे में नहीं है।” प्रशासन की ओर से मृतका के परिवार को आर्थिक सहायता देने की बात कही गई है। उधर, ग्रामीणों ने मांग की है कि श्रद्धालु यात्राओं के दौरान पुराने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के उपयोग पर रोक लगाई जाए और सुरक्षा मानकों की सख्त निगरानी की जाए। हादसे के बाद ग्रामीणों में यह चर्चा तेज है कि अगर प्रशासन समय रहते सुरक्षा व्यवस्था करता, तो यह दर्दनाक घटना टाली जा सकती थी। बुढ़ेरा घाट की यह दुर्घटना एक बार फिर याद दिलाती है कि श्रद्धा और आस्था के मार्ग पर भी सुरक्षा सर्वोपरि है-जरा सी लापरवाही कई घरों की खुशियां छीन सकती है।




