झांसी में रेलवे का पैसा बैंक में जमा करने का काम करने वाले कलेक्शन एजेंट अंशुल साहू ने अपनी लालच और ऐय्याशी के चलते 69 लाख 78 हजार 642 रुपए लेकर फरार हो गया। पुलिस की कई टीमों ने तीन दिन तक तलाश के बाद उसे रविवार तड़के मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार कर लिया। पैर में गोली लगने से घायल आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसने रकम अपने मामा जीवन साहू के गोदाम में जमीन खोदकर छिपाई थी। दोनों ने साजिश रचकर रकम को जमीन में गाड़ दिया और नोएडा भागने की तैयारी कर रहे थे। अंशुल का कहना था कि घरवाले उसकी आदतों से परेशान थे और प्रॉपर्टी से बेदखल कर चुके थे। कर्ज और अय्याशी के बोझ से दबे अंशुल ने रेलवे का पैसा देखकर प्लान बनाया और रकम लेकर फरार हो गया। उसने बताया कि 13 अक्टूबर को वह स्टेशन से कलेक्शन लेकर बैंक में जमा करने के बजाय सीधे अपने मामा के पास पहुंचा। वहां गोदाम के अंदर उन्होंने जमीन खोदकर रकम छिपाई और फिर ललितपुर, राजस्थान होते हुए नोएडा निकल गया।
मामा-भांजे की साजिश में खुला बड़ा घोटाला, जमीन में छिपे नोट हुए बरामद
पुलिस की जांच में सामने आया कि अंशुल की नौकरी सीएमएस इंफो लिमिटेड कंपनी में थी, जो रेलवे का टिकट कलेक्शन बैंक में जमा कराने का कार्य करती है। झांसी रेल कार्यालय से वह 13 अक्टूबर को करीब 70 लाख रुपए लेकर बैंक जाने के लिए निकला था, लेकिन बीच रास्ते से ही गायब हो गया। कंपनी प्रबंधक ने नवाबाद थाने में मुकदमा दर्ज कराया। एसएसपी बीबी जीटीएस मूर्ति ने बताया कि घटना के बाद आरोपी के घरवालों और रिश्तेदारों से पूछताछ की गई, जिसमें अंशुल के मामा जीवन साहू का नाम सामने आया। मोबाइल कॉल डिटेल्स से दोनों के बीच लगातार संपर्क साबित हुआ। पुलिस ने जीवन पर निगरानी बढ़ाई और रविवार सुबह दोनों को भगवंतपुरा के पास पकड़ने की कोशिश की तो अंशुल ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में उसके पैर में गोली लगी और पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। तलाशी में जमीन से 69.78 लाख रुपए, एक कार, तमंचा और कारतूस बरामद किए गए।
अदालत में पेशी के दौरान टूटा आरोपी, सजा की बात सुनते ही रो पड़ा
पूछताछ में अंशुल ने बताया कि उसके ऊपर करीब 10 लाख रुपए का कर्ज था और वह आलीशान जिंदगी जीना चाहता था। नौकरी के दौरान रोजाना बड़ी रकम देख उसकी नीयत खराब हो गई। मामा जीवन से उसने प्लान साझा किया और दोनों ने मौके की तलाश में कई दिन बिताए। 13 अक्टूबर को जब उसे तीन दिन की टिकट कलेक्शन की बड़ी रकम मिली, तो उसने उसे लेकर बैंक में जमा करने की बजाय सीधे मामा के गोदाम में पहुंचा और रकम दबा दी। घटना के बाद दोनों ने योजनाबद्ध तरीके से अलग-अलग शहरों में समय बिताया ताकि पुलिस को गुमराह किया जा सके। पुलिस ने जब दोनों को अदालत में पेश किया और बताया कि उन पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 316(5) के तहत मामला दर्ज है, जिसमें 10 साल तक की सजा या उम्रकैद हो सकती है, तो अंशुल रो पड़ा। उसने कहा कि परिवार से दूरी और गलत संगत ने उसे इस रास्ते पर ला दिया। फिलहाल दोनों आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं और पुलिस उनके अन्य सहयोगियों की तलाश में जुटी है। एसएसपी ने कहा कि रेलवे और बैंक सुरक्षा प्रणाली की कमजोरियों की भी जांच कराई जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।




