Hindi News / State / Uttar Pradesh / रील बनाने के चक्कर में बढ़ी मुसीबत: इटावा की 12 वर्षीय बच्ची ने देवी-देवताओं का अपमान कर फॉलोअर्स बढ़ाने की कोशिश की, माता-पिता जेल भेजे गए

रील बनाने के चक्कर में बढ़ी मुसीबत: इटावा की 12 वर्षीय बच्ची ने देवी-देवताओं का अपमान कर फॉलोअर्स बढ़ाने की कोशिश की, माता-पिता जेल भेजे गए

इंस्टाग्राम पर वीडियो पोस्ट कर हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाली बच्ची के खिलाफ कार्रवाई, पुलिस ने माता-पिता और एक दोस्त पर दर्ज किया केस

Itawa police investigating viral offensive reel by minor girl | UP News

इटावा शहर में सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स बढ़ाने की होड़ एक 12 वर्षीय बच्ची और उसके परिवार के लिए बड़ी मुसीबत बन गई। फ्रेंड्स कॉलोनी थाना क्षेत्र के मोहल्ला तकिया आजाद नगर टीला में रहने वाले शाबिर और शबीना की नाबालिग बेटी ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उसने हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। यह वीडियो तेजी से वायरल हुआ और लोगों में गुस्सा फैल गया। कई सोशल मीडिया यूजर्स ने वीडियो देखकर आपत्ति जताई और यूपी पुलिस को टैग करते हुए कार्रवाई की मांग की। जैसे ही मामला सुर्खियों में आया, पुलिस हरकत में आई और जांच शुरू की। पता चला कि वीडियो करीब आठ दिन पहले 27 अक्टूबर को बनाया गया था। बच्ची ने वीडियो में भगवान राम और माता सीता को लेकर आपत्तिजनक बातें कही थीं। उसने यहां तक कहा कि “हम लोगों ने ही राम को सीता का पता बताया था जब रावण उन्हें ले गया था,” और चुनौती देते हुए कहा कि “किसी में हिम्मत है तो मुझे जेल भिजवाकर दिखाए।” यह बयान सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया, जिससे धार्मिक संगठनों और आम लोगों में नाराजगी बढ़ गई।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई और परिवार पर गिरी गाज

मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए नाबालिग बच्ची, उसके माता-पिता और एक दोस्त के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। जांच में यह भी सामने आया कि बच्ची के माता-पिता को वीडियो की जानकारी पहले से थी, लेकिन उन्होंने उसे रोकने की कोशिश नहीं की। इस लापरवाही को गंभीर मानते हुए पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वहीं बच्ची को काउंसलिंग के बाद नारी निकेतन भेजा गया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक बच्ची का एक सोशल मीडिया दोस्त भी इस वीडियो को बनाने में शामिल था, जिसने उसे ऐसा कंटेंट पोस्ट करने के लिए उकसाया था। पुलिस उसकी तलाश में दबिश दे रही है। बताया गया है कि यह युवक किसी अन्य जिले का रहने वाला है। इस घटना के बाद पुलिस ने बच्ची के सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स को ब्लॉक करा दिया है ताकि वीडियो का और प्रसार न हो सके। इस मामले ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर जिम्मेदारी के सवाल को खड़ा कर दिया है कि कैसे छोटी उम्र में लोकप्रियता की चाह बच्चों को गलत दिशा में ले जा सकती है।

जिम्मेदारी और सोशल मीडिया निगरानी की जरूरत

सीओ सिटी अभय नारायण राय ने कहा कि इस तरह की घटनाएं अभिभावकों के लिए चेतावनी हैं। उन्होंने कहा कि माता-पिता को अपने बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर निगरानी रखनी चाहिए और यह समझना जरूरी है कि इंटरनेट पर हर काम का असर वास्तविक जीवन में पड़ता है। सीओ के अनुसार, बच्ची ने स्वीकार किया कि उसने फॉलोअर्स बढ़ाने के लिए यह वीडियो बनाया था। अब पुलिस उसके सहयोगी युवक को पकड़ने के लिए प्रयासरत है। राय ने बताया कि जो भी व्यक्ति इस तरह के वीडियो को शेयर या प्रचारित करेगा, उसके खिलाफ भी सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह मामला केवल एक नाबालिग की गलती नहीं बल्कि सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव और नियंत्रण की कमी का उदाहरण बन गया है। फॉलोअर्स और व्यूज की चाह में बच्चों का इस तरह की हरकतों में शामिल होना समाज के लिए चिंता का विषय है। विशेषज्ञों का मानना है कि स्कूलों और परिवारों में बच्चों को डिजिटल जिम्मेदारी के प्रति शिक्षित करना समय की मांग है। इटावा की यह घटना यह दिखाती है कि एक क्षणिक लोकप्रियता के पीछे भागना कभी-कभी पूरी जिंदगी को प्रभावित कर सकता है। यह घटना न सिर्फ कानून का मामला है बल्कि एक सामाजिक चेतावनी भी है कि डिजिटल दुनिया में विवेक और अनुशासन उतना ही जरूरी है जितना असली दुनिया में।

ये भी पढ़ें:  Uttar Pradesh News : लखनऊ के रेलवे हॉस्पिटल में भीषण आग, सीसीटीवी सर्वर रूम में शॉर्ट सर्किट से मचा हड़कंप, 22 मरीजों को सुरक्षित निकाला गया
Share to...