गोरखपुर में शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नौ दिनों तक चलने वाले भव्य बुक फेयर का शुभारंभ किया, जो 1 नवंबर से 9 नवंबर तक जनता के लिए खुला रहेगा। इस अवसर पर जब सांसद रवि किशन मंच पर पहुंचे तो माहौल में हल्कापन आ गया। सीएम योगी ने मुस्कुराते हुए कहा कि रवि किशन उनसे कह रहे थे कि उन्होंने कैंब्रिज में पढ़ाई की है। इस पर योगी ने मज़ाकिया लहजे में पूछा कि क्या उन्होंने वहां से डिग्री भी ली? रवि किशन ने जवाब दिया कि नहीं, मैं तो सिर्फ 12वीं पास हूं। योगी ने फिर चुटकी लेते हुए कहा कि “आप जौनपुर के किस कैंब्रिज में पढ़े थे?” इस पर मंच पर मौजूद सभी लोग हंस पड़े। इसके बाद जब रवि किशन ने बताया कि वे एक दिन में 100 किताबें पढ़ते थे तो सीएम ने मज़ाक करते हुए कहा कि “इसका मतलब तो ये हुआ कि आप किताबें खोलते ही नहीं थे।” इस बातचीत के बीच भी मुख्यमंत्री ने उनके पुस्तक प्रेम की सराहना की और कहा कि आज रवि किशन जिस तरह से युवाओं को पढ़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, वह एक सकारात्मक संदेश है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अच्छी किताबें जीवन के हर मोड़ पर सच्चे मार्गदर्शक की तरह होती हैं। उन्होंने युवाओं से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पुस्तक ‘एग्जाम वॉरियर्स’ पढ़ने की अपील की, ताकि वे परीक्षा के तनाव से निकलकर आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सकें। योगी ने कहा कि असफलता जीवन का हिस्सा है, लेकिन धैर्य और लगन से ही व्यक्ति सफलता प्राप्त करता है। उन्होंने यह भी कहा कि धार्मिक और सांस्कृतिक पुस्तकों से समाज की जड़ें मजबूत होती हैं, इसलिए बच्चों और युवाओं को कोर्स के अलावा ऐसी किताबें भी पढ़नी चाहिए जो जीवन मूल्यों को संवारें।
गोरखपुर में नौ दिवसीय पुस्तक महोत्सव, 200 से अधिक स्टॉल और हज़ारों किताबें
गोरखपुर का यह पुस्तक महोत्सव सिर्फ एक प्रदर्शनी नहीं बल्कि शिक्षा और संस्कृति का उत्सव बन गया है। इस मेले में नेशनल बुक ट्रस्ट की ओर से 100 से अधिक प्रकाशकों के 200 से ज्यादा स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू और अन्य भारतीय भाषाओं की हजारों पुस्तकें उपलब्ध हैं। हर दिन सुबह 11 बजे से रात 8 बजे तक इसका आयोजन होगा और प्रवेश पूरी तरह निशुल्क है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यह मेला प्रदेश में पढ़ने की संस्कृति को आगे बढ़ाने का एक बड़ा प्रयास है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार प्रदेश के हर कोने में पुस्तकालयों का जाल बिछा रही है। 57,600 ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालयों के साथ पुस्तकालय खोले गए हैं, जबकि 1.36 लाख से अधिक प्राथमिक विद्यालयों में डिजिटल लाइब्रेरी और रीडिंग कॉर्नर बनाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि “जब नागरिक पढ़ते हैं, तभी देश आगे बढ़ता है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि गोरखपुर की भूमि विशेष महत्व रखती है क्योंकि यहां से पिछले एक सदी से गीता प्रेस जैसे संस्थान ने भारतीय संस्कृति की विचारधारा को विश्वभर में पहुंचाया है। उन्होंने प्रसिद्ध साहित्यकारोंफिराक गोरखपुरी, मुंशी प्रेमचंद, प्रोफेसर विश्वनाथ त्रिपाठी-का उल्लेख करते हुए कहा कि यह शहर साहित्यिक परंपरा का केंद्र रहा है। मंच पर मुख्यमंत्री ने प्रतिभाशाली छात्रों को पुरस्कार भी दिए और बुक फेयर के अंतर्गत बच्चों के लिए आयोजित प्रतियोगिताओं की सराहना की। बाल मंडप में कहानी सत्र, कठपुतली शो, क्ले आर्ट, सुलेख और रंगमंच जैसी गतिविधियाँ बच्चों को पुस्तकों से जोड़ने का माध्यम बनीं।
युवाओं के लिए संदेश और तकनीक से जुड़ी पहलें
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर युवाओं के लिए अनेक योजनाओं और संदेशों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जल्द ही दो करोड़ युवाओं को स्मार्टफोन और टैबलेट उपलब्ध कराने जा रही है ताकि वे शिक्षा और रोजगार में तकनीकी रूप से सशक्त बन सकें। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे युवा राज्य है, जहां लगभग 60% आबादी युवाओं की है। सीएम ने कहा कि दुनिया के जिन देशों ने इनोवेशन और रिसर्च एंड डेवलपमेंट को अपनाया है, वही महाशक्ति बन सके हैं, इसलिए राज्य सरकार युवाओं को इसी दिशा में प्रोत्साहित कर रही है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि सरकार ने स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए 1000 करोड़ रुपए का विशेष फंड तैयार किया है। उन्होंने सैमसंग इनोवेशन कैंपस में विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट वितरित करते हुए कहा कि आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रैक्टिकल लर्निंग और नवाचार जरूरी है। ट्रैफिक अवेयरनेस पर बोलते हुए योगी ने मज़ाकिया लहजे में कहा कि “अगर लोग रवि किशन की तरह कार में गाते-बजाते चलेंगे तो सड़क पर जाम लगना तय है।” उन्होंने लोगों से अपील की कि ट्रैफिक नियमों का पालन हर नागरिक की जिम्मेदारी है। इस दौरान सांसद रवि किशन ने भी अपनी बात रखी और कहा कि “महाराज जी यानी योगी आदित्यनाथ से प्रेरणा मिलने के बाद मैंने किताबों से दोस्ती की है। पहले मैं भी मोबाइल और सोशल मीडिया में उलझा रहता था, लेकिन अब किताबें मेरा सच्चा साथी हैं।” उन्होंने कहा कि आज के युवाओं को मोबाइल से बाहर निकलकर किताबों की ओर लौटना चाहिए क्योंकि वही जीवन में सच्चा ज्ञान देती हैं। समापन में मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले नौ दिन गोरखपुर के लिए साहित्यिक उत्सव की तरह होंगे, जहां हर उम्र का व्यक्ति ज्ञान, संस्कृति और विचारों की रोशनी में नया अनुभव करेगा।




