गोरखपुर के खजनी थाना क्षेत्र में रविवार को आयोजित गरीब कन्याओं के सामूहिक विवाह समारोह का विवाद अब कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती बन गया है। यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब 2 नवंबर को गोला बाजार में आयोजित विवाह समारोह में आयोजक दुर्गेश मदन यादव ने मंच पर गायक संजय यादव को कथित रूप से अश्लील गीत गाने के आरोप में थप्पड़ मार दिया और उन्हें मंच से नीचे उतार दिया। आयोजन में 108 गरीब कन्याओं का विवाह कराया जा रहा था, जिसमें यूट्यूबर लोकगायक संजय यादव अपने साथी कलाकार यशपाल यादव और भाई सतपाल यादव के साथ पहुंचे थे। मंच पर हुई इस घटना के बाद विवाद सिर्फ वहीं नहीं रुका बल्कि सोशल मीडिया तक पहुंच गया। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ वीडियो और पोस्ट साझा कर एक-दूसरे को धमकियां और चुनौती देना शुरू कर दिया। बताया गया कि दुर्गेश मदन यादव और उनके समर्थकों ने फेसबुक और व्हाट्सएप पर खुलेआम संजय यादव और उनके सहयोगियों को देख लेने की चेतावनी दी, जिसके जवाब में गायक यशपाल यादव ने सोशल मीडिया पर उन्हें खजनी आकर सामना करने की चुनौती दी। इस ऑनलाइन विवाद ने कुछ ही दिनों में तनाव का रूप ले लिया और मंगलवार को यह मामला सड़कों तक पहुंच गया।
हथियारों के साथ पहुंचा गिरोह, पुलिस के आने से पहले भागे आरोपी
मंगलवार की शाम खजनी थाना क्षेत्र के माल्हनपार मार्ग पर डोहरियां गांव के पास स्थित लिंक एक्सप्रेस-वे के नीचे बने अंडरपास पर दोनों पक्षों के समर्थकों ने एकत्र होकर खुलेआम हथियारों का प्रदर्शन किया। बताया जा रहा है कि यशपाल यादव अपने दर्जनों साथियों के साथ वहां पहुंचे और दूसरे पक्ष को आने की ललकार दी। इस दौरान डंडे, लाठी, हॉकी स्टिक, ईंट-पत्थर और धारदार हथियारों के साथ भीड़ जुट गई। स्थानीय लोगों ने घटना की सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद करीब एक घंटे बाद खजनी थाने के उपनिरीक्षक रामदयाल यादव और बांसगांव थाने की हरनहीं चौकी प्रभारी सर्वेश कुमार अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस को देखते ही वहां मौजूद लोग भागने लगे, जिससे अफरातफरी का माहौल बन गया। पुलिस ने भागते हुए कुछ लोगों को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन अधिकांश आरोपी अपनी बुलेट और कारों से फरार हो गए। इस दौरान बताया गया कि बांसगांव थाने की हरनहीं चौकी के सैरों गांव के ग्राम प्रधान सतपाल यादव, जो हिस्ट्रीशीटर है, भी मौके पर मौजूद था। पुलिस ने पीछा कर उसके भाई यशपाल यादव को गिरफ्तार कर लिया और उसकी सफारी गाड़ी जब्त कर ली। हालांकि गाड़ी चला रहा प्रियांशु यादव मौके से सफारी लेकर भागने में सफल रहा।
पुलिस सतर्क, कई संदिग्धों की तलाश जारी
सूत्रों के अनुसार, घटना के समय खजनी थाने में सीएम की वीआईपी ड्यूटी के कारण केवल एक दरोगा और कुछ होमगार्ड ही मौजूद थे, जिससे शुरुआती कार्रवाई सीमित रह गई। घटना की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल सूचना दी गई और रातभर इलाके में गश्त बढ़ा दी गई। फिलहाल पुलिस ने संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है और सभी फरार आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। थानाध्यक्ष अनूप सिंह ने बताया कि “वरिष्ठ अधिकारियों को घटना की जानकारी दे दी गई है और उनके निर्देशानुसार कानूनी कार्रवाई की जा रही है। किसी भी तरह की अशांति बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” पुलिस ने आसपास के गांवों में चौकसी बढ़ा दी है और सोशल मीडिया पर भी निगरानी रखी जा रही है ताकि किसी भी तरह की भड़काऊ पोस्ट या वीडियो वायरल न हो सके। स्थानीय लोगों के अनुसार, दोनों पक्षों के समर्थकों के बीच अब भी तनाव का माहौल है। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की है और लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। यह पूरा मामला इस बात का उदाहरण बन गया है कि सोशल मीडिया पर शुरू हुआ विवाद कैसे पलभर में सड़क पर हिंसा में बदल सकता है। पुलिस का कहना है कि जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को दोहराने की हिम्मत कोई न कर सके।




