गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – वाराणसी में अधिवक्ता और पुलिस के बीच चल रहे विवाद ने अब नया मोड़ ले लिया है। बीते दिनों हुए घटनाक्रम के बाद वकीलों में गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है और इसका असर अब अन्य जिलों तक दिखने लगा है। इसी क्रम में गोरखपुर के अधिवक्ता वाराणसी पहुंचे और बनारस बार एसोसिएशन के साथ एकजुटता जताई। इस दौरान गोरखपुर बार एसोसिएशन से जुड़े कई वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व मंत्री धीरेंद्र द्विवेदी के नेतृत्व में दर्जनों अधिवक्ताओं ने वाराणसी की सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। उनके साथ अधिवक्ता देवी शरण चतुर्वेदी और अश्विनी शुक्ला भी मौजूद रहे। इस प्रदर्शन में शामिल होकर गोरखपुर के वकीलों ने साफ संदेश दिया कि अधिवक्ताओं की लड़ाई किसी एक जिले तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे प्रदेश के अधिवक्ताओं की एक साझा जंग है।
प्रदेश के विभिन्न जिलों से जुटा समर्थन
वाराणसी के अधिवक्ताओं को समर्थन देने के लिए न केवल गोरखपुर बल्कि कई अन्य जिलों से भी प्रतिनिधिमंडल पहुंचे। बलिया बार एसोसिएशन के निवर्तमान अध्यक्ष रणजीत सिंह के नेतृत्व में संयुक्त बार एसोसिएशन ऑफ उत्तर प्रदेश का एक दल वाराणसी आया और वकीलों के साथ मिलकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दल में आजमगढ़ के पूर्व मंत्री आनंद श्रीवास्तव, फैजाबाद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सूर्यनारायण सिंह, सोनभद्र बार के पूर्व मंत्री सत्यदेव पांडेय और मिर्जापुर बार के पूर्व अध्यक्ष संजय उपाध्याय भी मौजूद रहे। इन सभी ने एक स्वर में कहा कि अधिवक्ताओं के सम्मान और अधिकारों से किसी भी तरह का समझौता स्वीकार नहीं होगा। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने यह भी दोहराया कि बार एसोसिएशन केवल अपने सदस्यों के हित की रक्षा नहीं करता बल्कि न्याय व्यवस्था की गरिमा को बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
अधिवक्ताओं का संकल्प और आगे की रणनीति
वाराणसी में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान गोरखपुर के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ अधिवक्ता धीरेंद्र द्विवेदी ने साफ शब्दों में कहा कि अधिवक्ताओं की आवाज किसी भी हाल में दबने नहीं दी जाएगी। उन्होंने बताया कि यदि जरूरत पड़ी तो राज्यभर के अधिवक्ता आंदोलन को और व्यापक रूप देंगे। इस दौरान उपस्थित अधिवक्ताओं ने ऐलान किया कि वे हर परिस्थिति में बनारस बार एसोसिएशन के साथ खड़े हैं और न्यायिक व्यवस्था में वकीलों की गरिमा की रक्षा के लिए किसी भी तरह का संघर्ष करने से पीछे नहीं हटेंगे। वहीं, प्रदर्शन में शामिल अन्य बार एसोसिएशनों के पदाधिकारियों ने भी एक स्वर में आश्वासन दिया कि वे आने वाले समय में अधिवक्ताओं की सुरक्षा और सम्मान को लेकर एकजुट रहेंगे। इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि वाराणसी में अधिवक्ताओं और पुलिस के बीच का विवाद अब केवल स्थानीय स्तर तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसने प्रदेशभर के बार संगठनों को सक्रिय कर दिया है। आगामी दिनों में यह विवाद और बड़ा रूप ले सकता है क्योंकि अधिवक्ता समुदाय अब राज्य स्तर पर एकजुटता दिखा रहा है और उनकी रणनीति यही है कि वे न्याय व्यवस्था की गरिमा और अपने अधिकारों के लिए किसी भी स्तर तक संघर्ष करेंगे।