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Gorakhpur News : गोरखपुर में बेमौसम बारिश से धान की फसल को भारी नुकसान, कटाई में देरी, रबी बुवाई पर भी पड़ा असर

Gorakhpur news in hindi : गगहा और आसपास के क्षेत्रों में खेतों में गिरी फसलें, किसान चिंतित, पैदावार और अगली फसलों की तैयारी पर संकट


Unseasonal rain damages paddy crop in Gorakhpur fields | Gorakhpur News

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर जिले के बांसगांव और गगहा क्षेत्र में हुई बेमौसम बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। इस अप्रत्याशित वर्षा से धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है। कई खेतों में खड़ी फसलें बिछ गई हैं, जिससे पैदावार में गिरावट तय मानी जा रही है। मेहदिया, गगहा, झगरुडीहा, बरौली और आसपास के इलाकों के खेतों में देर से पकने वाली (लेट वैरायटी) धान की फसलें सबसे अधिक प्रभावित हुई हैं। किसानों का कहना है कि यह बारिश ऐसे समय में हुई जब फसल पककर कटाई के लिए तैयार थी। लगातार हो रही नमी और खेतों में पानी भरने से बालियों में दाने काले पड़ने लगे हैं, जिससे उनकी गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। जिन किसानों ने पहले पकने वाली (अर्ली वैरायटी) फसल काट ली थी, वे अब राहत की सांस ले रहे हैं, लेकिन जिनके खेतों में देर वाली किस्में थीं, उन्हें भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है। गगहा के किसान कृष्ण बहादुर सिंह, प्रभाकर सिंह, मनोज सिंह और दुर्गेश जैसे कई किसानों ने बताया कि खेतों में गिरी फसल को संभालना अब मुश्किल है क्योंकि कटाई में देरी होने से फसल सड़ने का खतरा भी बढ़ गया है।

कटाई में देरी और रबी फसलों की तैयारी पर पड़ा असर

खेतों में पानी भर जाने और मिट्टी गीली होने के कारण अब धान की कटाई में कई दिन की देरी होगी। इससे न केवल मौजूदा फसल प्रभावित होगी बल्कि आगामी रबी सीजन की तैयारियां भी पिछड़ जाएंगी। जिन किसानों ने गेहूं, सरसों, आलू और मटर जैसी फसलों की बुवाई के लिए खेतों की जुताई शुरू कर दी थी, उन्हें अब इंतजार करना पड़ेगा क्योंकि बारिश के बाद खेतों के सूखने में समय लगेगा। मेहदिया गांव के किसान प्रभाकर सिंह ने बताया कि धान की फसल के नुकसान के साथ-साथ रबी फसलों की बुवाई भी प्रभावित होगी। उन्होंने कहा, “बारिश से खेतों में जलजमाव हो गया है, जब तक यह पानी निकल नहीं जाता, तब तक जुताई संभव नहीं है। अगर बुवाई में ज्यादा देर हुई तो गेहूं की पैदावार पर भी असर पड़ सकता है।” कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय धान की फसल में अत्यधिक नमी नुकसानदेह होती है क्योंकि इससे बालियां झुक जाती हैं और गिरने पर पौधों में फफूंद लगने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में किसानों को सलाह दी जा रही है कि जैसे ही मौसम सुधरे, खेतों की निकासी व्यवस्था करें और फसल को जल्द से जल्द काटने की तैयारी करें।

किसानों पर आर्थिक बोझ बढ़ने का खतरा, प्रशासन से मदद की उम्मीद

बेमौसम बारिश ने किसानों की लागत और मेहनत दोनों पर असर डाला है। कई किसानों ने फसल पर उर्वरक और मजदूरी में पहले ही भारी खर्च किया था, अब नुकसान की भरपाई कठिन लग रही है। किसानों का कहना है कि अगर यह स्थिति बनी रही तो उनकी आमदनी पर गहरा असर पड़ेगा। कुछ किसानों ने जिला प्रशासन से मुआवजे की मांग की है। गगहा क्षेत्र के किसान विवेक और सुभाष सिंह ने बताया कि बीमा योजना के बावजूद छोटे किसानों को नुकसान की पूरी भरपाई नहीं हो पाती, इसलिए सरकार को तत्काल सर्वे कराना चाहिए और प्रभावित किसानों को राहत राशि देनी चाहिए। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों में हल्की धूप निकलने की संभावना है, जिससे खेतों में जमा पानी धीरे-धीरे सूख सकता है। हालांकि, यदि मौसम फिर बदला तो धान की बची हुई फसल को और नुकसान हो सकता है। कृषि विभाग ने भी स्थिति पर निगरानी शुरू कर दी है और किसानों को सलाह दी जा रही है कि वे खेतों में जलनिकासी के उपाय करें ताकि फसल को और नुकसान से बचाया जा सके। फिलहाल गोरखपुर के किसान मौसम की मार से परेशान हैं और प्रशासन की राहत की प्रतीक्षा कर रहे हैं, क्योंकि इस नुकसान ने न केवल उनकी वर्तमान आय पर, बल्कि अगली फसलों की उम्मीदों पर भी प्रश्नचिह्न लगा दिया है।

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