Hindi News / State / Uttar Pradesh / Gorakhpur News Today (गोरखपुर समाचार) / Gorakhpur News : मां को पुकारते हुए बुझ गई मासूम की सांसें, जेल में बंद माता-पिता से नहीं मिलवा पाए नाना, सड़क पर शव रखकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

Gorakhpur News : मां को पुकारते हुए बुझ गई मासूम की सांसें, जेल में बंद माता-पिता से नहीं मिलवा पाए नाना, सड़क पर शव रखकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

Gorakhpur news in hindi : बीमारी से हुई दो वर्षीय सूरज की मौत, नाना की गुहार के बावजूद जेल प्रशासन ने नहीं दी अंतिम मुलाकात की अनुमति

Locals protest with body of two-year-old child in Gorakhpur after being denied jail visit | Gorakhpur News

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर के गुलरिहा इलाके में दो साल के मासूम सूरज की मौत ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया है। मासूम बीते एक महीने से अपनी मां से मिलने की जिद में हर दिन ‘मां-मां’ पुकारता था। उसका पिता राहुल पटेल और मां वंदना पटेल दोनों ही पिछले कई महीनों से एक पुराने झगड़े के मामले में जेल में बंद हैं। सूरज और उसकी तीन साल की बहन शैलजा अपने नाना गिरधारी पटेल के साथ गुलरिहा थाना क्षेत्र के डुमरी नंबर दो गांव में रह रहे थे। गिरधारी मजदूरी कर किसी तरह दोनों बच्चों का पालन-पोषण कर रहे थे। लेकिन छोटे सूरज की तड़प दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही थी। करीब एक महीने पहले वह नाना के साथ बिछिया जेल में बंद मां से मिला था, जिसके बाद से वह हर समय उसी की गोद में जाने की बातें करता रहा। रविवार रात उसकी तबीयत अचानक बिगड़ी और सोमवार को इलाज के दौरान उसने अंतिम सांसें लीं।

नाना की गुहार और कानूनी दीवार

पोते की मौत के बाद नाना गिरधारी पटेल ने एक भावनात्मक कदम उठाया। वह सूरज की लाश लेकर गोरखपुर जिला जेल पहुंचे ताकि बेटे राहुल और बहू वंदना को उनके बच्चे का अंतिम दर्शन करवा सकें। लेकिन जेल प्रशासन ने कानूनी प्रक्रियाओं और अनुमति के अभाव में इस मुलाकात की इजाजत नहीं दी। नाना बार-बार अधिकारियों से गुहार लगाते रहे कि कम से कम कुछ मिनट के लिए मां-बाप अपने बच्चे को देख लें, पर नियमों की दीवार ने उनकी बात को रोक दिया। जब बात नहीं बनी तो आक्रोश में ग्रामीणों ने डुमरी नंबर दो, खपड़हवा चौकी के पास भटहट-बांसस्थान मार्ग पर शव रखकर सड़क जाम कर दिया। कुछ समय तक माहौल तनावपूर्ण बना रहा, लेकिन बाद में पुलिस और प्रशासन के हस्तक्षेप से जाम खुलवाया गया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।

गांव में पसरा मातम और सवालों का साया

मासूम सूरज की मौत ने पूरे गांव को गहरे शोक में डाल दिया है। परिवार के लोग अब भी विश्वास नहीं कर पा रहे कि जिसने कुछ दिन पहले तक मां के लिए पुकार लगाई थी, अब वही बच्चा हमेशा के लिए चला गया। सूरज का नाना गिरधारी पटेल प्रशासन से रो-रोकर कह रहे हैं कि अगर समय रहते बच्चे को उसकी मां के पास रहने की अनुमति मिल जाती तो शायद वह जिंदा होता। गांव के लोगों का कहना है कि यह घटना सिर्फ एक पारिवारिक त्रासदी नहीं बल्कि प्रशासनिक संवेदनहीनता का भी उदाहरण है। स्थानीय लोग शासन से मांग कर रहे हैं कि ऐसे मामलों में मानवीय दृष्टिकोण अपनाया जाए, ताकि किसी अन्य परिवार को ऐसी पीड़ा न झेलनी पड़े। सूरज की मासूम मौत ने न सिर्फ एक परिवार बल्कि पूरे इलाके की संवेदनाओं को झकझोर दिया है, जहां एक बच्चे की मां को पुकारते हुए थम गई जिंदगी अब न्याय और संवेदना दोनों की परीक्षा बन गई है।

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