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त्योहार के बाद भी नहीं थमी रेल यात्रियों की भीड़: गोरखधाम एक्सप्रेस में पैर रखने तक की जगह नहीं, प्रशासन ने दी चेतावनी

त्योहार के बाद भी नहीं थमी रेल यात्रियों की भीड़ गोरखधाम एक्सप्रेस में पैर रखने तक की जगह नहीं, प्रशासन ने दी चेतावनी

Passengers overcrowding Gorakhpur Express trains after festival season

गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर त्योहारों के बाद भी यात्रियों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। दीपावली और छठ जैसे प्रमुख पर्वों के बाद जहां लोगों के घर लौटने की उम्मीद थी, वहीं अब काम पर वापसी का सिलसिला शुरू होने के साथ ही प्लेटफॉर्म्स पर अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है। खासतौर पर गोरखपुर से चलने वाली लंबी दूरी की ट्रेनों जैसे गोरखधाम एक्सप्रेस, सप्तक्रांति एक्सप्रेस और अवध एक्सप्रेस में यात्रियों की इतनी भीड़ उमड़ी कि ट्रेन के दरवाजों तक जगह नहीं बची। कई यात्री दरवाजे पर लटककर या फर्श पर बैठकर यात्रा करने को मजबूर हो गए। रेलवे स्टेशन पर लंबी-लंबी कतारों में खड़े यात्री ट्रेन के डिब्बों में घुसने की जद्दोजहद करते नजर आए। यात्रियों ने बताया कि सीट पाने के लिए सुबह से लाइन में लगना पड़ा, फिर भी ज्यादातर लोगों को खड़े होकर या दरवाजे के पास बैठकर सफर करना पड़ा। हालात ऐसे थे कि कई परिवारों के छोटे बच्चे और बुजुर्ग यात्रियों को भी असुविधा झेलनी पड़ी। स्टेशन पर पुलिस और आरपीएफ की टीम लगातार भीड़ को नियंत्रित करने में जुटी रही और यात्रियों को दरवाजे पर लटकने से रोकने की अपील करती रही।

गोरखधाम एक्सप्रेस में पैर रखने तक की जगह नहीं, यात्रियों ने सुनाई आपबीती

गोरखपुर से चलने वाली प्रतिष्ठित गोरखधाम एक्सप्रेस में स्थिति सबसे खराब रही। ट्रेन के हर कोच में यात्रियों की संख्या क्षमता से कई गुना अधिक थी। कई लोगों ने बताया कि टिकट होने के बावजूद उन्हें सीट नहीं मिली और उन्हें वॉशरूम के सामने या फर्श पर बैठना पड़ा। एक यात्री ने कहा कि “मैं दिल्ली से खड़े-खड़े आया था, अब जब लौट रहा हूं तो ट्रेन में जगह नहीं मिली। दरवाजे के पास बैठकर सफर करना पड़ा।” त्योहारों के बाद जब लोग अपने कार्यस्थलों पर लौट रहे हैं, तब हर ट्रेन में भीड़ चरम पर है। रेलवे ने व्यवस्था संभालने के लिए प्लेटफॉर्म पर अतिरिक्त कर्मचारी और सुरक्षाकर्मी तैनात किए हैं, जो यात्रियों को लाइन से अंदर भेजने और गेट पर व्यवस्था बनाए रखने में मदद कर रहे हैं। स्टेशन के हर कोने में यात्रियों की भीड़ देखी जा सकती है, वहीं ट्रेन के अंदर स्थिति और भी गंभीर रही। कई यात्रियों ने शिकायत की कि डिब्बों में सांस लेने तक की जगह नहीं थी, और न ही फर्श पर बैठने की सुविधा मिल सकी। इस अव्यवस्था के बावजूद अधिकांश लोग किसी तरह सफर पूरा करने को मजबूर रहे।

रेलवे की चुनौती बढ़ी, प्रशासन की अपील – “पहले से करें यात्रा की योजना”

त्योहारी सीजन के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रेलवे ने कई विशेष कदम उठाए थे। पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने अतिरिक्त भीड़ को देखते हुए कई फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनें और गोरखधाम एक्सप्रेस की क्लोन ट्रेन भी चलाईं। इन ट्रेनों ने कुछ हद तक राहत दी, लेकिन यात्रियों की संख्या इतनी अधिक रही कि भीड़ को पूरी तरह नियंत्रित करना संभव नहीं हो सका। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, गोरखपुर से दिल्ली, मुंबई, लखनऊ और कोलकाता रूट की ट्रेनें सबसे अधिक प्रभावित हैं। टिकट काउंटरों पर भी भीड़ बढ़ गई है, जहां लंबी लाइनों में खड़े यात्री कन्फर्म टिकट पाने की कोशिश में लगे हैं। रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे अपनी यात्रा की पहले से योजना बनाएं, ताकि अनावश्यक भीड़ और असुविधा से बचा जा सके। साथ ही प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से यात्रियों को दरवाजे पर खड़े होकर या लटककर यात्रा न करने की सख्त चेतावनी दी है। अधिकारियों ने कहा कि बिना आरक्षण यात्रा करना न सिर्फ असुविधाजनक बल्कि खतरनाक भी साबित हो सकता है। त्योहारों के बाद की इस भीड़ से निपटने के लिए रेलवे लगातार अतिरिक्त ट्रेनें चलाने और भीड़ प्रबंधन में सुधार के प्रयास कर रहा है।

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