गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर जंक्शन पर बुधवार को पूर्वोत्तर रेलवे ने ‘स्वच्छता ही सेवा-2025’ अभियान का शुभारंभ किया। इस अवसर पर महाप्रबंधक उदय बोरवणकर ने प्लेटफार्म नंबर 1 पर अधिकारियों, कर्मचारियों और विभागाध्यक्षों को स्वच्छता की शपथ दिलाई। उन्होंने सभी को महात्मा गांधी के उस विचार की याद दिलाई जिसमें कहा गया था कि स्वतंत्रता का असली अर्थ तभी पूरा होगा जब भारत स्वच्छ और सशक्त बने। जीएम ने स्पष्ट किया कि प्रत्येक नागरिक का दायित्व है कि वह वर्ष में कम से कम 100 घंटे यानी सप्ताह में दो घंटे श्रमदान कर समाज और देश को स्वच्छ रखने में योगदान दे। उन्होंने कहा कि यदि हर व्यक्ति यह जिम्मेदारी निभाए तो गंदगी फैलने की समस्या स्वतः ही खत्म हो जाएगी। उन्होंने सभी से अपील की कि वे न केवल खुद सफाई पर ध्यान दें, बल्कि दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें।
श्रमदान और निरीक्षण की तस्वीर
शपथ ग्रहण के बाद महाप्रबंधक ने स्वयं सफाई अभियान में भाग लिया। उन्होंने प्लेटफार्म पर स्वच्छता मशीन चलाकर करीब 200 मीटर क्षेत्र में सफाई कार्य किया। इस दौरान महिला सफाई कर्मचारियों से बातचीत कर उनकी समस्याएं सुनीं और अधिकारियों को तुरंत समाधान के निर्देश दिए। विशेष रूप से प्लेटफार्म पर पानी की निकासी, कचरे के प्रबंधन और ड्रेन कवर की मरम्मत जैसे मुद्दों पर उन्होंने तत्काल कदम उठाने के आदेश दिए। अभियान के दौरान कर्मचारियों में उत्साह देखने को मिला और यात्रियों ने भी जीएम के साथ श्रमदान कर अभियान को सार्थक बनाया। महाप्रबंधक ने कहा कि जब जिम्मेदार अधिकारी खुद श्रमदान करते हैं तो यह समाज के लिए एक बड़ा संदेश होता है कि सफाई केवल कर्मचारियों का नहीं बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है।
रनिंग रूम और सुविधाओं का सुधार
स्वच्छता अभियान के बाद महाप्रबंधक ने डीजल लॉबी और रनिंग रूम का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने क्रू सदस्यों की सुविधा का विशेष ध्यान रखते हुए बेड आवंटन व्यवस्था, कमरों की स्थिति, मेस और किचन की गुणवत्ता का जायजा लिया। उन्होंने खानपान की गुणवत्ता में सुधार लाने, रनिंग रूम की क्षमता बढ़ाने और विद्युत समस्याओं को जल्द से जल्द दूर करने के निर्देश दिए। महाप्रबंधक ने साफ कहा कि ट्रेन परिचालन में क्रू की भूमिका अहम है और यदि उन्हें बेहतर सुविधाएं दी जाएंगी तो उनका प्रदर्शन भी और अधिक प्रभावी होगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि स्वच्छ और व्यवस्थित कार्यस्थल से कर्मचारियों की कार्यक्षमता बढ़ती है, और इसी उद्देश्य से रेलवे लगातार सुविधाओं को उन्नत करने का प्रयास कर रहा है।