गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – पूर्वोत्तर रेलवे द्वारा आयोजित राजभाषा सप्ताह-2025 के अंतर्गत गोरखपुर स्थित एन.ई. रेलवे सीनियर सेकेंडरी स्कूल में शनिवार, 20 सितम्बर को सांस्कृतिक और रचनात्मक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर हिंदी वाक् प्रतियोगिता, स्लोगन लेखन और पेंटिंग प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ, जिसमें एन.ई. रेलवे हायर सेकेंडरी स्कूल और एन.ई. रेलवे बालिका इंटर कॉलेज के विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। बच्चों ने हिंदी भाषा की महत्ता और उसकी सांस्कृतिक धरोहर को अपने विचारों और कला के माध्यम से प्रस्तुत किया। मंच पर बच्चों की मौलिक सोच और कल्पनाशीलता को देखकर उपस्थित दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका उत्साहवर्धन किया।
विजेताओं की सूची और पुरस्कृत प्रतिभागी
आयोजन में बच्चों ने अपनी रचनात्मक क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया। हिंदी वाक् प्रतियोगिता में रागिनी ने प्रथम स्थान हासिल किया, जबकि मोहम्मद फरहान दूसरे और तंजिला फातिमा तीसरे स्थान पर रहीं। स्लोगन प्रतियोगिता में निशा सैनी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, त्रिशांगी योगराज द्वितीय और नंदिनी चौधरी तृतीय स्थान पर रहीं। पेंटिंग प्रतियोगिता में अलंकृता शर्मा ने प्रथम स्थान हासिल किया, अनन्या सिंह द्वितीय स्थान पर और श्वेता सिंह व निशा सैनी संयुक्त रूप से तृतीय स्थान पर रहीं। प्रतियोगिता का संचालन वरिष्ठ अनुवादक अनामिका सिंह ने किया और आयोजन की जिम्मेदारी विद्यालय के प्रधानाचार्य सूरज सिंह रावत ने निभाई। विजेताओं को पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर के राजभाषा अधिकारी सह वकाधि मुख्यालय गोपाल प्रसाद गुप्ता ने सम्मानित किया। उन्होंने बच्चों को बधाई देते हुए कहा कि हिंदी केवल भाषा नहीं बल्कि हमारी संस्कृति की आत्मा है और बच्चों की सक्रिय भागीदारी से इसकी महत्ता और प्रबल होती है।
कार्यक्रम का महत्व और प्रभाव
राजभाषा सप्ताह के इस आयोजन में रेलवे स्कूल के शिक्षक-शिक्षिकाएं, विद्यार्थी और राजभाषा विभाग के कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। सभी ने बच्चों की प्रतिभा और उनके प्रयासों की सराहना की। उपस्थित लोगों का कहना था कि ऐसे आयोजनों से न केवल हिंदी भाषा के प्रति बच्चों में लगाव बढ़ता है, बल्कि उनकी रचनात्मकता और आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है। बच्चों ने अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से स्वच्छता, समाज सुधार और राष्ट्रीय एकता जैसे विषयों पर संदेश दिया। इस कार्यक्रम ने साबित किया कि जब शिक्षा और संस्कृति को जोड़ा जाता है तो विद्यार्थियों की क्षमता कई गुना बढ़ जाती है। राजभाषा सप्ताह का यह आयोजन गोरखपुर रेलवे स्कूल के लिए ही नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणा का स्रोत बना, जिसने बच्चों में हिंदी भाषा और कला के प्रति नई ऊर्जा का संचार किया।