गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर नगर निगम ने इंदिरा बाल विहार के सामने स्थित प्रसिद्ध चटोरी गली को नो-व्हीकल ज़ोन घोषित कर दिया है और अब यहाँ किसी भी तरह का वाहन खड़ा करने पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। नियमों के तहत गली के अंदर या आसपास बेतरतीब खड़ी की गई गाड़ियों को क्रेन की मदद से उठाकर सीधे गोलघर स्थित जलकल परिसर या यातायात विभाग के पार्किंग स्थल में जमा किया जा रहा है। वाहन मालिकों को गाड़ी वापस लेने के लिए जुर्माना भरना पड़ता है। दोपहिया वाहनों पर 200 रुपये और चारपहिया वाहनों पर 500 रुपये का जुर्माना तय किया गया है। नगर निगम का कहना है कि लगातार लोगों को जागरूक किया जा रहा है लेकिन फिर भी बड़ी संख्या में गाड़ियाँ सड़क पर खड़ी की जा रही हैं, जिससे ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़ती है और दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। इसी वजह से निगम और यातायात विभाग की टीमें प्रतिदिन अभियान चलाकर लगभग 30 से अधिक गाड़ियों को जब्त कर रही हैं। अधिकारी मानते हैं कि यह कार्रवाई तब तक जारी रहेगी जब तक लोग नियमों का पालन करने की आदत नहीं डाल लेते।
पार्किंग की सुविधा और वाहन मालिकों का अनुभव
नगर निगम और यातायात विभाग की ओर से चटोरी गली आने वाले लोगों के लिए दो वैकल्पिक पार्किंग स्थलों की व्यवस्था की गई है। इनमें पहला गोलघर स्थित जलकल परिसर और दूसरा जीडीए टावर है। दोनों जगह पर पर्याप्त स्थान उपलब्ध है और वाहन मालिकों को केवल वहीं गाड़ी खड़ी करने की अनुमति है। इसके बावजूद कई लोग जल्दबाजी में या जानकारी न होने के कारण सीधे चटोरी गली के आसपास गाड़ियाँ पार्क कर देते हैं, जिन्हें बाद में जब्त कर लिया जाता है। देवरिया से आए संतोष सिंह ने बताया कि वे अपने बेटे को परीक्षा दिलाने आए थे और गलती से गाड़ी बाहर खड़ी कर दी थी। जब वापस लौटे तो गाड़ी उठाई जा चुकी थी और उन्हें जलकल जाकर फाइन भरना पड़ा। इसी तरह सलेमपुर निवासी शिवाकांत पंकज और मोहद्दीपुर के अरविंद कुमार यादव ने भी जुर्माना चुकाकर गाड़ी वापस ली और भविष्य में नियमों का पालन करने का संकल्प लिया। गाड़ी उठाए जाने से लोगों को असुविधा तो होती है लेकिन वे मानते हैं कि नियम व्यवस्था के लिए बनाए गए हैं और इनका पालन सभी को करना चाहिए।
Chatori Gali: शहर का नया आकर्षण और प्रशासन की सख्ती
चटोरी गली गोरखपुरवासियों के लिए तेजी से लोकप्रिय होता जा रहा है। नगर निगम द्वारा विकसित यह स्थान अब शहर का प्रमुख फूड और फैमिली डेस्टिनेशन बन चुका है। शाम होते ही यहाँ बड़ी संख्या में लोग परिवार और दोस्तों के साथ स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेने पहुँचते हैं। चाट, पकौड़ी, कवाब-पराठा, कुल्हड़ चाय और मोमोज जैसे स्ट्रीट फूड यहाँ की खासियत बन गए हैं। गली की दीवारों पर बनी आकर्षक म्यूरल पेंटिंग्स और सजावट इसे युवाओं के लिए एक इंस्टाग्रामेबल लोकेशन बना चुकी हैं। यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है और इसी तर्ज पर अन्य शहरों में भी चटोरी गली विकसित करने की योजना है। हालांकि बढ़ती भीड़ और अव्यवस्थित पार्किंग ने प्रशासन के सामने चुनौती खड़ी कर दी थी। इसी वजह से इसे नो-व्हीकल ज़ोन घोषित किया गया और सख्त कार्रवाई शुरू हुई। अधिकारियों का कहना है कि ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त रखने और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह कदम जरूरी था। अब यह जिम्मेदारी भी लोगों की है कि वे पार्किंग स्थल का ही उपयोग करें और अपने शहर को साफ-सुथरा और व्यवस्थित बनाए रखने में योगदान दें।