गोरखपुर नगर निगम में सोमवार को आयोजित स्वच्छ भारत मिशन की समीक्षा बैठक में नगर आयुक्त ने साफ शब्दों में कहा कि अब शहर में गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। बैठक में शहर के 13 चयनित आदर्श वार्डों में चल रहे सफाई अभियानों की प्रगति रिपोर्ट पर विस्तार से चर्चा की गई। नगर आयुक्त ने कहा कि कई स्थानों पर लोग गोबर, घरेलू कचरा और निर्माण मलबा खुले में डालकर न केवल गंदगी फैला रहे हैं, बल्कि शहर की छवि को भी धूमिल कर रहे हैं। ऐसे व्यक्तियों को चिन्हित कर तुरंत कार्रवाई करने और जुर्माना लगाने के निर्देश जारी किए गए।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि “जो लोग यूजर चार्ज देने के बावजूद गंदगी फैलाते हैं, उन्हें दोगुना दंड भुगतना पड़ेगा।” इसके साथ ही उन्होंने सफाई कर्मियों की उपस्थिति और उनके कार्य प्रदर्शन पर भी कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया ताकि किसी भी वार्ड में सफाई व्यवस्था बाधित न हो।
डोर-टू-डोर कलेक्शन और मॉनिटरिंग व्यवस्था पर फोकस
बैठक के दौरान नगर आयुक्त ने उन वार्डों की भी समीक्षा की, जहां अतिरिक्त वाहनों की सुविधा दी गई है। उन्होंने सफाई निरीक्षकों को आदेश दिया कि प्रत्येक वाहन के लिए तय रूट चार्ट बनाया जाए और हर घर से कचरा संग्रहण सुनिश्चित किया जाए। साथ ही, नगर निगम के कंट्रोल रूम के माध्यम से इन वाहनों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग करने के भी निर्देश दिए गए ताकि पारदर्शिता बनी रहे और किसी स्तर पर लापरवाही न हो।
इस दौरान यह भी चर्चा हुई कि जिन सफाई कर्मियों का वेतन रोका गया है, उनकी स्थिति को लेकर संबंधित निरीक्षक, वाहन प्रभारी और लेखा अधिकारी नगर आयुक्त को रिपोर्ट सौंपें। नगर आयुक्त ने यह भी कहा कि आदर्श वार्डों में स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 की तैयारी को प्राथमिकता दी जाए और हर वार्ड को स्वच्छता टूलकिट के आधार पर मूल्यांकन के लिए तैयार किया जाए।
उन्होंने पार्षदों, एमआरएफ (Material Recovery Facility) और आरआरआर (Reduce, Reuse, Recycle) सेंटरों के संचालकों के साथ अलग-अलग बैठकें आयोजित करने को भी कहा ताकि प्रत्येक स्तर पर जवाबदेही तय की जा सके।
जनजागरूकता, होम कम्पोस्टिंग और समुदाय की भागीदारी
स्वच्छता को सिर्फ निगम की जिम्मेदारी न मानते हुए नगर आयुक्त ने जनसहभागिता पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि हर आदर्श वार्ड में तैनात आईईसी (Information, Education & Communication) मोबाइलाइजर लोगों के बीच जाकर स्वच्छता का संदेश फैलाएं और घर-घर अभियान चलाएं। आरआरआर सेंटरों के माध्यम से पुनः उपयोगी सामग्री वितरण कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश भी दिया गया, जिनमें स्थानीय पार्षद, जागरूकता टीमें और स्वयंसेवी संस्थाएँ शामिल होंगी। नगर निगम द्वारा होम कम्पोस्टिंग को बढ़ावा देने के लिए घरों में कंपोस्टर वितरण कार्यक्रम की योजना बनाई गई है, जिससे जैविक कचरे का स्थानीय स्तर पर निस्तारण संभव हो सके।
नगर आयुक्त ने अधिकारियों को चेताया कि स्वच्छ सर्वेक्षण में बेहतर परिणाम लाने के लिए सभी विभागों में समन्वय और सतर्कता आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि “गोरखपुर की सड़कों, वार्डों और कॉलोनियों को अगर स्वच्छ और आकर्षक बनाना है, तो हर नागरिक को इस मिशन का सक्रिय भागीदार बनना होगा।” बैठक के अंत में उन्होंने उम्मीद जताई कि सामूहिक प्रयासों से गोरखपुर आने वाले सर्वेक्षण में शीर्ष स्थान हासिल करेगा और स्वच्छ भारत मिशन की असली भावना को साकार करेगा।