गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर में रविवार को समाजवादी पार्टी की मासिक बैठक आयोजित हुई, जिसमें शहर और ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े कई संगठनात्मक व राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता महानगर अध्यक्ष शब्बीर कुरैशी ने की और संचालन महानगर महासचिव बृजनाथ मौर्य द्वारा किया गया। बैठक में मुख्य एजेंडा बूथ लेवल एजेंट नियुक्त करने की प्रक्रिया रहा। पार्टी नेतृत्व ने विधानसभा क्षेत्र के अध्यक्षों को स्पष्ट निर्देश दिया कि वे जल्द से जल्द बीएलए की नियुक्ति पूरी करें, ताकि संगठनात्मक ढांचे को जमीनी स्तर पर मजबूत किया जा सके। इसके साथ ही सोशल मीडिया से जुड़े दिशा-निर्देश भी दिए गए, जिसमें कहा गया कि किसी भी प्रकार की ऐसी सामग्री साझा करने से बचना चाहिए, जिससे समाज के किसी वर्ग की धार्मिक या सामाजिक भावनाएं आहत हों। पार्टी पदाधिकारियों का मानना है कि संगठनात्मक मजबूती के साथ-साथ सामाजिक सौहार्द बनाए रखना भी उतना ही आवश्यक है, क्योंकि यही सपा की मूल विचारधारा का हिस्सा है। बैठक के दौरान कार्यकर्ताओं को यह भी समझाया गया कि आने वाले चुनावों में हर बूथ पर सक्रियता और मजबूती संगठन के लिए निर्णायक साबित होगी।
भाजपा सरकार पर सपा का तीखा हमला, जनता से जोड़े गए मुद्दे
बैठक के दौरान महानगर अध्यक्ष शब्बीर कुरैशी ने भाजपा सरकार पर जोरदार हमला बोला और कहा कि लगातार बढ़ती महंगाई और फैलते भ्रष्टाचार ने आम लोगों की जिंदगी कठिन बना दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की नीतियों ने लोकतंत्र और संविधान को कमजोर करने का काम किया है। उनके अनुसार आज सरकार में न्याय की बजाय अन्याय और अत्याचार बढ़ रहे हैं, जिससे जनता निराश और असुरक्षित महसूस कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने पीडीए वर्ग के साथ लगातार भेदभाव किया है और उनकी उपेक्षा की है, जिसकी वजह से यह वर्ग अब एकजुट होकर एक मजबूत सामाजिक और राजनीतिक विकल्प के रूप में सामने आ रहा है। कुरैशी ने यह भी कहा कि भाजपा शासन में धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद की मूल भावना को गहरी चोट पहुंची है, जिससे समाज में अमीर-गरीब की खाई और चौड़ी हो रही है। विकास कार्यों के ठप पड़ने का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि जनता अब बदलाव चाहती है और भाजपा सरकार को सत्ता से बाहर करने के लिए संकल्पित है। सपा नेताओं का यह भी मानना है कि मौजूदा हालात ने लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि प्रदेश के वास्तविक विकास के लिए भाजपा नहीं बल्कि सपा ही एकमात्र विकल्प है।
नए सदस्यों का सपा में प्रवेश, संगठन को मिली मजबूती
गोरखपुर की इस बैठक का एक और खास पहलू रहा नए सदस्यों का पार्टी में शामिल होना। राष्ट्रीय कायस्थ एकता मंच के राष्ट्रीय संरक्षक संजय श्रीवास्तव अपने समाज के दर्जनों साथियों के साथ सपा में शामिल हुए। इसी तरह धनंजय पासवान ने भी अपने समुदाय के कई साथियों के साथ पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। नए सदस्यों के शामिल होने से पार्टी को न केवल संगठनात्मक रूप से मजबूती मिली है बल्कि स्थानीय स्तर पर सामाजिक जुड़ाव भी बढ़ा है। सपा नेताओं ने इन नए सदस्यों का स्वागत करते हुए उन्हें पार्टी की विचारधारा और सिद्धांतों के साथ जनता के बीच काम करने की प्रेरणा दी। बैठक में मौजूद नेताओं ने विश्वास जताया कि विभिन्न वर्गों और समुदायों से जुड़ने की यह प्रक्रिया आने वाले चुनावों में पार्टी की स्थिति को और मजबूत करेगी। पार्टी कार्यकर्ताओं का मानना है कि जिस तरह लोग महंगाई, भ्रष्टाचार और असमानता से परेशान हैं, उसी तरह नए सामाजिक समूहों का समर्थन सपा को एक व्यापक जनाधार प्रदान करेगा। गोरखपुर की इस बैठक ने साफ संकेत दे दिया है कि सपा आगामी राजनीतिक संघर्ष में भाजपा सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाने के लिए तैयार है और जनता के मुद्दों को अपने केंद्र में रखकर आगे बढ़ने वाली है।