गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर में इन दिनों त्वचा संबंधी बीमारियों का प्रकोप तेजी से बढ़ता जा रहा है। जिला अस्पताल की ओपीडी में रोजाना सैकड़ों मरीज स्किन इंफेक्शन की समस्या लेकर पहुंच रहे हैं। चिकित्सकों के अनुसार, बीते कुछ दिनों से यह संख्या लगातार बढ़ रही है और अब प्रतिदिन औसतन 300 मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं। इनमें से लगभग 250 नए मरीज होते हैं जो पहली बार इस समस्या के कारण अस्पताल पहुंच रहे हैं। अस्पताल के त्वचा रोग विशेषज्ञ कक्ष के बाहर लंबी कतारें देखी जा रही हैं। डॉक्टरों का कहना है कि भले ही ठंड ने दस्तक दे दी है, लेकिन बरसाती मौसम के कारण नमी और संक्रमण के मामलों में वृद्धि हुई है। लगातार गीलेपन, पसीने और अनुचित सफाई के चलते संक्रमण तेजी से फैल रहा है। यह संक्रमण बच्चों, बड़ों और बुजुर्गों सभी में देखा जा रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि लोगों की थोड़ी सी लापरवाही ही इस समस्या को गंभीर बना रही है।
फंगल इंफेक्शन के सबसे ज्यादा मामले, डॉक्टरों ने बताई बड़ी वजहें
जिला अस्पताल के त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. नवीन कुमार वर्मा के अनुसार, उनकी ओपीडी में आने वाले मरीजों में आधे से अधिक फंगल इंफेक्शन से पीड़ित हैं। सोमवार को ही करीब 300 लोग स्किन प्रॉब्लम को लेकर पहुंचे, जिनमें से 250 नए केस थे। यह आंकड़ा बताता है कि स्किन इंफेक्शन कितनी तेजी से फैल रहा है। डॉक्टर वर्मा के मुताबिक, गोरखपुर में मौसमी बदलाव और नमी भरे वातावरण के कारण फंगल संक्रमण के केस बढ़ते हैं। लोग अक्सर बरसात या ठंड की शुरुआत में शरीर को ठीक से सूखा नहीं पाते, गीले कपड़ों में रहते हैं या दूसरों के तौलिया और साबुन का इस्तेमाल करते हैं। यही छोटी-छोटी आदतें संक्रमण को बढ़ावा देती हैं। उन्होंने बताया कि कई बार लोग खुजली या पपड़ी जैसी समस्या को हल्के में लेकर खुद से दवा लगाने लगते हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ जाती है। डॉ. वर्मा ने यह भी कहा कि “अगर समय पर इलाज न कराया जाए तो यह संक्रमण शरीर के दूसरे हिस्सों तक फैल सकता है और दूसरों को भी संक्रमित कर सकता है।”
लक्षण पहचानें, सतर्क रहें और इन आदतों से बचें संक्रमण से
डॉक्टरों के अनुसार, फंगल इंफेक्शन शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है, लेकिन अक्सर यह जांघों, पीठ, गर्दन, हाथ या पैरों पर अधिक देखा जाता है। इसके सामान्य लक्षणों में खुजली, त्वचा पर पपड़ी जमना, खाल उतरना, दरारें पड़ना और लाल चक्कते बनना शामिल हैं। यदि ऐसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉ. वर्मा ने बताया कि थोड़ी-सी सावधानी बरतने से इस संक्रमण से बचा जा सकता है। उन्होंने सलाह दी कि लोग हमेशा सूती कपड़े पहनें क्योंकि यह त्वचा को सांस लेने देता है और पसीने को सोखता है। नहाने के बाद शरीर के हर हिस्से को अच्छी तरह सुखाएं, गीले कपड़े या जूते लंबे समय तक न पहनें और किसी भी दूसरे व्यक्ति का तौलिया, साबुन या कंघा इस्तेमाल न करें। इसके अलावा साफ-सुथरे और सूखे कपड़े पहनने की आदत डालें तथा पसीने के बाद तुरंत कपड़े बदलें। उन्होंने कहा कि बरसात में भीगने से बचना और त्वचा की नियमित सफाई संक्रमण को काफी हद तक रोक सकती है। स्वास्थ्य विभाग ने भी लोगों से अपील की है कि संक्रमण के किसी भी लक्षण को नजरअंदाज न करें और घर पर खुद से इलाज करने के बजाय चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।