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Gorakhpur News : गोरखपुर में बीमार बिल्ली ने दो साल के बच्चे को काटा, अगले दिन हुई मौत, डरे परिवार ने कराया इलाज

Gorakhpur news in hindi : रामपुर मलौली क्षेत्र में हुई घटना, मासूम को जिला अस्पताल में मिला उपचार, डॉक्टर बोले- चिंता की बात नहीं

Mother takes injured child to Gorakhpur district hospital after cat bite | Gorakhpur News

गोरखपुरउत्तर प्रदेश –  गोरखपुर जिले के रामपुर मलौली क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक दो साल के मासूम बच्चे को घर के बाहर खेलते समय एक बीमार बिल्ली ने काट लिया। बच्चे की मां श्वेता मौर्या ने बताया कि शुक्रवार दोपहर उनका बेटा घर के आंगन में खेल रहा था। कुछ देर बाद अचानक उसके रोने की आवाज आई तो वह घबरा गईं और बाहर दौड़ीं। उन्होंने देखा कि एक बिल्ली उनके बच्चे के पास से भाग रही थी और बच्चे के पैर से खून बह रहा था। घबराई हुई मां ने तुरंत बच्चे को अंदर लाकर उसका घाव साफ किया, मरहम लगाया और पट्टी बांधी। श्वेता ने बताया कि जब उन्होंने घाव को करीब से देखा, तो नाखून जैसे निशान और काटने के गहरे दाग नजर आए। उस वक्त घर पर कोई और नहीं था, इसलिए उन्होंने अपने स्तर पर प्राथमिक उपचार किया। इस घटना के बाद परिवार में दहशत फैल गई कि आखिर वह बिल्ली अचानक इतनी आक्रामक क्यों हो गई।

बिल्ली की मौत के बाद बढ़ा डर, मां बोलीं- क्यों काटा मेरे बच्चे को?

इस घटना के अगले ही दिन उस बिल्ली की मौत हो गई, जिससे परिवार की चिंता और भी बढ़ गई। श्वेता ने बताया कि वह बिल्ली पिछले कुछ दिनों से उनके घर के आसपास ही दिखाई दे रही थी। उसे देखकर लगता था कि वह बीमार है और कमजोर भी। शनिवार को सुबह वह घर के पास ही मृत पाई गई। बिल्ली की मौत ने परिवार के मन में नए डर को जन्म दिया – कहीं यह कोई बीमारी का संकेत तो नहीं था? श्वेता का कहना था, “मुझे समझ नहीं आया कि बिल्ली ने मेरे बच्चे को ही क्यों काटा और फिर हमारे घर के पास ही क्यों मरी।” उन्होंने बताया कि बिल्ली के काटने के बाद से ही वह डरी हुई थीं और किसी अनहोनी की आशंका सता रही थी। उनके पति हैदराबाद में कारपेंटर के रूप में काम करते हैं और घर पर वह बेटे के साथ अकेली रहती हैं। परिवार खेती-बाड़ी से जुड़ा है, इसलिए उस समय कोई ऐसा नहीं था जो उन्हें अस्पताल तक साथ ले जा सके। बच्चे के चाचा के घर आने पर ही वह सोमवार को उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचीं।

अस्पताल में मिला उपचार, डॉक्टर बोले – घबराने की जरूरत नहीं

श्वेता सोमवार को बच्चे को लेकर जिला अस्पताल पहुंचीं, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि डरने की कोई बात नहीं है। चिकित्सकों के अनुसार, समय पर घाव की सफाई और टीकाकरण से ऐसी स्थिति में संक्रमण का खतरा काफी कम हो जाता है। अस्पताल सूत्रों ने बताया कि बच्चे की हालत सामान्य है और उसे एंटी – रेबीज वैक्सीन दी गई है ताकि भविष्य में किसी भी तरह का खतरा न रहे। डॉक्टरों ने परिवार को यह भी समझाया कि जानवरों के काटने पर घबराने के बजाय तुरंत चिकित्सकीय सहायता लेनी चाहिए। वहीं, क्षेत्र के लोगों ने भी राहत की सांस ली है कि बच्चे को गंभीर चोट नहीं लगी। स्थानीय लोगों के अनुसार, वह बिल्ली लंबे समय से इलाके में घूमती देखी जा रही थी और बीमार प्रतीत होती थी। संभव है कि बीमारी की वजह से उसका व्यवहार आक्रामक हो गया हो। इस घटना ने लोगों को सतर्क कर दिया है कि पालतू या आवारा जानवरों की गतिविधियों पर ध्यान रखना जरूरी है, खासकर जब बच्चे आसपास खेल रहे हों। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि ऐसे मामलों में तुरंत अस्पताल जाकर उचित इलाज कराएं और किसी भी जानवर की असामान्य हरकतों की सूचना पशु विभाग को दें।

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