गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर में समाजवादी पार्टी के बेतियाहाता स्थित कार्यालय पर मंगलवार को आयोजित पीडीए जन पंचायत और संगठनात्मक बैठक में पार्टी नेताओं ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष ब्रजेश कुमार गौतम ने की जबकि संचालन जिला महासचिव रामनाथ यादव और महानगर अध्यक्ष शब्बीर कुरैशी ने संभाला। इस मौके पर मुख्य अतिथि समाजवादी अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रवि गौड़ रहे, जिन्होंने अपने संबोधन में कहा कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में लगातार पीडीए पंचायतें आयोजित की जा रही हैं ताकि पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक समाज को एकजुट कर 2027 में अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाने का लक्ष्य हासिल किया जा सके। उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि पीडीए वर्ग के साथ अन्याय और शोषण हो रहा है। डॉ. गौड़ ने दावा किया कि जहां कहीं भी अन्याय हो रहा है, सपा प्रतिनिधिमंडल वहां पहुंचकर पीड़ितों की आवाज उठाता है। उनके अनुसार भाजपा जनता की समस्याओं से पूरी तरह अनभिज्ञ है, जिसके चलते शिक्षा, स्वास्थ्य और कानून व्यवस्था चरमराई हुई है। उन्होंने कहा कि भाजपा नफरत की राजनीति कर रही है और कारोबार तथा रोजगार दोनों को नुकसान पहुंचा रही है, जिससे जनता अब बदलाव चाहती है और 2027 में सत्ता परिवर्तन के लिए तैयार है।
सपा नेताओं ने गिनाईं भाजपा सरकार की विफलताएं
बैठक में जिलाध्यक्ष ब्रजेश कुमार गौतम ने कहा कि भाजपा सरकार पीडीए वर्ग के अधिकार और अवसर छीन रही है। उनके अनुसार भ्रष्टाचार और लूट चरम पर है और किसान, मजदूर तथा नौजवान लगातार परेशान हैं। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी और महंगाई ने आम जनता का जीवन मुश्किल बना दिया है। सपा नेताओं का मानना है कि भाजपा की नीतियां गरीब और वंचित वर्गों के खिलाफ काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि पीडीए एक सकारात्मक नारा है जो सभी वर्गों को साथ लेकर नई व्यवस्था बनाने का संकल्प देता है। जिलाध्यक्ष ने यह भी कहा कि समाजवादी व्यवस्था में सभी को समान सम्मान और अवसर मिलेगा। बैठक में कई वक्ताओं ने यह दावा किया कि भाजपा केवल समाज में वैमनस्य और विभाजन की राजनीति करती है जबकि सपा समावेशी और विकासपरक राजनीति के लिए जानी जाती है। सपा नेताओं ने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे गांव-गांव जाकर जनता को जागरूक करें और भाजपा सरकार की नीतियों से होने वाले नुकसान को उजागर करें।
पीडीए नारे का महत्व और राजनीतिक संदेश
कार्यक्रम के दौरान यह भी स्पष्ट किया गया कि पीडीए नारा समाजवादी पार्टी की राजनीतिक रणनीति का अहम हिस्सा है। इसमें पी का अर्थ पिछड़ा वर्ग, डी का मतलब दलित और ए का संकेत अल्पसंख्यक वर्ग से है। सपा नेताओं ने कहा कि ये तीनों वर्ग मिलकर समाज और राजनीति की बड़ी ताक़त हैं, जिन्हें भाजपा सरकार लगातार हाशिये पर धकेल रही है। उनका कहना था कि भाजपा शासन में इन वर्गों को न तो बराबरी का अवसर मिल रहा है और न ही उनका सम्मान सुरक्षित है। सपा का दावा है कि 2027 के विधानसभा चुनाव में यही तीनों वर्ग निर्णायक भूमिका निभाएंगे और भाजपा को सत्ता से बाहर करेंगे। बैठक में यह भी कहा गया कि भाजपा सरकार की नीतियों से किसानों की आय बढ़ने के बजाय लगातार गिर रही है, बेरोजगारी चरम पर है और युवाओं का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है। सपा नेताओं ने संकल्प लिया कि आने वाले समय में जनता के बीच लगातार पहुंच बनाई जाएगी और पीडीए नारे को हर घर तक पहुंचाकर 2027 में समाजवादी सरकार बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव के नेतृत्व में प्रदेश में विकास, रोजगार और समान अवसरों की नई शुरुआत होगी।




