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Gorakhpur News : सहजनवां के अनन्तपुर में प्राथमिक विद्यालय तक नहीं पक्का रास्ता, बरसात में कीचड़ और फिसलन से शिक्षा प्रभावित

Gorakhpur news in hindi : बारिश के दिनों में शिक्षक और बच्चे दोनों झेलते हैं कठिनाइयाँ, ग्रामीणों ने रास्ता निर्माण की उठाई मांग

Muddy road leading to primary school in Sahjanwa Gorakhpur | Gorakhpur News

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर जिले के सहजनवां विकास खंड के अंतर्गत ग्राम पंचायत अनन्तपुर का प्राथमिक विद्यालय आज भी बुनियादी सुविधाओं के अभाव में संघर्ष कर रहा है। विद्यालय तक पहुँचने के लिए कोई पक्का मार्ग नहीं है, जिसके कारण शिक्षक और विद्यार्थी दोनों को हर दिन कठिनाई का सामना करना पड़ता है। ग्रामीण बताते हैं कि यह समस्या कोई नई नहीं है, बल्कि बीते दस वर्षों से यह विद्यालय सुगम पहुँच मार्ग से वंचित है। विद्यालय तक जाने वाली सड़क पूरी तरह कच्ची है और बरसात के मौसम में यह कीचड़ से भर जाती है। ऐसे में बच्चों के साथ-साथ महिला शिक्षिकाओं को भी जोखिम उठाना पड़ता है। कई बार फिसलने और चोट लगने की घटनाएं सामने आई हैं। इस स्थिति के कारण विद्यालय की उपस्थिति दर प्रभावित होती है, क्योंकि बरसात में माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल भेजने से कतराते हैं। शिक्षकों का कहना है कि पथरीली और दलदली मिट्टी के बीच से रोजाना स्कूल तक पहुँचना किसी चुनौती से कम नहीं है। विद्यालय प्रबंधन भी बार-बार स्थानीय अधिकारियों को समस्या से अवगत करा चुका है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

बरसात में बदहाल स्थिति और शिक्षा पर पड़ता असर

बरसात के मौसम में अनन्तपुर प्राथमिक विद्यालय तक पहुँचने वाला रास्ता दलदल में बदल जाता है। फिसलन भरी सड़क पर बच्चे गिरकर चोटिल हो जाते हैं, जबकि शिक्षिकाओं को कई बार पानी और कीचड़ में गिरना पड़ता है। इस कारण विद्यालय की नियमित पढ़ाई बाधित होती है और कई बार कक्षाएं खाली रह जाती हैं। ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय के चारों ओर पानी भर जाता है जिससे बच्चों को स्कूल तक पहुँचने में काफी समय लगता है। कुछ दिनों तक लगातार बारिश होने पर विद्यालय तक पहुँचना लगभग असंभव हो जाता है। इससे बच्चों की शिक्षा पर सीधा असर पड़ता है और उपस्थिति दर में गिरावट आती है। शिक्षक बताते हैं कि वे इस परिस्थिति में भी बच्चों को पढ़ाने का हर संभव प्रयास करते हैं, लेकिन खराब रास्ते और सुविधाओं की कमी से शिक्षण कार्य प्रभावित होता है। विद्यालय में न तो पहुंचने का स्थायी मार्ग है और न ही बरसात से बचाव के लिए कोई जलनिकासी की व्यवस्था। ऐसे में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि जब शिक्षा को सशक्त बनाने के लिए सरकार विभिन्न योजनाएं चला रही है, तो यह विद्यालय अब भी मूलभूत ढांचे से क्यों वंचित है।

ग्रामीणों की पहल और प्रशासन से उम्मीदें

ग्राम पंचायत अनन्तपुर के लोगों ने इस समस्या को लेकर जिला प्रशासन और खंड विकास अधिकारी सहजनवां से हस्तक्षेप की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय तक जाने वाले रास्ते पर अवैध कब्जे की संभावना भी हो सकती है, जिसकी जांच आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया है कि विद्यालय तक पक्का मार्ग जल्द से जल्द बनाया जाए ताकि बच्चों और शिक्षकों को सुरक्षित आवाजाही मिल सके। ग्रामीणों का कहना है कि यह सिर्फ सड़क का नहीं बल्कि शिक्षा के अधिकार से जुड़ा मामला है। जब तक विद्यालय तक सुरक्षित रास्ता नहीं बनेगा, तब तक बच्चों की शिक्षा निरंतर प्रभावित होती रहेगी। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्यवाही नहीं हुई तो वे सामूहिक रूप से प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। वहीं स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी उम्मीद जताई जा रही है कि वे इस मुद्दे को प्राथमिकता दें और शासन स्तर पर निर्माण की प्रक्रिया शुरू करवाएं। फिलहाल, यह देखना होगा कि प्रशासन इस जमीनी समस्या को कितनी गंभीरता से लेता है और कब तक इस विद्यालय को पक्के रास्ते का लाभ मिल पाता है। अनन्तपुर का यह विद्यालय उस सच्चाई की झलक पेश करता है, जहाँ शिक्षा का अधिकार आज भी बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रहा है।

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