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Gorakhpur News : RSS के शताब्दी वर्ष पर शस्त्र पूजन और पथ संचलन, गोरखपुर में गूंजे “भारत माता की जय” के नारे

Gorakhpur news in hindi : विजयदशमी उत्सव पर संघ के दक्षिण भाग में हुआ शस्त्र पूजन कार्यक्रम, पूर्ण गणवेश में स्वयंसेवकों ने किया अनुशासित पथ संचलन, समाज में समरसता और राष्ट्र निर्माण का संदेश दिया

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गोरखपुरउत्तर प्रदेश – गोरखपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के दक्षिण भाग द्वारा विजयदशमी उत्सव और संगठन के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक भव्य शस्त्र पूजन कार्यक्रम आयोजित किया गया। दीनदयाल नगर के सुभाष बस्ती एवं गुरुद्वारा बस्ती द्वारा विंध्यवासिनी पार्क में हुए इस आयोजन में सैकड़ों स्वयंसेवकों ने अनुशासन और एकता का प्रदर्शन किया।

कार्यक्रम की शुरुआत प्रांत संघचालक डॉ. महेंद्र अग्रवाल, कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ. एस.के. लाट और विभाग प्रचारक अजय नारायण द्वारा संघ संस्थापक डॉ. हेडगेवार और गुरु गोलवलकर के चित्र पर पुष्प अर्पित कर की गई। तत्पश्चात शस्त्र पूजन संपन्न हुआ और पूर्ण गणवेश में स्वयंसेवकों ने नगर के विभिन्न मार्गों से पथ संचलन किया। पूरे संचलन के दौरान “भारत माता की जय” और “जय श्रीराम” के उद्घोष से वातावरण गुंजायमान हो उठा।

इस अवसर पर उपस्थित स्वयंसेवकों ने संघ की अनुशासित परंपरा और संगठन की एकजुटता का परिचय दिया।

समाज निर्माण की दिशा में संघ की भूमिका

विभाग प्रचारक अजय नारायण ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना समाज में समरसता और सशक्त राष्ट्र निर्माण के उद्देश्य से की गई थी। उन्होंने कहा कि “व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण” का जो संकल्प संघ ने सौ वर्ष पूर्व लिया था, वही आज उसके कार्यों की आधारशिला है।

विजयदशमी को शक्ति, संयम और सत्य की विजय का प्रतीक बताते हुए उन्होंने भगवान राम के जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही। अजय नारायण ने कहा कि असत्य और अन्याय के विरुद्ध सत्य की जीत का यह पर्व संघ के प्रत्येक स्वयंसेवक को यह स्मरण कराता है कि राष्ट्रहित सर्वोपरि है।

उन्होंने बताया कि शताब्दी वर्ष में संघ पाँच प्रमुख विषयों पर कार्य कर रहा है-सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी जीवनशैली और नागरिक कर्तव्य। उनका कहना था कि इन विषयों पर कार्य करके भारत को आत्मनिर्भर और एकजुट बनाया जा सकता है। विभाग प्रचारक ने समाज से इन आदर्शों को अपनाने और राष्ट्र के पुनर्निर्माण में योगदान देने की अपील की।

अनुशासन, एकता और राष्ट्रभक्ति का प्रदर्शन

पथ संचलन के दौरान स्वयंसेवकों ने अपनी पारंपरिक पूर्ण गणवेश में अनुशासन और समर्पण का उदाहरण प्रस्तुत किया। सड़कों पर जब स्वयंसेवकों का जत्था गुज़रा तो नागरिकों ने उनका स्वागत करते हुए राष्ट्रभक्ति के नारों से वातावरण को जीवंत कर दिया।

इस कार्यक्रम में नगर संघचालक प्रो. राजेश सिंह, विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के सह मंत्री डॉ. रामनाथ गुप्त, डॉ. अमित सिंह ‘श्रीनेत’, नगर कार्यवाह राजकुमार, डॉ. दिलीपमणि त्रिपाठी सहित अनेक वरिष्ठ कार्यकर्ता और समाजसेवी उपस्थित रहे। एनएमओ संगठन से भी कई चिकित्सक स्वयंसेवकों ने भाग लिया। कार्यक्रम का आयोजन न केवल दक्षिणी भाग में बल्कि पूरे महानगर के अन्य हिस्सों में भी किया गया।

आर्यनगर, विवेकानंद नगर और विकास नगर सहित कई बस्तियों में शस्त्र पूजन और पथ संचलन के कार्यक्रम हुए। आर्यनगर के तिलक बस्ती में सह विभाग संघचालक आत्मा सिंह ने संबोधित किया, जबकि विवेकानंद नगर के केशव बस्ती में प्रो. रामदरश राय ने स्वयंसेवकों को प्रेरित किया।

उत्तर भाग के विकास नगर की बरगदवा बस्ती में भी शस्त्र पूजन कार्यक्रम हुआ, जहाँ मुख्य वक्ता के रूप में विभाग प्रचारक अजय नारायण उपस्थित रहे। इस अवसर पर शशिकांत, जो गोरखनाथ विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग के अध्यक्ष हैं, ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि संघ के सौ वर्षों की यात्रा इस बात का प्रमाण है कि संगठन अनुशासन, राष्ट्र सेवा और आत्मबल के सिद्धांतों पर खड़ा है।

गोरखपुर में हुए इन आयोजनों ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि संघ के स्वयंसेवक केवल संगठन के कार्यकर्ता नहीं, बल्कि समाज के सजग प्रहरी हैं जो देश की एकता, संस्कृति और आत्मगौरव की रक्षा के लिए निरंतर सक्रिय हैं।

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