गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत फरवरी 2026 में गोरखपुर का दौरा करेंगे। यह दौरा संघ के शताब्दी वर्ष समारोह का हिस्सा होगा, जिसकी शुरुआत विजयादशमी के दिन 2 अक्टूबर 2025 से की जाएगी। इस दौरान संघ की ओर से कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जिनका उद्देश्य समाज में समरसता, संगठन और सहभागिता को मजबूत करना है। मोहन भागवत के गोरखपुर प्रवास को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं और अनुमान है कि उनका यह दौरा दो दिनों का होगा। हालांकि उनकी यात्रा की सटीक तिथियां अभी घोषित नहीं की गई हैं। माना जा रहा है कि इस दौरान वे एक बड़े सामाजिक सद्भाव सम्मेलन को संबोधित करेंगे जिसमें विभिन्न वर्गों के लोग शामिल होंगे। इस दौरे को विशेष महत्व इसलिए भी दिया जा रहा है क्योंकि लंबे समय बाद गोरखपुर में संघ के शीर्ष नेतृत्व का इतना बड़ा जमावड़ा होगा।
सामाजिक सद्भाव बैठकों का आयोजन और उद्देश्य
संघ द्वारा फरवरी 2026 के पूरे महीने यानी 1 से 28 फरवरी तक सामाजिक सद्भाव बैठकों का आयोजन किया जाएगा। इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य जाति और बिरादरी के भेदभाव को मिटाकर हिन्दू समाज को एकजुट करना है। संघ पदाधिकारियों के अनुसार निर्दोष, निडर और संगठित समाज का निर्माण ही इन कार्यक्रमों का लक्ष्य है। लोगों को यह संदेश दिया जाएगा कि किसी भी जाति या बिरादरी की समस्या केवल उसकी नहीं बल्कि पूरे हिन्दू समाज की सामूहिक समस्या है। इस अवसर पर सर कार्यवाह सहित संघ के अन्य केंद्रीय पदाधिकारी भी शामिल हो सकते हैं। यह पहल गोरखपुर सहित पूर्वांचल क्षेत्र में सामाजिक एकता को बल देगी और “हिन्दू प्रथम” की संकल्पना को आगे बढ़ाएगी। स्थानीय कार्यकर्ताओं का मानना है कि इन बैठकों से समाज के हर वर्ग को समान मंच पर लाकर एक नई सामाजिक ऊर्जा का संचार होगा।
शताब्दी वर्ष के अन्य कार्यक्रम और उनकी रूपरेखा
RSS के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में केवल गोरखपुर ही नहीं बल्कि देशभर में कई चरणबद्ध कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। विजयादशमी उत्सव से शुरुआत होगी जो 2 से 15 अक्टूबर 2025 तक चलेगा और इसमें हर हिन्दू परिवार से कम से कम एक किशोर व महिला की भागीदारी सुनिश्चित करने का लक्ष्य है। इसके बाद 2 नवंबर से 2 दिसंबर 2025 तक घर-घर संपर्क अभियान चलाया जाएगा जिसका उद्देश्य हर घर तक संघ विचार पहुंचाना है। इसके बाद 24 दिसंबर 2025 से 11 जनवरी 2026 तक मंडल और बस्ती स्तर पर हिन्दू सम्मेलन होंगे, जिनमें शाखाओं का आयोजन, जागरण टोली और व्यवसायी शाखाओं का गठन किया जाएगा। मार्च 2026 में प्रमुख जन गोष्ठियां होंगी जिनमें नागरिक समाज की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। अगस्त 2026 में शालेय और बाल कार्ययोजना के तहत हर गांव और बस्ती में शाखा लगाने का प्रयास होगा। इसके साथ सितंबर 2026 में युवा केंद्रित कार्यक्रम होंगे जिनका उद्देश्य हर बस्ती में सक्षम टोली का निर्माण करना है। इन सभी आयोजनों के माध्यम से संघ का लक्ष्य समाज के हर वर्ग को जोड़ना और देशहित में सक्रिय बनाना है।