गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर जिले के लिए हालात लगातार चुनौतीपूर्ण होते जा रहे हैं क्योंकि नेपाल की पहाड़ियों पर भारी बारिश के चलते जिले की प्रमुख नदियां राप्ती और रोहिणी उफान पर हैं। प्रशासनिक आंकड़ों के मुताबिक राप्ती नदी का जलस्तर 74.480 मीटर तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान से केवल आधा मीटर नीचे है। वहीं रोहिणी नदी 82.920 मीटर पर बह रही है और पहले ही अपने खतरे के निशान को पार कर चुकी है। यह स्थिति निचले इलाकों के लिए गंभीर संकट का संकेत है। प्रशासन ने पहले से ही प्रभावित हो सकने वाले क्षेत्रों की पहचान कर ली है और लोगों को अलर्ट जारी कर सावधान रहने की अपील की है। नदियों का बढ़ता जलस्तर इस बात का संकेत है कि यदि बारिश का दौर जारी रहा तो बाढ़ की आशंका और ज्यादा गहरा सकती है।
प्रशासन की तैयारियां और राहत इंतजाम
गोरखपुर प्रशासन ने संभावित आपदा से निपटने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं। प्रभावित इलाकों में तैनात टीमें लगातार स्थिति पर नजर रख रही हैं और जरूरत पड़ने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने की योजना बनाई गई है। राहत और बचाव दलों के साथ-साथ चिकित्सा इकाइयों और आपूर्ति विभाग को भी सक्रिय कर दिया गया है। प्रशासन ने सड़कों, पुलों और ड्रेनेज सिस्टम का निरीक्षण शुरू कर दिया है ताकि किसी भी आपात स्थिति में राहत कार्य बाधित न हो। नागरिकों को सतर्क करने के लिए मोबाइल अलर्ट, रेडियो प्रसारण और सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है, जिससे नदियों के जलस्तर में और बढ़ोतरी हो सकती है। ऐसे में प्रशासन ने अपनी निगरानी और अधिक सख्त कर दी है और किसी भी संभावित खतरे के लिए पूरी तरह तैयार रहने का दावा किया है।
नागरिकों के लिए सावधानियां और प्रशासन की अपील
प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे नदियों के किनारे न जाएं और बच्चों व बुजुर्गों को अकेला न छोड़ें। लोगों को सलाह दी गई है कि वे अपने जरूरी सामान और कीमती वस्तुएं ऊंचे स्थानों पर सुरक्षित रखें और जरूरत पड़ने पर तुरंत राहत केंद्रों का सहारा लें। प्रशासन ने आपातकालीन नंबर और राहत केंद्रों की जानकारी भी आम लोगों तक पहुंचा दी है ताकि किसी भी संकट की घड़ी में सहायता तुरंत मिल सके। नागरिकों को यह भी कहा गया है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल प्रशासनिक घोषणाओं व आधिकारिक संदेशों पर भरोसा करें। वर्तमान हालात को देखते हुए बाढ़ का खतरा पूरी तरह से टला नहीं है, इसलिए सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है। गोरखपुर प्रशासन ने साफ किया है कि यदि बारिश का दबाव और बढ़ा तो राहत और बचाव कार्यों को और तेज किया जाएगा और प्रभावित इलाकों में तत्काल सहायता पहुंचाई जाएगी।